ढाकाः बांग्लादेश ती प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने देश में दो  महीने से जारी आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद सोमवार यानी 05 अगस्त को पद से इस्तीफा दे दिया। यहीं नहीं हिंसक माहौल के चलते शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा है।

हसीना सेना के विमान से रवाना हुईं। खबरों के मुताबिक उनकी बहन रेहाना ने उनके साथ देश छोड़ दिया है। वे बंगाल के रास्ते दिल्ली पहुंच रही हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि शेख हसीना शाम को दिल्ली से लंदन रवाना हो सकती हैं। उसके बाद वे फिनलैंड या दूसरे देश जा सकती हैं। हालांकि अभी तक इस बारे में पुष्टि नहीं हुई है।

 हजारों लोग प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस गए हैं। इस पूरे घटनाक्रम के बीच बांग्लादेश के कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर हो गई है। ढाका में प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक और शेख हसीना के पिता शेख मुजीब-उर-रहमान की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया है।
बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से कोई गोली न चलाने को कहा है। वहीं भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (कार्यवाहक) दलजीत सिंह चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक बीएसएफ ने पड़ोसी देश में हिंसक घटनाक्रम के मद्देनजर भारत-बांग्लादेश सीमा के 4,096 किलोमीटर क्षेत्र में सभी इकाइयों को ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है।
इस पूरे घटनाक्रम पर बांग्लादेश की सेना ने कहा कि हिंसा से देश को नुकसान हुआ है। हालांकि, सेना देश के हालात को पूरी तरह संभाल लेगी। सेना ने देश में अंतरिम सरकार के गठन के साथ शांति स्थापित करने की भी बात कही। प्रदर्शनकारियों से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील भी की गई।

बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान ने कहा, “हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, देश को अब हम संभालेंगे। आंदोलन में जिन लोगों की हत्या की गई है, उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा।”

आपको बता दें कि इससे पहले पड़ोसी देश श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन हुआ था। श्रीलंका में जुलाई 2022 में ऐसी स्थिति बनी थी। लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर थे और राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे।

बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन के सबसे बड़े अपडेट्सः

  • प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हुए। तोड़फोड़ और आगजनी की।
  • राजधानी ढाका में 4 लाख लोग सड़कों पर हैं, जगह-जगह तोड़फोड़ की जा रही है।
  • पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में सोमवार को 6 लोग मारे गए। प्रदर्शनकारियों ने 2 हाईवे पर कब्जा किया। अब तक 300 लोगों की जान गई है। इनमें ज्यादातर छात्र हैं।
  • BSF ने भारत-बांग्लादेश पर अलर्ट बढ़ा दिया है।
  • आर्मी ने देश की प्रमुख पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की है। 18 सदस्यीय अंतरिम सरकार प्रस्तावित की गई है। सेना इस सरकार को बनाएगी।

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