Subscribe for notification
राष्ट्रीय

वेद भौतिक-आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं: भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे, प्रखर प्रहरी

दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वेदों को भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि तथा अखिल ब्रह्माण्ड के मूल बताते हुए बुधवार को कहा कि ये सारी दुनिया को जोड़ने का काम करते हैं।

यहां स्थित अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में श्रीपाद दामोदर सातवलेकर कृत वेदों के हिंदी भाष्य के तृतीय संस्करण का विमोचन करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि वेद और भारत दोनों एक ही हैं। ये सनातन धर्म का आधार है। वेदों में ज्ञान, विज्ञान, गणित, धर्म, चिकित्सा और संगीत की भी प्रचुरता है।

उन्होंने कहा कि वेदों के मंत्रों में अंक गणित, घन और घनमूल के सिद्धांतों का भी स्पष्ट उल्लेख हैं। वेदों में समस्त विश्व के कल्याण की बात निहित हैं। वेद विश्व की समस्त मानवता को एकाकार होने का मार्ग दिखाते है। संघ प्रमुख ने कहा कि सनातन संस्कृति में जीवन जीने के लिए स्पर्धा नहीं करनी पड़ती, यह हमें वेदों ने ही सिखाया है।

डॉ. भागवत ने कहा कि ‘सत्यम् ज्ञानम्  अनन्तम ब्रह्म’। हमारे ऋषियों ने इसी दृष्टि से विश्व कल्याण के लिए वेदों की रचना की थीं। हमारे यहां जब पुत्र का पेट भर जाता है, तो माता तृप्त हो जाती है। यह बात विज्ञान चाहे ना माने, किंतु यह भौतिक वाद से परे का आनंद है। ज्ञान की समस्त प्रणालियों में वेदों का आधार देखने को मिलता है। वेदों के अध्ययन से समस्त मानवता प्रकाशित होती रहेगी।

कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि अक्रांताओं ने वेद ग्रंथों को और सनातन गुरुकुलों को नष्ट करने का प्रयास किया, मगर हमारे ऋषियो की स्मृतियों में रचे- बसे वेदों को वह नष्ट नहीं कर पाए। इसीलिए भारतीय संस्कृति में वेद चिर स्थायी हैं और रहेंगे।

इस अवसर पर संघ प्रमुख ने चारों वेदों के 10 खंडों में हुए हिंदी भाष्य का विमोचन किया। विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक एवं केन्द्रीय प्रबंध समिति के सदस्य दिनेश चंद्र ने कार्यक्रम की प्रस्तावना में बताया कि स्वाध्याय मंडल पारडी, गुजरात तथा दिल्ली स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद अध्ययन केंद्र द्वारा श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा भाष्यकृत इन चारों वेदों के आठ हजार पृष्टों के प्रकाशन में 10 वर्षो की अथक मेहनत लगी है। इस पुण्य कार्य में लगे विद्वानों व उनके सहयोगियों को इस अवसर पर सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम में देश के अनेक साधु संत, संघ, विश्व हिंदू परिषद के साथ अनेक धार्मिक, सामाजिक व संस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारियों सहित समाज के अनेक गणमान्य लोग और मातृ शक्ति उपस्थित रहीं।

General Desk

Recent Posts

कंबल ओढ़ने पर हो जाएंगे मजबूर, बस फॉलो करें ये टिप्स, आपका कुलर देगा AC को टक्कर

दिल्लीः गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में लोग भीषण गर्मी से बचने के लिए उपाय करने लगे…

2 days ago

‘एक सभ्य समाज की क्या है पहचान, जानिये ‘ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के दमदार विचार

दिल्लीः  कल यानी सोमवार 14 अप्रैल को डॉ बीआर आंबेडकर की जयंती है। उनके विचार आज भी लोगों में जोश…

2 days ago

जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसीः बॉलीवुड की इन फिल्मों ने रुपहले पर्दे पर इतिहास के इस दर्दनाक दृश्य को उकेरा

दिल्लीः 13 अप्रैल है और आज का दिन भारतीय इतिहास में एक ऐसे दिन के तौर पर शामिल हो, जिसे…

2 days ago

कोलकाता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का दिया आदेश, वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा में तीन लोगों के मारे जाने की सूचना

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद के अशांत क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। बीजेपी नेता सुवेंदु…

3 days ago

वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसक झड़प, दो लोगों की मौत, 118 लोग गिरफ्तार, इंटरनेट सेवा बंद

कोलकाता: वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा की आग बुझने का नाम नहीं…

3 days ago

UPI downः भारत में उपभोक्ता नहीं कर पा रहे हैं डिजिटल पेमेंट्स

UPI down: भारत में यूपीआई (Unified Payments Interface) उपभोक्ताओं को शनिवार सुबह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।…

3 days ago