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पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यूक्रेन दौरा, जंग के बीच पोलैंड से 10 घंटे ट्रेन से सफर कर पहुंचे कीव - Prakhar Prahari
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पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यूक्रेन दौरा, जंग के बीच पोलैंड से 10 घंटे ट्रेन से सफर कर पहुंचे कीव

कीवः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत के ढाई साल बाद शुक्रवार को यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे। पीएम मोदी पौलेंड से 10 घंटे की ट्रेन यात्रा करने के बाद एक दिवसीय दौरे पर यूक्रेन पहुंचे हैं। वे अपने एक दिवसीय यूक्रेन दौरे के दौरान राजधानी कीव में 07 घंटे बिताएंगे।

आपको बता दें कि ये पहला मौका है, जब भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन के दौरे पर आए  हैं। 1991 में सोवियत संघ के टूटने के कारण यूक्रेन के बनने के बाद से कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन नहीं गया था।

आपको बता दें कि PM मोदी का ये दौरा खास इसलिए भी है कि 24 फरवरी 2022 को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, तब से उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों के अलावा किसी अन्य देश के नेता ने यूक्रेन का दौरा नहीं किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कुछ महीने पहले PM मोदी को यूक्रेन आने का न्योता दिया था। इससे पहले मोदी और जेलेंस्की ने मई 2023 में जापान में G-7 समिट के दौरान जंग के बाद पहली बार मुलाकात की थी।

इससे पहले पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर 21 अगस्त को पोलैंड पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी यहां यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता करेंगे। इसमें यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर भी चर्चा होगी।

वैश्विक नेताओं द्वारा ट्रेन के जरिए पोलैंड से यूक्रेन की यात्रा एक कूटनीति का हिस्सा मानी जाती है। इस कूटनीति को ‘आयरन डिप्लोमेसी’ का नाम दिया गया है। यूक्रेनी रेलवे के सीईओ ओलेक्सांद्र कामिशिन ने ‘आयरन डिप्लोमेसी’ शब्द गढ़ा है। आयरन डिप्लोमेसी के तहत दुनिया के नेता युद्ध और हवाई क्षेत्र बंद होने की अनदेखी करके कीव के लिए भूमि मार्ग अपनाते हैं। इसके अलावा नेता संघर्ष के मामले में, शांति पर चर्चा करने के लिए यूक्रेन को समर्थन दिखाते हैं।

आपको बता दें कि 24 फरवरी, 2022 को रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का आगाज हुआ था। इसके बाद पोलैंड, चेक गणराज्य और स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री 15 मार्च को यूक्रेन का दौरा करने वाले पहले पश्चिमी नेता थे। इसके बाद भी वैश्विक नेताओं ने दौरे जारी रहे। अमेरिका, फ्रांस, इटली, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे तमाम बड़े देशों के नेता ट्रेन से ही कीव पहुंचे थे।

General Desk

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