संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में आयोजित 43वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (आईआईटीएफ) 2024 में भारत की समृद्ध धरोहर के जीवंत प्रदर्शन करते खादी इंडिया पवेलियन का बुधवार को समापन हो गया। इस मौके पर खादी एण्ड विलेज इंडस्ट्रीज़ कमीशन (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कई स्टॉल संचालकों को सम्मानित किया। केवीआईसी पवेलियन में भारत के हाथ से बुने परिधानों, पारम्परिक कारीगरी एवं स्थायी फैशन का जश्न मनाया।
यहां केवीआईसी के दिल्ली के प्रदेश कार्यालय द्वारा आयोजित पैविलियन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विभिन्न पहलों ‘2047 तक विकसित भारत,’ ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर रोशनी डाली। 14 नवम्बर से 27 नवम्बर तक आयोजित इस प्रदर्शनी ने खादी एवं ग्रामीण उद्योग उत्पादों की व्यापक रेंज का प्रदर्शन करते हुए कारीगरों को समर्थन दिया और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित किया।
27 नवम्बर को खादी इंडिया पैविलियन के समापन समारोह में केवीआईसी के चेयरमैन श्री मनोज कुमार ने प्रतिभागियों को इस साल के आईआईटीएफ में सेल्स परफोर्मेन्स के आधार पर पुरस्कारों से सम्मानित किया।
मनोज कुमार ने 27 नवम्बर को खादी इंडिया पवेलियन के समापन समारोह के दौरान प्रतिभागियों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। टीएनआर सिल्क खादी इंडस्ट्रीज़, कर्नाटक, रानी भास्कर युनिट्स, पंजाब और द्वारकाधीश ड्राय फ्रूट्स, दिल्ली को सेल्स परफोर्मेन्स के लिए क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। खादी ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली को बेस्ट डिस्प्ले के पुरस्कार से नवाज़ा गया। दिल्ली से नमोह सुंदरी, झारखण्ड से नीव हर्बल और दिल्ली से आरूही हर्बल तथा नागपुर से जनजागृति महिला बचत गत को बेस्ट एंटरेप्रेन्योरशिप (महिला) के पुरस्कार से सम्मानित किया।
216 खादी एवं ग्रामीण उद्योग संगठनों, प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन प्रोग्राम एवं स्फूर्ति युनिट्स को प्रशंसा पत्र दिए गए, देश के विभिन्न हिस्सों ने आए इन संगठनों ने खादी इंडिया पैविलियन में उल्लेखनीय कार्य का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर मीडिया को सम्बोधित करते हुए श्री कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खादी सेक्टर के उल्लेखनीय विकास पर रोशनी डाली। उन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान कारोबार के रिकॉर्ड टर्नओवर- रु 1.55 लाख तथा सिर्फ गांधी जयंती के दिन रु 2 करोड़ की सेल्स की उपलब्धियों के बारे में बताया। हाल ही में बुनकरों और कताई करने वालों के लिए भत्ता बढ़ाया जाना, इस सेक्टर में सकारात्मक विकास का संकेत है। उन्होंने बताया कि पैविलियन ने विभिन्न पहलों ‘2047 तक विकसित भारत,’ ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का अनुपालन करते हुए 225 स्टॉल्स के ज़रिए भारत के बेहतरीन हस्तनिर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया है।
खादी पवेलियन के मुख्य आकर्षणः
उत्पादों की व्यापक रेंजः पैविलियन में साड़ियों, रेडीमेड परिधानों, हर्बल उत्पादों, हस्तनिर्मित उत्पादों, चमड़े के सामान, हस्तनिर्मित कागज़ के आइटमों, अचार, मसालों, शहद, साबुन आदि का प्रदर्शन किया गया।
लाईव प्रदर्शनः आगंतुकों को लाईव स्पिनिंग, वीविंग, इलेक्ट्रिक पॉटरी मेकिंग, हस्तनिर्मित कागज़ उत्पादन, पर्यावरण के अनुकूल इनोवेशन्स जैसे मंदिर के रीसायकल्ड फुलों से बनी अगरबत्तियों का निर्माण आदि देखने का मौका मिला।
कारीगरों की भागीदारीः 225 से अधिक स्टॉल्स के माध्यम से हस्तनिर्मित टेक्सटाईल्स जैसे बनारसी सिल्क की साड़ियों, पश्मीना शॉल, मूगा सिल्क, चंदेरी की साड़ियों एवं देश भर के कारीगरों द्वारा बनाए गए साज-सज्जा के सामान का प्रदर्शन किया गया।
राज्य का प्रतिनिधित्वः भारत से लगभग हर राज्य ने इस मंडप में अपना प्रतिनिधित्व किया, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और उत्तराखण्ड का विशेष योगदान रहा।
इस साल के आईआईटीएफ 2024 में भारत के आर्थिक सशक्तीकरण के लक्ष्यों तथा सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का संयोजन स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। जिसने ‘2047 तक विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के साथ स्थानीय उद्योगों के माध्यम से स्थायी विकास को प्रोत्साहित किया।