मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हुए सात दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकार को गठन नहीं हो पाया है। विधानसभा चुनाव में भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और NCP (अजित पवार गुट) यानी महायुति ने 288 सीटों में से 230 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (यूटीबी) ने 46 सीटों पर जीत हासिल की है।

सरकार गठन को लेकर बने सस्पेंस के बीच सूत्रों ने बताया है कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री का पद छोड़ कर डिप्टी CM का पद लेने को तैयार हो गए हैं, लेकिन वे गृह मंत्रालय पर अड़े हुए हैं। 29 नवंबर को एकनाथ शिंदे दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मुंबई लौटे और सभी कार्यक्रम रद्द कर सीधे अपने गांव सातारा निकल गए।

सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है।

उधर, भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से हरी झंडी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम फाइनल कर दिया है। शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को दोपहर 1 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। नई सरकार में शिवसेना और NCP की ओर से एक-एक डिप्टी CM भी फडणवीस के साथ शपथ लेंगे।

आपको बता दें कि शिंदे सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी CM का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया।

पहले गृह मंत्रालय देवेन्द्र फड़णवीस के पास था। इसलिए फड़णवीस किसी भी हालत में गृह मंत्री का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी।

इस बीच शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा है कि शिंदे को जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वे अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। वे आज शाम तक कोई बड़ा फैसला ले लेंगे। इससे पहले शिरसाट ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि शिंदे डिप्टी CM का पद स्वीकार करेंगे।

शिवसेना के कुछ नेताओं का कहना है कि महायुति को इतनी बड़ी जीत शिंदे की अगुआई में मिली, इसलिए बिहार की तर्ज पर उन्हें मुख्यमंत्री होना चाहिए। बिहार में जदयू की कम सीटें हैं फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। वहीं, पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि शिंदे को डिप्टी CM बनना चाहिए।

वहीं, सूत्रों ने बताया कि 1 दिसंबर को महायुति की बैठक होने के आसार हैं। इसके लिए भाजपा के 2 ऑब्जर्वर्स मुंबई आएंगे। इनकी मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की मीटिंग होगी और मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।

उधर, शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा है कि मोदी-शाह के आदेश के बाद भी भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी है कि रिजल्ट के 8 दिन बाद भी नई सरकार पर फैसला नहीं हो पाया है। भाजपा 132 विधायकों के साथ बहुमत के करीब है। महायुति 200 से ऊपर का बहुमत है। कार्यवाहक CM गांव जाकर बैठे हैं। नया CM कौन होगा। सरकार शपथ कब लेगी। किसी के पास जानकारी नहीं है।

आइए अब समझते हैं महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बनी सस्पेंस की स्थिति को….

23 नवंबर: महाराष्ट्र विधानसभा का रिजल्ट आया। महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा ने 132, शिवसेना ( एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। शिंदे बोले थे- CM तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी। फडणवीस ने कहा था, एक हैं तो सेफ हैं।

25 नवंबर: 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी CM का फॉर्मूला तय हुआ। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद के फॉर्मूला की बात सामने आई। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के 10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायकों को मंत्री बन सकते हैं।

27 नवंबर: ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा।

28 नवंबर: एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया है।

29 नवंबर: महायुति (भाजपा+शिवसेना शिंदे गुट+NCP अजित पवार) की बैठक टाल दी गई। एकनाथ शिंदे अचानक सातारा चले गए। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के बदले गृह और वित्त मंत्रालय मांग रही है। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा- अगर शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा।

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