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आरजी कर अस्पताल मामलाः ममता बोलीं…ऐसे कृत्य का सिर्फ एक ही सजा फांसी, अगले सप्ताह विधानसभा में लाएंगे विधेयक

कोलकाताः तृणमूल छात्र परिषद के 27वें स्थापना दिवस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि हमने आज का दिन कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर को समर्पित किया है। हम न्याय चाहते हैं, लेकिन बीजेपी ने आज बंद का आह्वान किया है। वे न्याय नहीं चाहते, वे केवल बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। हम इस बंद का समर्थन नहीं करते हैं।

ममता ने कहा, “बीजेपी ने कभी भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और यहां तक कि मणिपुर के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग नहीं की। हमने कल (नबान्ना अभियान रैली) की तस्वीरें देखीं, मैं स्थिति को अच्छी तरह से संभालने के लिए पुलिस को सलाम करती हूं।”

उन्होंने कहा कि आरजी कर अस्पताल की महिला डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या मामले की जांच सीबीआई कर रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी मामले की 16 दिन से जांच कर रही है। कहां है न्याय? कहां तक पहुंची जांच? उन्होंने कहा ऐसे कृत्यों की केवल एक ही सजा है- फांसी पर लटकाना। हम अगले हफ्ते विधानसभा सत्र बुलाएंगे और दुष्कर्मियों के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित करने के लिए 10 दिनों के भीतर एक विधेयक पारित करेंगे। हम इस विधेयक को राज्यपाल के पास भेजेंगे। अगर वह इसे पारित नहीं करते हैं, तो हम राजभवन के बाहर धरना देंगे। यह विधेयक पारित होना ही चाहिए और वह इस बार जवाबदेही से बच नहीं सकते।

मुख्यमंत्री ममता ने जनता से न्याय सुनिश्चित करने के लिए अदालत में बीजेपी का मुकाबला करने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं वकीलों से कहूंगी कि अदालत में भाजपा को मत छोड़ो। यह सुनिश्चित करें कि लोगों को अदालत में न्याय मिले।” उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ” बंद क्यों? अगर बंद करना है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ करो, जो केवल एजेंसियों का इस्तेमाल कर लोगों पर अत्याचार करने के अलावा कुछ नहीं करते।”

उन्होंने बीजेपी पर टीएमसीपी की रैली को विफल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चे जो रैली में आ रहे थे, उन्हें रोकने की कोशिश की गई। बंद बुलाकर ट्रेनों को रोका गया।

पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा तृणमूल छात्र परिषद के 27वें स्थापना दिवस पर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार अगले 3-4 महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित समयबद्ध कानून पारित नहीं करती है, तो तृणमूल कांग्रेस दिल्ली में बड़ा आंदोलन करेगी।

इससे पहले ममता बनर्जी ने आरजी कर मामले में पीड़िता के परिवार के प्रति दुख व्यक्त किया था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि वह तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस को पीड़िता को समर्पित कर रही हैं। बता दें कि नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर का शव मिला था। इस घटना के बाद देशभर के डॉक्टरों ने सड़कों पर उतकर न्याय और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “आज तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के मौके पर, मैं इसे अपनी बहन, जिनकी कुछ दिन पहले ही आरजी कर मेडिकल अस्पताल में हत्या कर दी गई, को समर्पित करती हूं। अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए मैं इस घटना पर तत्काल निवारण की मांग करती हूं। हमारी संवेदनाएं उन सभी महिलाओं के साथ हैं, जो अमानवीय घटनाओं की शिकार हुई। उन सभी के लिए मैं दिल के अंतरस्थल से दुख व्यक्त करती हूं। मैं माफी चाहती हूं।’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि देश के सभी छात्रों और युवाओं की एक महान सामाजिक भूमिका है। उन्होंने कहा, “समाज को संजोकर नए दिन का सपना देना, अपनी संस्कृति को जिंदा रखना छात्र समाज का काम है। मैं आज सभी से अपील करती हूं कि इस प्रयास में प्रतिबद्ध रहें। मेरे प्यारे छात्रों अच्छे से रहें और स्वास्थ्य रहें और उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध रहें।”

आपको बता दें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में घटित घटना विरोध में देशभर नाराजगी है। बीच बीते दिन राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक प्रदर्शनकारियों के पहुंचने के प्रयासों के दौरान कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़पें हुईं। कोलकाता और हावड़ा की सड़कों पर बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। राज्यभर में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके विरोध में भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने नबन्ना अभियान नाम से एक रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों के पुलिस बैरिकेट्स पर चढ़ने के बाद पुलिसकर्मियों ने उनपर पानी की बौछार की।

तृणमूल कांग्रेस ने इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा, “बीजेपी के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में पत्थरबाजी, धक्का देना, बैरिकेड्स हटाना, पुलिस कर्मियों को चोट पहुंचाना और राज्य की कानून व्यवस्था को बाधित करना शामिल है। नबन्ना अभियान को टीएमसी ने बंगाल पर घातक हमला बताया।”

General Desk

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