जयरपुरः राजस्थान में भजनलाल सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने के मौके पर 17 दिसंबर को जयपुर के ददिया में भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पर पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) के पहले चरण का शिलान्यास करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार को केंद्र से 63 हजार करोड़ मिल सकते हैं।
पीएम मोदी की सभा को लेकर तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। पीएम मोदी की सभा में भीड़ जुटाने के लिए सभी विधायकों को टारगेट भी दे दिए गए हैं। सभास्थल तक करीब तीन लाख लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि 17 दिसंबर को राज्य सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर जयपुर के ददिया में पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा होगी। इस जनसभा में 03 लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे।
गौरतलब है कि भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने पर राजस्थान में 12 से 17 दिसंबर तक बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में 12 दिसम्बर को प्रदेश के सभी जिलों में रन फॉर विकसित राजस्थान के जरिए शुभारम्भ हुआ। इसी दिन राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री रोजगार उत्सव और युवा सम्मेलन में प्रदेशभर में 15 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए 85 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत की गई। इसके बाद 13 दिसंबर को राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन के जरिए 74 लाख से अधिक किसान और पशुपालकों के बैंक खातों में 700 करोड़ से अधिक की राशि का सीधा हस्तान्तरण किया गया।
वहीं, 14 दिसंबर को उदयपुर में आयोजित होने वाले महिला सम्मेलन के तहत 01 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने, 10 हजार स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फंड और कम्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फंड से आर्थिक सहायता देने, स्वयं सहायता समूह सदस्यों को आर्थिक सम्बल देने के क्रम में राजसखी पोर्टल की शुरुआत हुई। 15 दिसम्बर को जयपुर में प्रस्तावित राज्य स्तरीय विकास प्रदर्शनी, प्रदेशभर में अन्त्योदय सेवा शिविर का आयोजन होगा।
17 दिसम्बर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें पीएम मोदी शामिल होंगे और विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। साथ ही विभिन्न वर्गों को विकास कार्यों के लोकार्पण, शिलान्यास और योजनाओं का शुभारम्भ कर विशेष सौगातें देंगे, जिसमे ERCP परियोजना शामिल है।
पीएम मोदी जयपुर में होने वाले समारोह में पीकेसी-ईआरसीपी के पहले चरण का शिलान्यास करेंगे। विभाग के अधिकारी योजना की निर्माण लागत का 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र से लेने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि 70 हजार करोड़ के पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट में से केवल 07 हजार करोड़ ही राज्य सरकार को खर्च करने होंगे। आपको केंद्र सरकार ने इसे रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट में शामिल किया है। इस परियोजना में 21 जिले शामिल हैं, जहां पेयजल और सिंचाई के लिए पानी पहुंचेगा. करीब 158 बांध-तालाब और अन्य जल स्रोत को भरा जाएगा। इसके लिए 600 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रिजर्व रखेंगे.
आपको बता दें कि केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस सांसद भजनलाल जाटव के सवाल के जवाब में बताया कि ईआरसीपी और पीकेसी लिंक परियोजना की अंतिम लागत दोनों राज्यों में सभी घटकों की डीपीआर तैयार होने के बाद तय होगी। उन्होंने ने बताया कि इस परियोजना से राजस्थान के 21 और मध्य प्रदेश के 15 जिलों को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध होगा। पीकेसी लिंक परियोजना में चंबल, पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपारेल, गंभीरी और मेज नदी शामिल है।
परियोजना शुरू होने की तारीख और कार्य पूरा होने की अवधि के बारे में चौधरी ने बताया कि यह इस बात पर निर्भर है कि दोनों राज्य संबंधित घटकों की डीपीआर कितने समय में पूरी करेंगे, इसके साथ ही आवश्यक वैधानिक मंजूरी लेनी होगी और अन्य प्रारंभिक आवश्यकताओं को पूरा करना होगा. पहला चरण चार साल में पूरा होगा, इसमें नवनेरा बैराज से बीसलपुर और ईसरदा तक पानी लाया जाएगा. इसके तहत रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नौनेरा में नहरी तंत्र और पंपिंग स्टेशन, मेज नदी पर पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा, दूसरे चरण का प्लान फाइनल कर रहे हैं।
क्या है ईआरसीपी: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) में कालीसिंध, पार्वती, मेज और चाकन उप-बेसिनों में उपलब्ध व्यर्थ बहने वाले मानसून के पानी का उपयोग किया जाना है. इसे बनास, गंभीरी, बाणगंगा के पानी की कमी वाले उप-बेसिनों में मोड़कर चंबल बेसिन के भीतर पानी के इंटर बेसिन ट्रांसफर की परिकल्पना की गई थी. योजना के पूरा होने पर पूर्वी राजस्थान के 21 जिलों को कृषि, उद्योगों व पेयजल के लिए पानी मिलेगा. इस प्रोजेक्ट से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक और दूदू जिला शामिल है. सबसे पहले ईआरसीपी प्रोजेक्ट की परिकल्पना पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय की गई थी।
ईआरसीपी के माध्यम से 21 जिलों को पीने का पानी 251000 हेक्टेयर नया सिंचित क्षेत्र और 152000 हैक्टयर सिंचित क्षेत्र का पुर्नरूद्धार करने की दिशा में काम कर रहे हैं वहीं भैरो सिंह शेखावत के समय हरियाणा के साथ यमुना जल समझौते को 32 वर्ष बाद धरती पर उतारने का काम श्री शर्मा के कुशल नेतृत्व का परिणाम है उन्होंने कहा कि पारदर्शी शासन और नौ नीतियां जारी कर भाजपा की राज्य सरकार ने पहले साल में यह बता दिया है कि आने वाले दिनों में बदलता हुआ विकसित राजस्थान पूरे दुनिया देखेगी और इस पहले साल में विकसित राज्य की आधारशिला रखने का महत्वपूर्ण काम प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान में हुआ है।
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