पुणे: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सरकारी विभागों में व्याप्त करप्शन के लिए नौकरशाहों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि हमारे सिस्टम में कुछ ‘न्यूटन के बाप’ भी हैं । उनके पास फाइलें तभी तेजी से आगे बढ़ती हैं, जब उस पर पैसों का बोझ अधिक होता हैं।
उन्होंने रविवार को कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (COEPTU) के पूर्व छात्र संघ के ‘इंजीनियर्स डे’ समारोह में बेबाक बयान देते हुए कहा कि सरकारी तंत्र में करप्शन का आलम ये हैं कि विभागों में फाइलें उन पर रखे वजन के हिसाब से आगे बढ़ती है। उन्होंने विकास के लिए सरकारी विभागों में पारदर्शिता और समयबद्ध निर्णय की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम में टेस्ला, जेपी मॉर्गन जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों , राज्य और केंद्र सरकार में काम करने वाले इंजीनियर मौजूद थे।
गडकरी ने पूर्व छात्रों को संबोधित करते हुए नौकरशाहों के रवैये का उल्लेख करते हुए हाइवे प्रोजेक्ट, रोड एक्सिडेंट और हादसों में होने वाली मौतों के लिए दोषपूर्ण डीपीआर को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सिस्टम में ऐसे अफसर हैं, जिन्हें हर चीज के लिए आदेश की आवश्यकता होती है। यहां तक कि सड़कों पर गड्ढे भरने के लिए भी वह आदेश का इंतजार करते हैं। लिखे गए शब्द और भावना में अंतर होता है। अगर कोई काम करने वाला किसी भी नियम की भावना को नहीं समझेगा तो उसका फायदा क्या है?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे आज यह नहीं कहना चाहिए, लेकिन जहां आपको (नौकरशाहों को) पैसा मिलता है, आप तेजी से काम करते हैं, लेकिन अन्यथा आप ऐसा नहीं करते। हमारे सिस्टम में कुछ ‘न्यूटन के बाप’ भी हैं । उनके पास फाइलें तभी तेजी से आगे बढ़ती हैं, जब उस पर पैसों का बोझ अधिक होता हैं। जबकि पारदर्शिता और समयबद्ध निर्णय लेने की प्रथा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह सकते हैं कि वह तीखे ढंग से बोलते हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि उनकी बातों से कम से कम युवा सबक लेंगे।
इस मौके पर उन्होंने कई घोषणाएं कीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने मुंबई और बेंगलुरु के बीच 14 लेन के राजमार्ग की योजना बनाई है, जो अटल सेतु पुल के बाद शुरू होगा और पुणे की रिंग रोड से जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुंबई से बेंगलुरु जाने वाले लोगों को पुणे में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं होगी और यहां यातायात कम हो जाएगा। वे उसी रास्ते से छत्रपति संभाजीनगर जा सकते हैं। उन्होंने कहा इस प्रोजेक्ट का टेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है और हम अगले छह महीनों के भीतर काम शुरू करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने युवा इंजीनियरों से आग्रह किया कि वे अपनी प्रतिभा को लोगों की जरूरत के हिसाब से इनोवेशन और रिसर्च करें।