दिल्लीः दिल्ली- एनसीआर की आबोहवा सुधरने लगी है। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में लागू किए गए ग्रैप 4 के कुछ प्रतिबंधों में छूट देने की अनुमति दी है, लेकिन कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से कहा कि वह ग्रैप 2 से नीचे प्रतिबंधों में ढील न दे। साथ ही ग्रैप 3 में कुछ उपायों को जोड़ने पर भी विचार करे। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने 18 नवंबर को दिल्ली और एनसीआर के सभी राज्यों को प्रदूषण नियंत्रण को लेकर GRAP 4 प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए तत्काल टीमें गठित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेंगे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी सरकार से पूछा था कि GRAP-4 की पाबंदियां लागू होने के बाद कितने मजदूरों को हर्जाना दिया है।इसे लेकर आज दिल्ली सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट शादान फरासत ने कहा कि हमने 90 हजार मजदूरों को 02 हजार का भुगतान किया है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि 90 हजार मजदूर 08 हजार रुपए के हकदार हैं। आप बचे हुए 06 हजार कब तक देंगे। क्या आप मजदूरों को भूखा रखना चाहते हैं। हम कंटेप्ट नोटिस जारी कर रहे हैं। इसके जवाब में दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि हम कल तक भुगतान कर देंगे।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने GRAP पाबंदियों को लेकर कमेटी फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से सवाल-जवाब किया। इस पर CAQM की तरफ से ASG ऐश्वर्य भाटी ने कहा कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण कम हुआ है। इसलिए अब हमें GRAP की पाबंदियां कम करने की जरूरत है।
ASG ने कहा कि AQI लेवल में बहुत ज्याद उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। दिल्ली में नवंबर-दिसंबर में हमेशा ऐसे ही हाल रहते हैं। हमारे वातावरण और मौसम को के हिसाब से हमारे यहां की हवा यूरोपीय देशों जैसी नहीं हो सकती। इसलिए AQI लेवल के हिसाब से ही ग्रैप रिस्ट्रिक्शन लगाए जाएं। अगले एक हफ्ते के AQI अनुमान के हिसाब से हम ग्रैप 2 लेवल की पाबंदियां लगाने का सुझाव देते हैं।
दीपावली के बाद से लगातार खराब होती दिल्ली की हवा गुरुवार को बेहतर हुई। सुबह 08 बजे दिल्ली का AQI 161 दर्ज किया गया। यह मीडियम कैटेगरी में आता है। हालांकि बढ़ती ठंड की वजह से स्मॉग की परत भी देखी गई। इससे पहले दिल्ली का AQI खराब, बहुत खराब या खतरनाक कैटेगरी में ही दर्ज किया जा रहा था। कुछ इलाकों में AQI 127 तक भी नीचे आ गया है।
चलिए अब आपको बताते हैं कि कोर्ट में क्या हुआ….
जस्टिस ओका ने दिल्ली सीएस से पूछा कि क्या भुगतान करना चाहते हैं?
दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी के वकील ने बताया कि भुगतान के लिए हमें 10 दिन लगेंगे।
जस्टिस ओका- 90 हजार मजदूर 8 हजार रुपए के हकदार हैं। आप बचे हुए 6 हजार कब तक देंगे। क्या आप मजदूरों को भूखा रखना चाहते हैं। हम कंटेप्ट नोटिस जारी कर रहे हैं। यह सही नहीं है।
दिल्ली सीएस- हम कल तक भुगतान कर देंगे।
जस्टिस ओका- क्या सिर्फ 90 हजार मजदूर हैं।
दिल्ली सीएस- पोर्टल पर 90693 हजार रजिस्टर्ड वर्कर हैं।
जस्टिस ओका- जो मजदूर रजिस्टर्ड नहीं है उन्हें ढूंढने के लिए सरकार कोई कोशिश नहीं करेगी। ना ही कोई ये देखेगा कि उनका भुगतान हो रहा है या नहीं। क्या ये आपका अप्रोच है। जो मजदूर रजिस्टर्ड नहीं है उनके लिए आपने क्या किया?
दिल्ली सीएस- उनके लिए समय-समय पर नोटिस जारी किए गए हैं।
जस्टिस ओका- क्या आपने कोर्ट के आदेश के बाद कोई नोटिस जारी किया?
दिल्ली सीएस- नहीं
सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि पिछले साल से 12 लाख रजिस्टर्ड मजदूर लैप्स हो गए हैं।
जस्टिस ओका- अब आगे क्या? जो रजिस्टर्ड मजदूर नहीं है उन्हें जानकारी देने का कोई तरीका है?
दिल्ली सीएस- हमने 35 मजदूर यूनियन को जानकारी दी है।
इसके बाद जस्टिस ओका ने बाकी राज्यों से मुआवजे की डिटेल मांगी
राजस्थान सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि NCR रीजन में राजस्थान के दो जिले हैं। 3526 मजदूर हैं। इनमें से 2062 मजदूरों का भुगतान हो गया है। टोटल अमाउंट- 76 लाख 59 हजार रुपए है। बचा हुआ भुगतान हम 1 से 2 दिन में कर देंगे। हमने और लेबर इंस्पेक्टर भी अपॉइंट किए हैं।
हरियाणा सरकार ने 2 लाख 57 हजार मजूदर हैं। इनमें से 1 लाख 6 हजार का भुगतान हो चुका है। सभी मजदूरों को मैसेज गया है।
उत्तर प्रदेश ने बताया कि मजदूरों के लिए 97 करोड़ का अलॉटमेंट किया गया है। 4,88,246 मजदूरों में से 8,046 मजदूरों को भुगतान किया है।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था…..
02 दिसंबर: पाबंदियां लागू होने के बाद मजदूरों को कितना भुगतान किया अगले तीन दिन में AQI का स्तर फिर देखेंगे। सुधार होने पर GRAP IV की पाबंदियां हटाने पर फैसला लिया जाएगा। कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी सरकार के चीफ सेक्रेटरी से पूछा था कि, ‘ GRAP-IV पाबंदियां लागू होने के बाद कितने कंस्ट्रक्शन मजदूरों को कितना भुगतान किया। 5 दिसंबर को वे सुनवाई में मौजूद रहें।’ दिल्ली सरकार ने बताया कि उसने 90,000 कंस्ट्रक्शन मजदूरों को तत्काल 5,000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है।
25 नवंबर: कमीशन बताए कि स्कूल कैसे खुलें अगले दो दिनों में AQI का स्तर फिर देखेंगे, अगर कुछ सुधार होता है तो GRAP IV के क्लॉज 5 और 8 को हटाने पर विचार कर सकते हैं। सवाल यह है कि क्या GRAP IV के मानदंडों में छूट की आवश्यकता है। जब तक कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि AQI में लगातार गिरावट हो रही है, GRAP III या GRAP II में जाने की अनुमति नहीं दे सकते। साथ ही कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में 113 एंट्री पॉइंट पर चेकिंग का क्या स्टेटस है।
22 नवंबर: सरकार ने ट्रकों की एंट्री बैन पर कुछ नहीं किया कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली सरकार की कोशिशों से संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए कुछ नहीं किया है। अदालत ने आगे कहा, ‘113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 CCTV क्यों हैं। केंद्र इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे। एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं। इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे।’
18 नवंबर: 12वीं तक के क्लासेस ऑनलाइन करें सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 10वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कर दिए हैं। 11वीं और 12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग है क्या। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया था कि AQI का स्तर नीचे लाने के लिए GRAP स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंधों को लागू किया जाए।
14 नवंबर : खतरनाक हालत में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से पूछा था कि एयर क्वालिटी के सीवियर कैटेगरी में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए। दरअसल एमिकस क्यूरी ने कहा था- CAQM को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होंने AQI को खराब होने देने से पहले GRAP-III को क्यों नहीं लागू किया।
11 नवंबर: कोई धर्म प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधि का समर्थक नहीं, स्वच्छ हवा मौलिक अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन के आदेश के उल्लंघन पर कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। दिल्ली सरकार दो हफ्तों में यह तय करे कि पटाखा बैन को पूरे साल के लिए बढ़ाया जाए या नहीं। कोर्ट ने कहा- स्वच्छ वातावरण में रहना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
4 नवंबर: कुछ ऐसा करना होगा जिससे अगले साल भी पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन न हो बेंच ने कहा कि हमें कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कैंपस सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
आपको बता दें कि हवा में प्रदूषण की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है। इसीके आधार पर प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।
ग्रेप के स्टेजः
स्टेज I ‘खराब’ (AQI 201-300)
स्टेज II ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400)
स्टेज III’गंभीर’ (AQI 401-450)
स्टेज IV ‘गंभीर प्लस’ (AQI >450)
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