संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव लोकमंथन का आयोजन होने जा रहा है। यहां के शिल्पा कलावेदिका में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 22 नवंबर कोकरेंगी। इससे पहले 21 नवंबर 21 पूर्वाहन 10 बजे पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू प्रदर्शनी और सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।

हैदराबाद के हाईटेक सिटी स्थित शिल्पकला वेदिका के विशाल प्रांगण 21 से 24 नवंबर तक आयोजित होने वाले लोकमंथन की मेहजबानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था प्रज्ञा प्रभाव कर रही है और इसमें संस्कार भारतीय सहित संघ की कई अन्य संस्थाएं सहयोग कर रही हैं। इसको लेकर मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री एवं लोकमंथन आयोजन समिति के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी और प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार ने लोकमंथन के उदेश्यों और इस चार दिवसीय सांस्कृतिक एवं वैचारिक कार्यक्रम के दौरान आयोजन होने वाले कार्यक्रमों के बारे में  जानकारी दी। 

नंदकुमार ने बताया कि लोकमंथन राष्ट्रवादी विचारकों और अभ्यासियों का एक द्विवार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी है। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा मंच है, जहाँ देश के विभिन्न हिस्सों से कलाकार, बुद्धिजीवी और शिक्षाविद एकत्रित होंगे और समाज में व्याप्त प्रश्नों पर विचार-विमर्श करेंगे। इसका उद्देश्य आख्यानों को नया रूप देना और राष्ट्र को अपनी सभ्यतागत भूमिका निभाने के लिए तैयार करना है।”

उन्होंने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के चौथे संस्करण का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह, नयी दिल्ली और प्रज्ञा भारती, तेलंगाना द्वारा देश भर में उनके सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर किया जा रहा है। इसमें इतिहास संकलन समिति, संस्कार भारती, विज्ञान भारती, अधिवक्ता परिषद, अखिल भारतीय साहित्य परिषद और भारतीय शिक्षण मंडल शामिल हैं।

वहीं, रेड्डी ने बताया कि प्रत्येक दो वर्ष में आयोजन होने वाला सांस्कृतिक एवं वैचारिक कार्यक्रम के आयोजन मेरे संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रहा और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा, “लोकमंथन 2024 में दुनियाभर के 2500 प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। इस दौरान 1500 कलाकार मनमोहक प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही 400 से अधिक दुर्लभ पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा।” उन्होंने बताया कि मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से समाज में भ्रांतियां उत्पन्न करने की साजिश रची जा रही है और इसी को दूर करने लिए लोकमंथन 2024 का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन साजिश कौन रच रहा है और इसमें कौन-सौन सी मीडिया संस्थान सहयोग कर रहे हैं, इसको लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देने से वे कतरा गए।

उन्होंने बताया कि हमारा उदेश्य लोकमंथन के जरिये समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाना है और इसी वजह से हमने तेलंगाना के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी को भी आमंत्रित किया है। इस पर लेकर जब उनसे सवाल किया गया कि क्या उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी इसमें आमंत्रित किया है, तो उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम तेलंगाना में हो रहा है, इस वजह से हमने वहां के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और अन्य मंत्रियों को भी आमंत्रित किया है।

लोकमंथन में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नयी दिल्ली द्वारा वनवासी मुखौटों और वनवासी स्वतंत्रता सेनानियों पर प्रदर्शनी सभी कला रूपों का प्रदर्शन मूल या देसी कलाकारों द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा।

तेलंगाना की विशिष्ट कला और संस्कृति प्रदर्शनी में डोकरा धातु शिल्प, कोंडापल्ली खिलौने, निर्मल चित्रकारी, कलमकारी हथकरघा, वस्त्र और मिट्टी के बर्तन आदि शामिल होंगे। इसके साथ ही  हरि कथा, पेरिनी, बुर्रा वीणा, किन्नेरा जैसी तेलंगाना कलाकृतियाँ, ओग्गु कथा, विधि नाटक, तोलू बोम्मुलता, पित्तला डोरा, जथारस और कई अन्य कलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा काकतीय थोराना, रामप्पा मंदिर, हजार स्तंभ मंदिर जैसी तेलंगाना की बेशकीमती विरासत की प्रतिकृतियां प्रदर्शित की जाएंगा।

आध्यात्मिक स्थलों और अनुष्ठानों को प्रदर्शित करने वाला मंडप रामनामी समुदाय के मंदिर जैसा एक प्रदर्शन और विभिन्न अनुष्ठानों और प्रथाओं का जीवंत प्रदर्शन करेगा।

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