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आईटीपीओ ने बिहार को गोल्ड मेडल से नवाजा, शानदार प्रदर्शनी ने जीता लोगों का दिल - Prakhar Prahari
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आईटीपीओ ने बिहार को गोल्ड मेडल से नवाजा, शानदार प्रदर्शनी ने जीता लोगों का दिल

दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित 43 भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार को पार्टनर स्टेट के तौर पर गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इसको लेकर राज्य के अधिकारियों ने खुशी जाहिर की।थ उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी और उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष ने कहा कि इस सम्मान के लिए हम आईआईटीएफ को धन्यवाद देते हैं।

यहां के प्रगति मैदान में भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2024 का बुधवार को समापन हो गया है। इस मौके पर बिहार को पार्टनर स्टेट के तौर पर गोल्ड मेडल से नवाजा गया। बुधवार शाम आयोजित सम्मान समारोह में बिहार के प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी निखिल धनराज निपाणीकर ने पुरस्कार प्राप्त किया। इस मौके पर उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी और उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

वंदना प्रेयसी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “गोल्ड मेडल से हमारे प्रयासों की सराहना के लिए हम आईआईटीएफ को धन्यवाद देते हैं। पिछले कुछ सालों में बिहार ने अभूतपूर्व प्रगति की है। 2047 तक हम बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए इन्वेस्टमेंट-फ्रेंडली पॉलिसी लागू कर रहे हैं। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि बिहार में लगातार निवेश बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि विकसित बिहार बनाने के लिए हम निवेशकों को आमंत्रित करते हैं। वहीं, आलोक रंजन घोष ने कहा, “बिहार को मिला ये सम्मान हमारे लिए काफी उत्साहजनक है। 2047 के हमारे लक्ष्य को पाने के लिए इससे मजबूती मिलेगी। कला और संस्कृति के लिए जाना जाने वाला बिहार आज निवेशकों की भी पहली पसंद बना है। राज्य का विकास निवेशकों के लिए नए-नए अवसर प्रदान कर रहा है।”

बिहार को गोल्ड मेडल मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए निखिल धनराज निपाणीकर ने कहा, “यह सम्मान बिहार की कला, संस्कृति और विरासत के प्रति लोगों के प्रेम और देश-दुनिया में इसकी ख्याति को दर्शाता है। ये सम्मान इस बात का प्रमाण है कि हम विकसित बिहार-2047 की संकल्पनों को बेहतर तरीके पेश करने में सफल रहे। बिहार तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। हमें पूरी आशा है कि हमारा राज्य 2047 के विकास लक्ष्यों को पाने में सफल रहेगा।

उल्लेखनीय है कि गत रविवार को बिहार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने बिहार मंडप और सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। ये कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा। बिहार इस साल पार्टनर स्टेट था। इसलिए बिहार मंडप को ट्रेड फेयर की थीम विकसित भारत 2047 के हिसाब से तैयार किया गया था। उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी और उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष के निर्देशों के तहत राज्य सरकार के उद्योग विभाग ने उद्योग मित्र टीम की मदद से इस कार्यक्रम और प्रदर्शनी को मूर्त रूप दिया था।

बिहार मंडप में कुल 75 स्टाल स्थापित किये गये थे। इसमें राज्य के हैंडलूम, खादी और हस्तकरघा उत्पादों को प्रदर्शित किया गया था।थ नालंदा की बब्बन बूटी, भागलपुरी रेशम, मिथिला की मधुबनी पेंटिंग, पटना की टिकुली कला और अन्य कलाकृतियों को बिक्री और प्रदर्शन के लिए रखा गया था। मंडप को बिहार की विशेष सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के थीम के इर्द-गिर्द तैयार किया गया था. प्रवेश द्वार को “सभ्यता द्वार” के रूप में तैयार किया गया था, जो “विकसित बिहार-2047” के लोगो से सुसज्जित था.

मंडप के केंद्र में बिहार संग्रहालय था। इसकी दीवारों पर आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय की 3डी पेंटिंग और प्रतिष्ठित बुद्ध ब्रिज को भी प्रदर्शित किया गया था। अन्य दीवारें बिहार के प्रसिद्ध पद्मश्री कलाकारों द्वारा बनाई गई मधुबनी, मंजूषा और टिकुली कला से अलंकृत थीं। मंडप में पारंपरिक कला रूपों-मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा कला और सिक्की शिल्प का प्रदर्शन किया गया था। इस इंटरैक्टिव डिस्प्ले के माध्यम से, आगंतुकों ने बिहार की समृद्ध कला को देखा और अनुभव किया।

इसके अलावा बिहार मंडप के प्रदर्शनों में उद्यमिता और नवाचार को प्रदर्शित करने वाली मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और स्टार्ट-अप बिहार जैसी राज्य की प्रमुख पहलों की झलकियां शामिल थीं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना जैसे पहलों के जरिए महिला सशक्तिकरण पर ध्यान ने समावेशी विकास के लिए बिहार की प्रतिबद्धता को दिखाया गया था। आईटीपीओ के प्लास्टिक-मुक्त दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मंडप को पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन किया गया था। सजावट में स्थानीय सामग्रियों का उपयोग किया गया था, जिसने पर्यावरण से जुड़ी जिम्मेदारी के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाया।

General Desk

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