Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे ने युद्ध का अलर्ट जारी किया, नागरिकों से रूसी हमले से बचने की तैयारी करने को कहा, 4 देशों ने बंद की यूक्रेन में एम्बेसी - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे ने युद्ध का अलर्ट जारी किया, नागरिकों से रूसी हमले से बचने की तैयारी करने को कहा, 4 देशों ने बंद की यूक्रेन में एम्बेसी

दिल्ली: रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच 03 नॉर्डिक देशों नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्कने युद्ध अलर्ट जारी किया है। इन देशों ने अपने नागरिकों से जरूरी सामानों का स्टॉक रखने और अपने सैनिकों को जंग के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

आपको बता दें कि इन तीनों देशों की सीमाएं रूस और यूक्रेन से सटी हैं। यूक्रेन पर परमाणु हमले की स्थिति में इन देशों पर असर पड़ सकता है। नॉर्वे ने पर्चे बांटकर अपने नागरिकों को युद्ध को लेकर आगाह किया है।

वहीं, स्वीडन ने भी अपने 52 लाख से ज्यादा नागरिकों को पर्चे भेजे हैं। उन्होंने परमाणु युद्ध के दौरान विकिरण से बचाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आयोडीन की गोलियां रखने के निर्देश दिए हैं। स्वीडन में सोमवार से बांटा जा रहा है। पर्चे पर लिखा है- ‘जंग की स्थिति में’। इसमें लोगों को जंग से बचने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

इस बीच अमेरिका ने यूक्रेन की राजधानी कीव में बुधवार को अपनी एम्बेसी बंद कर दी है। इसके अलावा इटली, ग्रीस और स्पेन ने भी एक दिन के लिए कीव दूतावास बंद रखने का फैसला किया है। अमेरिकी एम्बेसी ने अपने कर्मचारियों को सुरक्षित जगह पर रहने को कहा है। इसके साथ ही यूक्रेन में रहने वाले अमेरिकी यात्रियों को भी सावधानी बरतने को कहा है और किसी खतरे की स्थिति में सुरक्षित जगह पर जाने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। बाइडेन प्रशासन ने 03 दिन पहले यूक्रेन को लंबी दूरी के मिसाइल का रूस में इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी। इसके बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है।

फिनलैंड की रूस के साथ 1340 किमी से ज्यादा सीमा जुड़ी हुई है। फिनलैंड सरकार ने युद्ध की स्थिति में आम लोगों की मदद के लिए नई वेबसाइट लॉन्च की है। फिनलैंड ने ऑनलाइन संदेश में कहा कि यदि देश पर हमला होता है तो सरकार क्या करेगी।

इसके साथ ही, फिनलैंड ने अपने नागरिकों से युद्ध के चलते बिजली कटौती से निपटने के लिए बैक-अप पावर सप्लाई की व्यवस्था रखने को कहा है। लोगों से कम ऊर्जा में पकने वाले खाद्य पदार्थ तैयार रखने को कहा है। फिनलैंड 2023 में नाटो में शामिल हुआ था।

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के सबसे नए सदस्य स्वीडन का बॉर्डर रूस से जुड़ा हुआ नहीं है, फिर भी उसने अपने नागरिकों के लिए युद्ध की स्थिति के लिए गाइडलाइन से जुड़ी एक बुकलेट ‘इन केस ऑफ क्राइसिस ऑफ वॉर’ जारी की है। इसमें कहा है कि युद्ध की आपात स्थिति से निपटने के लिए 72 घंटे के लिए भोजन और पीने का पानी स्टोर करके रखें। स्वीडन ने नागरिकों को आलू, गोभी, गाजर और अंडे आदि का पर्याप्त स्टॉक रखने का सुझाव दिया है।

उधर, रूस ने मंगलवार को दावा किया था कि यूक्रेन ने पहली बार अमेरिका से मिली लंबी दूरी की मिसाइलें उनके इलाके में दागी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने मंगलवार सुबह ब्रियांस्क इलाके में लंबी दूरी वाली 6 आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दागीं।

रूस ने कहा कि उन्होंने 5 मिसाइलों को मार गिराया है। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों ने भी रूस पर ATACMS का इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि की है।

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन को एंटी पर्सनल लैंड माइन्स देने को राजी हो गए हैं। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यूक्रेन को ऐसे माइन्स सौंपे जाएंगे।

अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को इन माइन्स का इस्तेमाल यूक्रेन की सीमा में ही करने को कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक रूसी सेना यूक्रेन के पूर्वी इलाके में तेजी से बढ़ती जा रही है। इस पर रोक लगाने के लिए अमेरिका ने यूक्रेन को ये हथियार देने का फैसला किया है।

आपको बता दें कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के बाद बाइडेन सरकार यूक्रेन की मदद से जुड़े नए-नए फैसले ले रही है। बाइडेन ने सोमवार को यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी थी। इसके बाद यूक्रेन ने मंगलवार को रूस पर मिसाइलें दागीं।

लैंड माइन देने से जुड़ी खबरों को लेकर रूस ने कहा कि बाइडेन प्रशासन यूक्रेन जंग को खींचने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा- आप हाल में लिए गए उनके कुछ फैसले देखिए। साफ लग रहा है कि वे जंग को लंबे समय तक खींचने के लिए कुछ भी करना चाहते हैं।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के रूस पर हमले से कुछ ही घंटे पहले परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देने से जुड़े एक फैसले को मंजूरी दी थी।नए नियम के मुताबिक अगर कोई देश जिसके पास परमाणु हथियार नहीं हैं, अगर वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग का ऐलान समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में मॉस्को न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है।

उधर, रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के भीतर मिसाइल हमला करने की अनुमति देकर इसकी शुरुआत कर दी है।मेदवेदेव ने कहा कि बाइडेन चाहते हैं कि आधी दुनिया न्यूक्लियर हमले में खत्म हो जाए। बाइडेन प्रशासन रूस को उकसाने के लिए जानबूझकर ऐसे फैसले ले रहा है। ट्रम्प टीम को इससे निपटना होगा।

उन्होंने कहा कि बाइडेन के फैसले की वजह से ही रूस को नए परमाणु सिद्धांत को बदलने की जरूरत पड़ी है। इसका मतलब है कि हमारे देश के खिलाफ दागी गईं नाटो की मिसाइलों को रूस पर हमला माना जाएगा। रूस, यूक्रेन या फिर किसी भी नाटो देश के खिलाफ न्यूक्लियर हथियारों से हमला कर सकता है।

बाइडेन ने अभी तक यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी थी। इसके 3 कारण थे। पहला- अमेरिका के पास ATACMS का स्टॉक सीमित है। दूसरा- यूक्रेनी ठिकानों पर ग्लाइडेड बम दागने वाले 90% रूसी जेट पहले ही ATACMS की रेंज से बाहर जा चुके थे। तीसरा- तनाव बढ़ने का खतरा था।

अब मंजूरी के जरिए रूस के कुर्स्क में कब्जा जमाए बैठे यूक्रेनी सैनिकों की रक्षा की जा सकेगी। यूक्रेनी सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इससे युद्ध की दिशा में कोई परिवर्तन तो नहीं आएगा, लेकिन संतुलन स्थापित हो जाएगा। यूक्रेन का पलड़ा भारी होगा। बाइडेन का अनुमान है कि पुतिन अगले साल ट्रम्प के साथ सौदा करने की संभावना को खुला रखने के लिए आक्रामक तरीके से जवाब नहीं देंगे।

यूक्रेन युद्ध का तनाव समुद्र तक पहुंच गया है। जर्मनी और फिनलैंड ने बाल्टिक सागर में दो संचार केबलों के कटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ये घटनाएं 17 और 18 नवंबर की हैं, जिनकी जांच शुरू कर दी गई है। बाल्टिक सागर एक अहम शिपिंग रूट है, जिसके चारों ओर 9 देश स्थित हैं। इस घटना से हाइब्रिड युद्ध का खतरा बढ़ गया है।

उधर, स्लोवाकिया के राष्ट्रपति रॉबर्ट फिको ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के यूक्रेन को ATACMS मिसाइलें देने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा- पश्चिम चाहता है कि किसी भी कीमत पर यूक्रेन युद्ध जारी रहे। वहीं, हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो ने कहा है कि युद्धोन्माद फैलाने के लिए बाइडेन जनमत की अनदेखी कर रहे हैं। बता दें कि स्लोवाकिया और हंगरी दोनों देश नाटो के मेंबर होने के साथ ईयू में भी शामिल हैं।

General Desk

Recent Posts

गाजा पहुंचे नेतन्याहू, इजरायल-हमास जंग के बीच सैन्य ठिकानों का दौरा किया

दिल्लीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान पहली बार गाजा का…

2 hours ago

इमोशनल टेंशन से टूटा रहमान का रिश्ता, 29 साल बाद पत्नी सायरा से अलग हुए, लिखा- उम्मीद थी 30 साल पूरे कर लेंगे

मुंबईः बॉलीवुड के महान संगीतकार एवं ऑस्कर पुरस्कार विजेता एआर रहमान (57) करीब तीन दशक बाद अपनी पत्नी सायरा बानू…

3 hours ago

भारत-चीन के बीस सीधी उड़ान शुरू करने पर चर्चा, मानसरोवर यात्रा फिर शुरू करने पर भी G20 में बातचीत

दिल्लीः पांच साल बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने पर…

11 hours ago

21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर में लोकमंथन का आयोजन, राष्ट्रपति मुर्मू 22 को करेंगी उद्घाटन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव…

1 day ago

खालिस्तानी पन्नू की हत्या की साजिश का आरोपी विकास ने बताया जान को खतरा, अदालत से लगाई पेशी से छूट देने की गुजारिश

दिल्लीः खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में आरोपी विकास यादव ने अपनी जान को खतरा बताया…

3 days ago