दिल्लीः भारत और मालदीव ने अपने द्विपक्षीय सहयोग को ‘समग्र आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझीदारी’ के रूप में आगे बढ़ाने की घोषणा करने के साथ ही मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत शुरू करने और स्थानीय मुद्राओं में कारोबार करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच आज यहां हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये निर्णय लिए गए। दोनों नेताओं ने भारतीय सहयोग से निर्मित हानीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नये रनवे और 700 से अधिक आवास का उद्घाटन किया तथा मालदीव में रूपे कार्ड का शुभारंभ किया। इस मौके पर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग के पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करके आदान-प्रदान किया गया जो रक्षा, भ्रष्टाचार निरोधक कार्यवाही, विधि क्षेत्र में क्षमता विस्तार तथा खेल एवं युवा मामलों के क्षेत्र को लेकर हैं।
बैठक के बाद समग्र आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझीदारी पर एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया जिसमें कहा गया है कि भारत और मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में समान चुनौतियां साझा करते हैं जिनका दोनों देशों की सुरक्षा और विकास पर बहुआयामी प्रभाव पड़ता है। स्वाभाविक साझीदार के रूप में, वे भारत और मालदीव दोनों के लोगों के साथ-साथ बड़े हिंद महासागर क्षेत्र के लाभ के लिए समुद्री और सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने में मिलकर काम करने का संकल्प लेते हैं। मालदीव, अपने विशाल विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के साथ, समुद्री डकैती, मछली पकड़ने, नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवाद सहित पारंपरिक और गैर-पारंपरिक समुद्री चुनौतियों का सामना कर रहा है। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि भारत, एक विश्वसनीय और विश्वसनीय भागीदार के रूप में, मालदीव के साथ विशेषज्ञता साझा करने, क्षमताओं को बढ़ाने और मालदीव की जरूरतों और आवश्यकताओं के अनुसार संयुक्त उपाय करने के लिए मिलकर काम करेगा।
डॉ. मुइज्जू ने द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौते के रूप में 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर और 3000 करोड़ रुपये के सहयोग देने के भारत सरकार के फैसले की सराहना की, जो मालदीव की मौजूदा वित्तीय चुनौतियों से निपटने में सहायक है। दोनों नेता मालदीव को उसकी वित्तीय चुनौतियों से निपटने में समर्थन देने के लिए और उपाय लागू करने पर भी सहमत हुए हैं।
इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा , “भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं। भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र देश है। हमारी ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति और ‘सागर’ विज़न में मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि भारत ने सदैव मालदीव के लिए सबसे पहले मददगार की भूमिका निभाई है। चाहे मालदीव के लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं की जरुरत पूरा करना हो, प्राकृतिक आपदा के समय पीने का पानी उपलब्द्ध कराना हो या कोविड के समय वैक्सीन देने की बात हो। भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है।
पीएम मोदी ने कहा, “आज, हमने आपसी सहयोग को रणनीतिक दिशा देने के लिए ‘समग्र आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझीदारी’ विज़न अपनाया है। विकास साझीदारी हमारे संबंधों का अहम स्तंभ है। हमने, इसमें हमेशा मालदीव के लोगों की प्राथमिकताओं को प्रमुखता दी है। इस वर्ष भारतीय स्टेट बैंक ने मालदीव के 10 करोड़ डॉलर के “ट्रेज़री बिल्स”का रोल ओवर किया है। आज, मालदीव की आवश्यकता अनुसार, 40 करोड़ डॉलर और तीन हजार करोड़ रुपए का मुद्रा विनिमय समझौता भी संपन्न हुआ है। हमने मालदीव में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए व्यापक सहयोग पर बात की है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पुनर्विकसित हनीमाधु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का उद्दघाटन किया गया है। अब, ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में भी तेजी लाई जाएगी। थिलाफुशी में नए वाणिज्यिक बंदरगाह के विकास में भी सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज, भारत के सहयोग से बनाये गए 700 से अधिक आवासों का लोकार्पण किया गया है। मालदीव के 28 द्वीपों पर पानी और सीवरेज प्रोजेक्ट पूरे किये गए हैं। छह अन्य द्वीपों पर भी शीघ्र काम पूरा किया जायेगा। ये परियोजनाएं तीस हजार लोगों को साफ़ पानी की सप्लाई सुनिश्चित करेंगी। ‘हा दालू’ में कृषि आर्थिक ज़ोन और ‘हा आलिफू’ में मछली प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने में भी सहयोग दिया जायेगा। ओशिनो-ग्राफी और ब्ल्यू इकाॅनोमी में भी हम साथ मिल कर काम करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए, हमने मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा शुरू करने का निर्णय लिया। स्थानीय मुद्राओं में व्यापार पर भी काम किया जायेगा। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी फोकस किया है। उन्होंने कहा कि कुछ देर पहले, मालदीव में रूपे कार्ड का शुभारंभ किया गया है। आने वाले समय में, भारत और मालदीव को यूपीआई से भी जोड़ने के लिए काम किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि ‘अड्डू’ में नया भारतीय वाणिज्य दूतावासऔर बेंगलुरु में मालदीव का नया वाणिज्य दूतावास खोलने पर भी हमने बात की है। इन सभी पहलों से, हमारे लोगों के बीच संबंधों को बल मिलेगा
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने रक्षा और सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। एकता हार्बर प्रोजेक्ट में काम तेजी से चल रहा है।हम मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बलों की ट्रैनिंग और क्षमता निर्माण में अपना सहयोग जारी रखेंगे। हिन्द महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि के लिए हम मिलकर काम करेंगें। हाइड्रोग्राफी और आपदा प्रबंधन में सहयोग बढ़ाया जायेगा।”
पीएम मोदी ने कोलंबो सिक्योरिटी काॅन्क्लेव में संस्थापक सदस्य के रूप में जुड़ने पर मालदीव का स्वागत किया और कहा कि जलवायु परिवर्तन हम दोनों देशों के लिए बड़ी चुनौती है। इस संबंध में सौर ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता में भारत अपने अनुभव मालदीव के साथ साझा करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने डॉ मुइज्जू का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी यात्रा से हमारे संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। मालदीव के लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए भारत अपना हरसंभव सहयोग देता रहेगा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शाम को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर काफी लंबी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हम मालदीव के साथ मिलकर सुरक्षा चुनौतियों का संयुक्त रूप से सामना करेंगे।
विदेश सचिव के अनुसार इस बैठक में भारत द्वारा 40 करोड़ डॉलर और 30 अरब रुपए के मुद्रा विनिमय की सुविधा दिए जाने से मालदीव का विश्वास और सहूलियत दोनों में इजाफा हुआ है।
एक सवाल के जवाब में श्री मिस्री ने कहा कि द्विपक्षीय बैठक मुख्य रूप से द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के एजेंडे पर केंद्रित रही। हालांकि कुछ समय क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई है।
आपको बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति रविवार अपराह्न 05 दिन की भारत की सरकारी यात्रा पर यहां आये हैं। आज प्रातः उनका राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्मी स्वागत किया गया। उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गाँधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ बैठक के बाद उन्होंने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भेंट की और देर शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात एवं राजकीय भोज में शामिल होने का कार्यक्रम है। वह कल मुंबई और बुधवार को बेंगलुरू में रहेंगे और वहीं से स्वदेश लौटेंगे।