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‘रेल संशोधन विधेयक’ लोकसभा में पारित, वैष्णव बोले…झूठी खबर न फैलाए विपक्ष, फेल हो चुकी है संविधान को लेकर उनकी फर्जी कहानी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः रेलवे के संचालन को अधिक सरल और सुविधाजनक बनाने तथा स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को ज्यादा शक्ति देने के लिए दो पुराने कानूनों को जोड़कर बनाया गया ‘रेल संशोधन विधेयक -2024’ बुधवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। विधेयक पर चर्चा के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि रेलवे का निजीकरण नहीं होगा। उन्होंने बुधवार को लोकसभा में कहा कि यह विपक्ष इसको लेकर एक फर्जी कहानी बनाने का प्रयास कर रहा है। मैं पूरी ईमानदारी से अपील करता हूं कि वे ऐसा न करें, संविधान के बारे में उनकी एक फर्जी कहानी पहले ही विफल हो चुकी है।

मंत्री वैष्णव ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा है, “कुछ सदस्यों ने कहा है कि विधेयक से रेलवे का निजीकरण होगा। एक फर्जी कहानी बनाने का प्रयास है। मैं पूरी ईमानदारी से अपील करता हूं कि वे ऐसा न करें, संविधान के बारे में उनकी एक फर्जी कहानी पहले ही विफल हो चुकी है। रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य रेलवे बोर्ड के कामकाज और स्वतंत्रता को बढ़ाना है। सरकार रेलवे अधिनियम 1989 और भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम के एकीकरण की दिशा में आगे बढ़ी है।”

रेल मंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आपका एक संविधान का फेक नैरेटिव फेल हो चुका है। अब रेलवे के निजीकरण होने जैसा फेक नैरेटिव बनाने की कृपया कोई कोशिश या प्रयास न करें। इस पर विपक्ष ने थोड़ा हंगामा भी किया।

उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड का कानून 1905 में और 1989 में रेलवे अधिनियम बना था। दो अलग-अलग कानूनों की जगह एक ही कानून हो तो अच्छा रहता है। कानूनी ढांचे को आसान बनाने के उद्देश्य से यह नया रेल (संशोधन) विधेयक, 2024 लाया गया है। इससे रेलवे और ट्रेनों को चलाने में और स्पष्टता और आसानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में रेलवे में बड़े स्तर पर डी-सेंट्रलाइजेशन हुआ है।

उन्होंने 10 हजार लोकोमोटिव और 15 हजार किमी रेलवे ट्रैक पर कवच का काम चालू हो गया है। विकसित देशों ने जो 20 साल में काम किया, वह काम भारत ने पांच साल में किया। कवच लगने से 10 किमी दूर का सिग्नल ड्राइवर को केबिन में मिल जाएगा। बाहर कुहासा हो, तो भी कवच से सिग्नल मिलेगा। ओवर स्पीड होने पर कवच ऑटोमेटिक ब्रेक लगा देगा। आप विश्वास नहीं करेंगे कि ट्रायल के दौरान लोको पायलट के चेहरे पर कितनी खुशी थी।

रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेनों में दो तिहाई कोच नॉन एसी होते हैं। एक तिहाई एसी कोच होते हैं। हमने इस अनुपात को बनाए रखा है। जनरल कोच की मांग भी बढ़ी है। इसलिए 12,000 जनरल कोच विशेष तौर पर बनाए जा रहे हैं। 900 अतिरिक्त जनरल कोच ट्रेनों में लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि रेल दुर्घटनाओं की संख्या 1960 के दशक में प्रति वर्ष 1390 से घटकर पिछले दशक में 80 प्रति वर्ष हो गई। 2021-2022 में अभी भी 34, 2022-23 में 48 और 2023-2024 में 40 परिणामी दुर्घटनाएं हुईं।

उन्होंने कहा कि जहां रेलवे के लिए 25-30 हजार करोड़ रुपये का बजट होता था, 2014 में उसको बढ़ाकर दो लाख 52 हजार करोड़ रुपये किया गया। हर राज्य को रिकॉर्ड आवंटन किया गया। इसलिए काम में बहुत तेजी आई है।

उन्होंने कहा कि पहले किसी जीएम के पास बहुत नग्न अधिकार होते थे, आज किसी भी प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रोसेस करने की पावर जीएम के पास है। डीआरएम और अन्य अधिकारियों की पावर भी बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि इस बिल से पार्लियामेंट के रोल में कहीं कोई कमी नहीं आएगी, यह यथावत ही रहेगा। बिल पर चर्चा में 72 सांसदों ने भाग लिया था। विधेयक पर चार दिसंबर को सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर रेलवे के निजीकरण की दिशा में बढ़ने का आरोप लगाया था।

वैष्‍णव ने वंदे भारत ट्रेन की खूबियों के बारे में बताते हुए कहा कि शुरुआत में जब इस ट्रेन का 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल किया गया था। तब ट्रेन के इंजन में पानी से भरा ग्लास रखा गया। उस ग्लास से ना तो पानी छलका और ना ही पानी का वह ग्लास गिरा। हवाई जहाज की तुलना में इस ट्रेन में 100 गुना कम नॉइस पॉल्यूशन होता है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह भी बताया कि अगले पांच सालों में रेलवे अपनी ट्रेनों में लगे तमाम पुराने कोचों की जगह 100 फीसदी नए एलएचबी कोच रिप्लेस कर देगा। उन्होंने अमृत भारत, नमो भारत और अन्य ट्रेनों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने और कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रेलवे गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के बारे में पूरा ध्यान रख रहा है। उनको ध्यान में रखते हुए ही रेलवे आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के जिम्मेदारी संभालने से पहले रेलवे बजट के लिए 25 से 30 हजार करोड़ रुपए मिलते थे। जो की मोदी कार्यकाल में बढ़ाते हुए अब दो लाख 52 हजार करोड़ रुपए के भारी-भरकम बजट में बदल गया है। इसमें बड़ा हिस्सा रेलवे की सुरक्षा के लिए भी है। एक साल में रेलवे ने पांच हजार 300 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बनाए जो की स्विटजरलैंड के नेटवर्क से भी अधिक है।

रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन में दो तिहाई नॉन एसी और वन थर्ड एसी कोच वाले रेश्यों को मेंटेन किया जा रहा है। गरीब और मध्यम वर्गीय यात्रियों को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक जनरल कोच बनाए जा रहे हैं। डिमांड आने पर करीब 12 हजार जनरल कोच बनाए जा रहे हैं। इस वित्तिय वर्ष में 900 कोच ऐड भी किए जा चुके हैं। पूरी तरह से नॉन एसी नई अमृत भारत ट्रेन करीब एक हजार किलोमीटर के सफर को तकरीबन 400 रुपए में पूरा करा रही है। इस ट्रेन को भी वंदे भारत ट्रेन जैसी सुविधाओं और तकनीक से बनाया गया है। अमृत भारत में 20 में से 10 स्लीपर और दस अन्य कोच हैं। यह ट्रेन वंदे भारत की तर्ज पर बनाई गई है। अब हर महीने अमृत भारत की ट्रेन हर महीने या दो महीने में बढाई जाएगी। प्रयागराज में महाकुंभ होने वाला है और इसके लिए 13 हजार रेलों की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि 9000 रेलवे के बिना पहरेदार वाले लेवल क्रोसिंग को खत्म कर दिया गया है और वहां अंडर पास बनाए गये हैं। रेल में नयी तकनीकी का इस्तेमाल कर रेलवे सुरक्षा में सुधार कर आटोमैटिक कंट्रोल को रेलवे में बढाया जा रहा है। रेलवे में सुरक्षा के सभी उपकरणों में सुरक्षा मानकों के साथ लगाया जा रहा है। यात्रियों की सुरक्षा का मामला है इसलिए इन सुरक्षा उपकरणों को उच्च स्तरीय सुरक्षा मानकों के साथ लगाया गया है।

उन्होंने दीपावली और छठ पर स्पेशल ट्रेन चलाकर यात्रियों को सुविधा देने के साथ ही यह भी बताया कि अब महाकुंभ के लिए रेलवे 13 हजार ट्रेनों को चलाने की व्यवस्था की गई है। सेफ्टी के बारे में उन्होंने कवच के वर्जन 4.0 की तारीफ करते हुए इसकी प्रोग्रेस के बारे में भी बताया। रेल मंत्री ने कहा कि 1.23 लाख किलोमीटर लंबी पुरानी पटरियों को बदला गया है। 10 सालों में ट्रेनों में 3.10 लाख नए टायलेट बनाए गए। रेलवे में नौकरियों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यूपीए सरकार में 4 लाख 11 हजार लोगों को नौकरियां मिली थी। जबकि मोदी सरकार में युवाओं को नौकरी मिलने का यह आंकड़ा पांच लाख दो हजार नौजवानों को नौकरियां दी गई।रेलवे में इस समय 58,642 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कश्मीर में बने रेलवे के चिनाब ब्रिज के बारे में बताया कि यह एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है।

रेलवे में रक्तियों को लेकर उन्होंने कहा कि पहले जहां चार लाख 11 हजार लोगों को नौकरी मिली थी मोदी सरकार ने पांच लाख से अधिक लोगों को नौकरी दी है और परीक्षा को बहुत पारदर्शी से कराया गया है। भर्ती के लिए सालना कैलेंडर बनाया गया है और उसके हिसाब से नौकरी दी जा रही है।

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