संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः पीएम-अभीम योजना यानी प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा मिशन को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की ओछी राजनीति की वजह से दिल्ली को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया।
इस संबंध में बीजेपी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी और बांसुरी स्वराज ने शुक्रवार को न्यायालय के फैसले को लेकर पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित किया। इस मौके पर दिल्ली प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली के लोगों की स्वास्थ्य चिंता को लेकर बीजेपी सांसदों ने न्यायालय के माध्यम से जो लड़ाई शुरू की है, उसका जल्द ही परिणाम सामने आएगा। संवाददाता सम्मेलन पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शुभेन्दू शेखर अवस्थी भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा, ” ‘पीएम-अभीम योजना’ के अंतर्गत दिल्ली में अस्पतालों, लैब्स और अन्य सुविधाओं के मिलने का रास्ता खुल गया है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बात के लिए आभार व्यक्त करते हैं कि दिल्ली में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने इस योजना के अंतर्गत 2406 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मंजूर की थी, लेकिन केजरीवाल और उनकी पार्टी की ओछी राजनीति के कारण दिल्ली को इस राशि का लाभ नहीं मिल सका।”
उन्होंने कहा कि हम दिल्ली उच्च न्यायालय का भी धन्यवाद करते हैं कि उसके निर्देश के बाद अब दिल्ली सरकार को केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि जिस तरह अब दिल्ली को पीएम-अभीम योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा मिलना संभव हो गया है, उसी तरह दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना भी शीघ्र लागू होगी। दिल्ली के लोग भी देश के बाकी राज्यों की तरह 05 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे।
इस दौरान बांसुरी स्वराज ने कहा कि आयुष्मान भारत केन्द्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके दो पहलू हैं। उन्होंने बताया कि इसका पहला पहलू आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना है, जिसके तहत 05 लाख रुपये का मुफ्त इलाज परिवार को मिलता है और 29 अक्टूबर 2024 से हर 70 साल से बड़े बुजुर्गों को मुफ्त इलाज देने की बात कही गई है, लेकिन दिल्ली में श्री केजरीवाल ने यह लागू नहीं की है।
उन्होंने बताया कि इसकी दूसरा पहलू है “पीएम-अभीम योजना” है, जिसकी घोषणा फरवरी 2021 में की गई थी और अक्टूबर 2021 में शुरू की गयी थी। इस योजना के तहत पैसा आवंटित किया जा रहा है, ताकि स्वास्थ्य से संबंधित बुनियादी ढांचा का उन्नयन किया जा सके। दिल्ली के लिए 2406.77 करोड़ रुपये आवंटन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 1139 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र बनने थे, 11 डिस्ट्रिक्ट इंटिग्रेटेड पल्बिक हेल्थ लैब, 09 क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स बनने थे। वहीं, 950 बिस्तर का क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स बनने थे, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि एमओयू बना हुआ रखा है, हस्ताक्षर नहीं होता, क्योंकि दिल्ली के विकास में अवरोध डालने के अलावा श्री केजरीवाल को और कुछ नहीं आता।
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने स्वयं संज्ञान लेते हुए 24 दिसम्बर को एक आदेश जारी किया, जिसमें साफ लिखा हुआ है कि जब 33 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशो ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिया है, तो दिल्ली सरकार को क्या दिक्कत है और इसके लिए 05 जनवरी 2025 का समय निर्धारित किया गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीएम-अभीम योजना को लेकर दिल्ली सरकार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रा के साथ पांच जनवरी तक एमओयू पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया है।
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