संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को महिला सशक्तिकरण भारत को सशक्त करेगा, समाज को मजबूत करेगा, देश को बदलेगा। आधी आबादी को न्याय ही हमारा संकल्प है।
चौहान आज कनॉट प्लेस में आयोजित सरस फूड फेस्टिवल में पहुंचे। इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री कमलेश पासवान और डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी, मंत्रालय में सचिव शैलेश कुमार, अपर सचिव चरणजीत सिंह , संयुक्त सचिव (ग्रामीण आजीविका) स्मृति शरण और मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
चौहान ने कहा, “सरस मेला बेहद सरस हो गया है। दीदीयों के द्वारा बनाये परंपरागत व्यंजनों की खुशबू दिल्लीवालों को यहां आमन्त्रित कर रही है।” उन्होंने कहा कि हमारा देश अद्भुत है। अलग भाषा, अलग भेष, अलग परंपरायें और खान-पान भी अलग-अलग है, फिर भी हमारा देश एक है। हमारा भारत गुलदस्ते की तरह है, जिसमें रंग-बिरंगे फूल खिले हुए हैं और भोजन में भी वे रंग हैं। उन्होंने अपने झारखंड दौरे का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहा शब ए आज़म अम्बा है, जिसका मतलब है स्वादिष्ट पकवान। इसे आदिवासी दीदी चलाती हैं, जिसमें परंपरागत पकवान परोसे जाते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने छतीसगढ़ के गढ़कलेवा में बहनों द्वारा पारंपरिक भोजन परोसने का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बिहार, राजस्थान, पंजाब, केरल, कर्नाटक आदि राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों की सराहना करने हुए कहा कि अपने जीवन मुल्य, अपना भोजन ये सब अदभुत हैं। इस परंपरागत भोजन की विशेषता है कि यह सेहत के लिए लाभकारी होता है। इस मेले की विशेषता यह है कि इस मेले को दीदीयां चला रही हैं।
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते मैंने मुख्यमंत्री आवास में दीदी कैफे खोला था। आज भी उन कैफे को आजीविका मिशन की दीदीयां चलाती हैं। दीदीयां जो भी काम करती हैं वह गंभीरता से करती हैं। दीदीयां यह कोशिश करती हैं कि उनके काम में कोई भी कमी न रहे। लखपति दीदी हों तो बात ही कुछ और होती है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प महिला सशक्तिकरण है और मेरे जीवन का मिशन है कि बहन और बेटियां ग़रीब क्यों रहे? हम कहते हैं कि नारी तू नारायणी यानि अनंत शक्तियों की भंडार, जो ठान लें वह करके दिखा दे। ग्रामीण विकास मंत्रालय का यह मिशन है कि भारत की नारी को अबला नहीं रहने देंगे, सबल बनायेंगे। सबल होने पर आर्थिक सशक्तिकरण का अपना महत्व है शैक्षणिक, सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक सशक्तिकरण। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से सशक्त बहन ने बताया कि सशक्त होने से घर में ही इज्जत बढ़ गई है। आज 10 करोड़ दीदीयां 90 लाख स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं, जिनमें से 01 करोड़ 15 लाख 254 लखपति दीदी बन गई हैं और बाकी दीदीयों को भी लखपति दीदी बनना है। इससे भी आगे बढ़ना है और आगे का संकल्प है धीरे-धीरे आजीविका मिशन को उद्योग चलाना है। लखपति से आरंभ हुआ यह सफर करोड़पति तक जायेगा।
चौहान ने शायराना अन्दाज में कहा कि ज़माना बदलना है, सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मक़सद नहीं, मेरी तो हसरत है कि यह सूरत बदलनी चाहिए। महिला सशक्तिकरण भारत को सशक्त करेगा, समाज को मजबूत करेगा, देश को बदलेगा। आधी आबादी को न्याय ही हमारा संकल्प है। हम पूरी ताकत से उस दिशा में आगे बढ़ेगें। सरस मेले के लिए मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं। दिल्लीवालों को भी निमंत्रण देता हूं कि वे सरस मेले में आयें।