दिल्लीः रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार (21 दिसंबर) को 101 रेलवे अधिकारियों को 69वें अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने यहां के भारत मंडपम में ‘मैं हूं भारतीय रेल’ थीम पर आयोजित समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जोनों को 22 शील्ड भी प्रदान किये। इस मौके पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ सतीश कुमार, रेलवे बोर्ड के सदस्य और विभिन्न जोनों और उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधक उपस्थि रहे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मौके पर पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और एक दशक में रेलवे की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कश्मीर से कन्याकुमारी रेल लिंक परियोजनाओं को पूरा करने और पूर्वोत्तर कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 2025 तक 100प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वंदे भारत, नमो भारत और माल ढुलाई गलियारों जैसी परियोजनाओं ने गति पकड़ ली है। कवच सुरक्षा प्रणाली को बड़े पैमाने पर लागू किया गया है।
वैष्णव ने 1.5 लाख पदों को भरने पर जोर दिया तो स्वच्छता पहल की प्रशंसा की और कहा कि एक नया सुपर ऐप जल्द ही यात्री अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव लायेगा। उन्होंने सुरक्षा, रखरखाव, गुणवत्ता और प्रशिक्षण में प्रयासों को तीन गुना करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसमें शून्य पटरी से उतरने वाले क्षेत्रों जैसी पहलों को शील्ड और वित्तीय पुरस्कारों से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
रेलमंत्री ने उन्होंने अगले वर्ष से उत्कृष्ट एसएमक्यूटी (सबसे सुरक्षित, रखरखाव, गुणवत्ता और प्रशिक्षण) प्रथाओं के माध्यम से रेलवे की कार्य संस्कृति में उत्कृष्टता लाने के लिए शील्ड के साथ-साथ वित्तीय पुरस्कारों की भी घोषणा की।
वहीं, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ सतीश कुमार ने कहा कि रेलवे विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव के साथ-साथ सस्ती रेल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीआरबी ने कहा कि “गति, आराम और सुरक्षा” हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सतर्कता की संस्कृति विकसित करने के लिए रेलवे अधिकारियों की प्रशंसा की. कहा कि रेलवे निर्बाध गति, आधुनिकीकरण और भारत के लोगों की सेवा के प्रति समर्पण के माध्यम से उत्कृष्टता और प्रगति का प्रतीक है।
इस दौरान सभी क्षेत्रों में ओवर ऑल उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे एवं मध्य रेलवे को संयुक्त रूप से गोविंद वल्लभ पंत शील्ड प्रदान किया। इस अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे के चार अधिकारियों/ कर्मचारियों सहित भारतीय रेल के कुल 101 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके असाधारण योगदान के लिए 69वां अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार 2024 प्रदान किया गया।
जीएम सौम्या माथुर और एजीएम दिनेश कुमार सिंह ने पुरस्कार लिया। संरक्षा शील्ड जीएम सौम्या माथुर तथा प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा तथा रेल मदद पोर्टल के माध्यम से प्राप्त यात्रियों के परिवादों के त्वरित निस्तारण हेतु जीएम सौम्या माथुर तथा अपर महाप्रबंधक दिनेश कुमार सिंह को रेल मदद शील्ड प्रदान किया गया। वरिष्ठ कोचिंग डिपो अधिकारी गोरखपुर बलराम ने कोचिंग डिपो, गोरखपुर में आरडीएसओ आशोधनों को लागू कराकर व्हील सेलिंग में 30 प्रतिशत तथा स्प्रिंग ब्रेकेज में 40 प्रतिशत कमी लाई है। उन्होंने 570 वातानुकूलित कोचों में फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगाए जिससे लागत में दो करोड़ की कमी आई।
रेल मदद पोर्टल से प्राप्त परिवादों के त्वरित निस्तारण हेतु रेल मदद शील्ड पूर्वोत्तर रेलवे को प्राप्त हुई। परिवादों के गुणवत्ता युक्त निस्तारण पर परिवादकर्ताओं ने उत्कृष्ट प्रतिक्रिया दी है। पूर्वोत्तर रेलवे पर अच्छे संरक्षा रिकार्ड एवं कार्यों को देखते हुए संरक्षा शील्ड प्रदान की गई। पूर्वोत्तर रेलवे को सभी क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन के लिए गोविंद वल्लभ पंत शील्ड प्रदान किया गया।
पुरस्कार पाने वालों में पू्र्व रेलवे के रोहित रंजन (वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर), हेमंत कुमार ( उप मुख्य अभियंता), मोहम्मद नासिर ( वरिष्ठ मंडल सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर), जितेंद्र प्रसाद सिंह (इलेक्ट्रिक लोको पायलट), बालयोगेश्वर प्रसाद ( मुख्य वाणिज्य निरीक्षक/मुख्य वाणिज्य पर्यवेक्षक), तापस साधुखां ( इलेक्ट्रिक लोको पायलट), रौशन कुमार ( ट्रैक मेंटेनर) और उत्पल मंडल (सहायक उप निरीक्षक) शामिल हैं।
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे हर साल अपने कर्मचारियों को अति विशिष्ट रेल पुरस्कार प्रदान करता है। ये पुरस्कार दो श्रेणियों में दिए जाते हैं, व्यक्तिगत पुरस्कार, साथ ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले रेलवे जोनों को दी जाने वाली शील्ड।