प्रयागराजः उत्तर प्रदेश की संगम नगर महाकुंभ को लेकर सजने-संवरने लगी। 2025 में संगम तट पट पर आयोजित होने वाले दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं को सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के चक्रव्यूह से सुरक्षित किया जा रहा है, जिसमें 37 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात होंगे। इसके साथ ही संपूर्ण मेला अवधि के दौरान 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर इस विशेष जोर दिया जा रहा है। कुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए तेजी से तैयारी चल रही है।
हाल ही में महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने सीएम योगी ने खुद प्रयागराज का दौरा किया था, जहां उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर आलाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर तैयारी की समीक्षा की भी थी। सीएम ने हर स्तर पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कड़े दिशा निर्देश दिए थे। सीएम योगी के निर्देश पर अधिकारियों ने महाकुंभ को सात स्तर की सुरक्षा व्यवस्था से लैस करने की तैयारी कर ली है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से न सिर्फ तुरंत निपटा जा सके बल्कि समय रहते किसी भी घटना टाला जा सके।
पिछले कुंभों की तुलना में अधिक सख्त बनाने के निर्देश पर इस बार बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। पुलिस के अलग-अलग विभागों की भागीदारी के लिहाज से 2013 के महाकुंभ के 22,998 पुलिसकर्मियों की तुलना में इस बार 14,713 पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। वहीं अर्धकुंभ 2019 की 27,550 पुलिसकर्मियों की तुलना में 10,061 अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
महाकुंभ 2025 सुरक्षा के लिहाज से श्रद्धालुओं को कोई असुविधा का सामना न करना पड़े और वो निर्भीक रूप से तीर्थयात्रा संपन्न कर सकें इसके लिए सुरक्षा की तगड़ी रणनीति तैयार की गई है। भीड़ प्रबंधन के साथ-साथ प्रयागराज पहुंचने वाले हर व्यक्ति की गतिविधियों पर सुरक्षाकर्मियों की नजर होगी। इसके लिए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट्स के साथ पुलिसकर्मियों के अलग-अलग विभाग निरंतर संपर्क में रहेंगे। इसके लिए संपूर्ण मेला अवधि के दौरान 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं को हर कदम पर सुरक्षा का एहसास होता रहे। इसके लिए अभिसूचना आधारित एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र (आईसीसीसी) के माध्यम से आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) युक्त सीसीटीवी कैमरों द्वारा फोटो, पहचान के चिह्न और टीएसपी (तकनीकी सेवा प्रदाता) के माध्यम से निगरानी की जाएगी।
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