Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
भारत लाया जा सकता है 26/11 के मुंबई हमले का आतंकी तहव्वुर राणा, अमेरिकी कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज की - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

भारत लाया जा सकता है 26/11 के मुंबई हमले का आतंकी तहव्वुर राणा, अमेरिकी कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज की

वाशिंगटनः भारत की वाणिज्यिक नगरी मुंबई 26 नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी अदालत ने प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ उसकी अपील को खारिज कर दिया है। अमेरिकी अदालत ने 15 अगस्त को अपने फैसले में कहा कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है।

आपको बता दें कि पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन राणा ने नाइंथ सर्किट कोर्ट में पिछले साल एक याचिका दायर की थी और गुहार लगाई थी कि सुनवाई तक उसे भारत को न सौंपा जाए। इससे पहले मई 2023 में भी एक अमेरिकी अदालत ने राणा की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया था।

पाकिस्तानी मूल के तहव्वुर राणा ने भारत को सौंपे जाने से बचने के लिए अमेरिका की कोर्ट में हेबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। आपको बता दें कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का इस्तेमाल उस समय किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अवैध रूप से कस्टडी में रखा जाए। हालांकि लॉस एंजिलिस के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जिन आरोपों को आधार बनाकर भारत ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण की मांग की है, उन्हें देखते हुए उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दी जा सकती है।

राणा ने अपने खिलाफ फैसला आने के बाद नाइंथ सर्किट कोर्ट में एक और याचिका दायर की थी। इसी पर गुरुवार को फैसला आया। उन्होंने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करने को सही ठहराया। पैनल ने माना कि राणा का अपराध अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आता है। पैनल ने माना कि भारत ने हमले को लेकर राणा पर लगाए गए आरोपों के पुख्ता सबूत दिए हैं। हालांकि, राणा इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है।

मुंबई हमले के मास्टर माइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है तहव्वुर राणाः सरकारी वकीलों ने पिछले साल कोर्ट में सुनवाई के दौरान तर्क दिया था कि तहव्वुर इस हमले के मास्टर माइंड डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है और उसे पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर तहव्वुर आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।

राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि राणा इस पूरी साजिश का हिस्सा था और इस बात की पूरी आशंका है कि उसने आतंकी हमले को फंडिंग देने का अपराध किया है।

डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। राणा ने उसकी आर्थिक मदद की- फाइल फोटो
डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। राणा ने उसकी आर्थिक मदद की- फाइल फोटो
हमले में मारे गए 9 आतंकियों को निशान-ए-हैदर दिलवाना चाहता था

कोर्ट की तरफ से जारी किए गए प्रत्यर्पण के ऑर्डर के मुताबिक, इस हमले का एक सह आरोपी राणा से दुबई में मिला था। 25 दिसंबर 2008 को उसने हेडली को एक मेल लिखकर पूछा कि राणा कैसा है? क्या वह घबराया हुआ है या रिलैक्स्ड है? अगले दिन हेडली ने जवाब दिया था कि राणा एकदम बेफिक्र है और मुझे भी समझा रहा है कि मैं न घबराऊं।

गौरतलब है कि 07 सितंबर 2009 को राणा ने हेडली से कहा था कि मुंबई हमले में मारे जाने वाले 9 आतंकियों को पाकिस्तानी सेना का सबसे ऊंचा सम्मान निशाने-हैदर दिया जाना चाहिए। उसने हेडली से यह भी कहा था कि मुंबई हमले की साजिश में मदद करने वाले एक साथी को बताए कि उसे टॉप-क्लास का मेडल मिलना चाहिए।

भारत ने राणा को भगोड़ा घोषित कर रखा है। राणा के खिलाफ अगस्त 2018 में भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के स्पेशल कोर्ट ने भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उसे 2009 में गिरफ्तार किया गया था।

हेडली को अक्टूबर 2009 में अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और मुंबई हमलों में शामिल होने के लिए उसे 35 साल की सजा सुनाई गई थी। भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में कोई अपराध करता है और अगर उसे अमेरिका की धरती पर पकड़ा जाता है तो भारत उसके प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हेडली ने अमेरिका से सौदा किया था कि वो उनके साथ पूरा सहयोग करेगा, बशर्ते उसे भारत या पाकिस्तान प्रत्यर्पित न किया जाए।

General Desk

Recent Posts

खालिस्तानी पन्नू की हत्या की साजिश का आरोपी विकास ने बताया जान को खतरा, अदालत से लगाई पेशी से छूट देने की गुजारिश

दिल्लीः खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में आरोपी विकास यादव ने अपनी जान को खतरा बताया…

18 hours ago

शोध पर लालफीताशाही भारी, आजकल सारा उद्देश्य पेट भरने का, चार प्रतिशत जनसंख्या वालों को 80 प्रतिशत संसाधन चाहिएः डॉ. भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे गुरुग्रामः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि  आज कर…

3 days ago

PoK में नहीं होगा चैंपियंस ट्रॉफी का टूर, ICC ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मना किया

स्पोर्ट्स डेस्क8 ICC यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने पीओके यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चैंपियंस ट्रॉफी का टूर…

3 days ago

अब छात्र दो साल में ही पूरा कर सकेंगे ग्रेजुएशन, UGC अगले साल तक ला सकता है नई पॉलिसी; कमजोर विद्यार्थी 05 साल तक बढ़ा सकेंगे कोर्स ड्यूरेशन

दिल्लीः अब विद्यार्थी दो साल में ही ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर सकेंगे। UGC यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन अगले अकादमिक…

3 days ago

अहिल्याबाई होलकर ने नष्ट हो चुके राष्ट्र के सम्मान एवं गौरव को स्थापित करने का काम कियाः कृष्ण गोपाल

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने गुरुवार को कहा है कि पुण्यश्लोक…

3 days ago