संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः भारत और कनाडा के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। दोनों देशों के बीच जारी राजनयिक विवाद के बीच भारत ने कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (सीबीएसए) के एक अधिकारी को भगोड़े आतंकियों की सूची में डाल दिया है। भारत ने कनाडा के जिस पुलिस अधिकारी का नाम आतंकियों की सूची में शामिल किया गया है, उनकी पहचान संदीप सिंह सिद्धू के रूप में हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत इन भगोड़े आतंकियों को भारत भेजने की मांग कर रहा है। भारत के इस कदम से आशंका है कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव और बढ़ सकता है।
आपको बता दें कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से कूटनीतिक विवाद चल रहा है। इसके चलते भारत ने कनाडा से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था और कनाडा के राजनयिकों को निर्वासित भी कर दिया था। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने इस सप्ताह सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया कि भारतीय राजनयिक कनाडा में सिख अलगाववादियों के बारे में जानकारी अपने देश की सरकार के साथ साझा करके उन्हें निशाना बना रहे हैं। कनाडा सरकार और उनकी पुलिस के इन आरोपों पर भारत ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी और आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CBSA के कर्मचारी और प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) के सदस्य संदीप सिंह सिद्धू पर पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है। संदीप सिंह सिद्धू के कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित खालिस्तान आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे और अन्य ISI गुर्गों के साथ संबंध हैं। कथित तौर पर 2020 में संदीप सिंह ने बलविंदर सिंह संधू की हत्या में भूमिका निभाई थी। शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता बलविंदर सिंह संधू पंजाब के विद्रोह के दौरान खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ और अमेरिका और कनाडा में सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के नेतृत्व में खालिस्तान जनमत संग्रह का विरोध करने के लिए जाने जाते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संदीप सिंह सिद्धू को CBSA में अधीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का दावा है कि सनी टोरंटो नामक व्यक्ति और पाकिस्तान में शरण लिए हुए आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे सहित कनाडा स्थित खालिस्तानी गुर्गों ने संधू की हत्या की साजिश रची। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ‘सनी टोरंटो’ संदीप सिंह सिद्धू का उपनाम है या नहीं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हाल ही में बताया था कि पिछले एक दशक या उससे अधिक समय में भारत की ओर से भेजे गए कम से कम 26 प्रत्यर्पण अनुरोध अभी भी कनाडाई अधिकारियों के पास लंबित हैं।
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