दिल्लीः कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या के मामले में डॉक्टर्स का देशव्यापी प्रदर्शन जारी है। डॉक्टर्स के मद्देनजर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। केंद्र सरकार अब सभी राज्यों में कानून-व्यवस्था की खुद निगरानी करेगी। इसके लिए गृह मंत्रालय ने शनिवार (17 अगस्त) को एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि सभी राज्यों को हर दो घंटे पर कानून-व्यवस्था की जानकारी केंद्र को देनी होगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय कंट्रोल रूम के कंट्रोल रूम ऑफिसर मोहन चंद्र पंडित ने सभी राज्यों के DGP को ऑर्डर जारी किया है। इसमें लिखा है कि गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या के बाद राज्यों में कानून-व्यवस्था की निगरानी करने की इच्छा जताई है। इसलिए सभी राज्य अब से हर दो घंटे की सिचुएशन रिपोर्ट गृह मंत्रालय कंट्रोल रूम को फैक्स, ई-मेल या वॉट्सऐप के जरिए भेजेंगे। केंद्र ने यह आदेश शुक्रवार (16 अगस्त) की शाम 4 बजे से लागू कर दिया है। 17 अगस्त की रात केंद्र का नोटिफिकेशन सामने आया।

वहीं, कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास रविवार (18 अगस्त) से भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 (पहले CRPC की धारा 144) लागू कर दी है। शनिवार (17 अगस्त) देर रात इसे लेकर आदेश जारी किया गया। मेडिकल कॉलेज के आसपास अगले 07 दिनों यानी 18 अगस्त से 24 अगस्त तक धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। पुलिस के आदेश के अनुसार, श्यामपुकुर, उल्टाडांगा, ताला पुलिस स्टेशन एरिया में 5 से ज्यादा लोगों के जुटने, हथियार लेकर जाने या तनाव पैदा करने वाली किसी भी गतिविधियों पर रोक है।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी। डॉक्टरों के विरोध-प्रदर्शन के बीच 14 अगस्त की देर रात अस्पताल में अचानक हजारों की भीड़ घुस गई और तोड़फोड़ की। इसके बाद से वहां तनाव की आशंका बनी हुई है। कोलकाता पुलिस के इस फैसले से ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल पर इसका असर देखने को मिल सकता है। रविवार (18 अगस्त) को कई जगह रैलियां भी प्रभावित होंगी।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई घटना और उसके बाद अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के विरोध में देश भर में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के कहने पर सभी राज्यों में डॉक्टर्स शनिवार (17 अगस्त) की सुबह 6 बजे से 24 घंटे की हड़ताल पर चले गए। इससे देश भर के अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुईं। दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में OPD, इमरजेंसी को छोड़कर दूसरी सर्जरी और IPD सेवाएं बंद रहने से सैकड़ों मरीज परेशान रहे। दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार (12 अगस्त) से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

शनिवार (17 अगस्त) को हड़ताल के छठे दिन सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पताल भी विरोध में शामिल हो गए। सर गंगा राम, फोर्टिस और अपोलो जैसे अस्पतालों ने इमरजेंसी छोड़कर बाकी सभी सेवाएं बंद कर दी हैं। हड़ताल की वजह से दिल्ली में रोजाना करीब एक लाख से अधिक मरीजों को उपचार के बिना अस्पतालों से लौटना पड़ रहा है। हर रोज लगभग 250 से 300 सर्जरी भी नहीं हो पा रही हैं। इस तरह 6 दिन में करीब 6 लाख से अधिक मरीज इलाज नहीं करा सके, जबकि करीब 2500 से ज्यादा सर्जरी नहीं हो सकीं।

केंद्र सरकार ने डॉक्टरों के लिए कमेटी बनाने का दिया आश्वासनः केंद्र सरकार ने डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म करने की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार (17 अगस्त) को बयान जारी कर कहा- डॉक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। केंद्र के फैसले के बाद IMA ने भी बयान जारी किया। इसमें कहा गया, ‘IMA सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और अपनी सभी स्टेट ब्रांच से सलाह लेने के बाद जवाब देगा। हम हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी स्टेटमेंट की स्टडी कर रहे हैं।’

इससे पहले IMA चीफ ने कहा था कि इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर अस्पतालों में कामकाज बंद है। हमारी मांग है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हमने ऐसा कुछ नहीं मांगा जो सरकार नहीं कर सकती है।

उधर, कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त को हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा- अस्पताल में 7 हजार की भीड़ आई थी। पुलिस क्या कर रही थी? इस पर पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा- हिंसा को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। 15 पुलिसवाले भी घायल हुए थे। DCP भी घायल हुए हैं। पुलिस की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई थी।

आपको बता दें कि नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमीनार हॉल में 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या की गई थी। इस घटना ने कई गंभीर खामियों और संबंधित अधिकारियों के समर्थन की कमी को उजागर किया, जिसके बाद डॉक्टर्स ने न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस मामले में कोलकाता पुलिस की जांच में कोई प्रगति दिखाई न देने के बाद डॉक्टर्स और भड़क गए। लगातार विरोध प्रदर्शन और मांग पर संज्ञान लेते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here