ढाकाः बांग्लादेश में अल्पसंख्य समुदायों के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां पर कट्टरपंथी आए दिन किसी न किसी अल्पसंख्य समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे हैं। इसी कड़ी में क्रिसमस से एक दिन पहले ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों के 17 घर जला दिए गए। यह घटना बंदरबन जिले के चटगांव पहाड़ी इलाके में हुई। पीड़ितों का दावा है कि जब वे क्रिसमस के मौके पर प्रार्थना करने के लिए चर्च गए थे, तब मौके का फायदा उठाकर उनके घरों में आग लगाई गई।
ईसाई समुदाय के लोगों ने बताया कि इस घटना में उनका 15 लाख टका (बांग्लादेशी करंसी) से ज्यादा का नुकसान हुआ है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया।पुलिस ने कहा कि बुधवार दोपहर तक आगजनी के संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक त्रिपुरा समुदाय के 19 परिवार बंदरबन (चटगांव पहाड़ी इलाका) के लामा सराय के एसपी गार्डन में रहते थे। यह गार्डन हसीना सरकार में बड़े अधिकारी रहे बेनजीर अहमद का है। इसे एसपी गार्डन के नाम से जाना जाता है।
आपको बता दें कि 05 अगस्त के बाद बेनजीर अहमद और उनके परिवार के लोग यह इलाका छोड़कर चले गए थे। इसके बाद यहां त्रिपुरा समुदाय के 19 परिवार आकर रहने लगे। कल शाम जब सभी लोग क्रिसमस के मौके पर पड़ोस के चर्च में प्रार्थना करने गए तो उपद्रवियों ने खालीपन का फायदा उठाकर घरों को जला दिया।
वहीं, ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों ने बताया कि ये उनकी ही जमीन है। पहले इस इलाके का नाम तंगझिरी पारा था। इस पर बेनजीर अहमद के लोगों ने कब्जा कर लिया था और यहां का नाम बदलकर एसपी गार्डन कर दिया था।
पीड़ित परिवार के सदस्य गंगा मणि त्रिपुरा ने कहा कि उन्हें 17 नवंबर से ही इलाका खाली करने को कहा जा रहा था। वे यहां रहने के लिए बड़ी रकम की मांग कर रहे थे।
गंगा ने कहा कि उसने स्टीफन त्रिपुरा समेत 15 लोगों के खिलाफ लामा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। अब घर जल जाने की वजह से सभी परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। गंगा ने कहा कि हमारे पास अब कुछ भी नहीं है, जब घर के साथ जलकर खाक हो चुका है।