संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

लेहः भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख सेक्टर में डेमचोक और देपसांग वापस लौटने लगे हैं। आपको बता दें कि इस संबंध में दोनों देशों के बीच चार दिन पहले बड़ा समझौता हुआ था। समझौतों के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने अपनी गाड़ियां, गोला-बारूद वापस लाना शुरू कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय सैनिकों की वापसी की जानकारी शुक्रवार को मिली। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत और चीन में सीमा पर 21 अक्टूबर को पेट्रोलिंग सिस्टम को लेकर समझौता हुआ है। इस समझौते से मई, 2020 (गलवान टकराव) से पहले की स्थिति वापस आएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और चीन के कोर कमांडर ने 21 अक्टूबर को सुबह 4:30 बजे फाइनल एग्रीमेंट पर दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं छोटी-छोटी टुकड़ियों में पीछे हटने लगी थीं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सैनिकों ने कुछ टेम्परेरी स्ट्रक्चर जैसे टेंट और शेड हटा दिए हैं, पूरी तरह से वापसी में कुछ समय लगेगा। एक बार वापसी के बाद पेट्रोलिंग शुरू होगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो पेट्रोलिंग 10 दिन के भीतर शुरू हो सकती है।

भारतीय सेना ने उम्मीद जताई है कि सैनिक अब देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11A, 12 और 13 तक जा सकेंगे। इसमें नॉर्थ में दौलत बेग ओल्डी और काराकोरम दर्रे की तरफ करी 16 हजार फीट की ऊंचाई पर टेबल टॉप पठार शामिल है। इसी तरह साउथ में डेमचोक के पास चारडिंग निंगलुंग नाला ट्रैक जंक्शन से भी सैनिक हट रहे हैं। यह वही इलाका है जहां चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय इलाके में कुछ टेंट लगाए थे।

आपको बता दें कि  पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल करने के लिए चीन और भारत राजी हो गए हैं। यानी अब चीन की आर्मी उन इलाकों से हटेगी, जहां उसने अतिक्रमण किया था।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने सोमवार को बताया था कि भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोलिंग के साथ 2020 के बाद उठे मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रस्ताव तैयार हुआ है। इस पर दोनों देश कदम उठाएंगे।

गौरतलब है कि एक सैन्य अभ्यास के बाद चीनी सेना ने अप्रैल 2020 में पूर्वी लद्दाख में कम से कम 06 इलाकों में अतिक्रमण किया था, लेकिन दो साल बाद चीन की पीएलए 04 स्थानों से पीछे हट गई थी। दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक के फ्रिक्शन पॉइंट्स पर गश्त को लेकर सहमति नहीं बनी थी और भारतीय सेना को कई इलाकों में रोका जा रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 02 दिन पहले हीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से BRICS समिट से इतर मुलाकात की थी। द्विपक्षीय बा​​​​तचीत के दौरान भारत ने दोनों देशों के बीच विवादों और मतभेदों को ठीक से सुलझाने पर जोर दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि सीमा पर किसी भी सूरत में शांति भंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि स्थिर और मैत्रीपूर्ण संबंधों का सकारात्मक असर बाकी के मुद्दों पर भी पड़ेगा।

अब क्या होगा… मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक LAC के उन सभी 63 प्वाइंट्स पर आपसी सहमति की पेट्रोलिंग शुरू हो सकेगी। इसमें पैंगोंग त्सो के उत्तरी छोर पर फिंगर 08 तक गश्त की बहाली शामिल है, जहां भारतीय सेना फिंगर 4 तक नहीं जा पा रही थी।

भारतीय सैनिक इस क्षेत्र में चीनी पेट्रोलिंग टीम को भी नहीं रोकेंगे। आमने-सामने टकराव से बचने के लिए दोनों सेनाएं एक-दूसरे को अपनी पेट्रोलिंग की तारीख और समय के बारे में पहले से खबर करेंगी, जिसका  मकसद दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प और हिंसा को रोकना है।

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