भाजपा के संघर्ष के कारण दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं को मिली राहतः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः दिल्ली प्रदेश बीजेपी ने शुक्रवार को बिजली के बिल मे लगने वाले पीपीएसी यानी बिजली खरीद समायोजन लागत के मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर हमला बोला। पार्टी के कहा कि पीपीएसी को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और निजी बिजली कंपनी के सांठगांठ की पोल खुल गई है। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बीजेपी के संघर्ष के कारण दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलने वाली है और अब उनका बिजली बिल काफी कम आएगा।

उन्होंने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के एक आदेश की प्रति दिखाते हुए कहा, “बीजेपी का अप्रैल 2024 से चला आ रहा संघर्ष रंग लाया है और दिल्ली में प्रदेश सरकार और निजी बिजली कम्पनियों की सांठगांठ से बिजली बिलों में मनमाने तरीके से लगने वाले बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) में 50 प्रतिशत से अधिक की कटौती हुई है। इसकी घोषणा दिल्ली के ऊर्जा सचिव ने की है।”

उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रयासों से बिजली बिलों में लगने वाले भारी भरकम पीपीएसी में 50 प्रतिशत की कटौती हुयी है और अब उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा। इस मौके पर दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता डॉ. अनिल गुप्ता, मीडिया रिलेशन के प्रमुख विक्रम मित्तल उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि हमने मई 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही दिल्लीवासियों पर डाले जा रहे पीपीएसी के अनैतिक आर्थिक बोझ का मुद्दा उठाया था और चुनाव के बाद से संगठन और नवनिर्वाचित सांसद इस मुद्दे पर सक्रियता से काम कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमने जुलाई 2024 में इस मुद्दे का सार्वजनिक रूप से उठाया और इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को ज्ञापन भी दिया था।

उन्होंने बताया कि हमने प्रदेश स्तर पर और सभी 14 संगठनात्मक जिलों के स्तर पर प्रदर्शन आयोजित किया और अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में मीडिया के माध्यम से मुद्दे को पुनः उठाया। दिसम्बर के प्रारम्भ में लघु भारती का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा नेताओं से मिला और उसके बाद हमने फिर उपराज्यपाल महोदय के समक्ष निजी बिजली कम्पनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और अन्य कंपनियों द्वारा पीपीएसी और बढ़ाने की मांग का विरोध किया।

उन्होंने कहा कि हमारे दबाव के कारण डीइआरसी को मामले का पारदर्शी विशलेषण करना पड़ा जिसके चलते संवैधनिक संस्था को पीपीएसी और बढ़ाने की मांग को ना सिर्फ खारिज करना पड़ा, बल्कि घटाना भी पड़ा।

उन्होंने बताया कि डॉ. गुप्ता के नेतृत्व में कल 32 उधोगिक क्षेत्रों का एक प्रतिनिधिमंडल फिर सक्सेना से मिला, जहां उपराज्यपाल की उपस्थिति दिल्ली के उर्जा सचिव ने अलग अलग कम्पनियों के बिजली बिलों में लगने वाले पीपीएसी में 50 से 60 प्रतिशत तक की कटौती की घोषणा की।
सचदेवा ने कहा कि बीजेपी के संघर्ष के कारण दिल्ली वालों के बिजली बिलों में भारी छूट मिलेगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और निजी बिजली कम्पनियों की सांठगांठ की पोल खुली है और अब दिल्ली में शीघ्र भाजपा की सरकार बनेगी। इसके बाद हम केजरीवाल सरकार और निजी कम्पनियों की सांठगांठ से 10 वर्ष से चली आ रही लूट का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच के लिए सौंपेंगे।

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