दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित राव स्टडी सेंटर में पानी भरने के कारण तीन विद्यार्थियों की मृत्यु के बाद कई पंप लगाकर पानी निकाला गया। देर रात तक तलाश अभियान भी चलाया जा रहा था। स्टडी सेंटर के छात्रों का कहना था कि यहां पानी भरने का मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले बारिश के दौरान पार्किंग में कई बार पानी भर चुका था। कई बार थोड़ा पानी बेसमेंट में भी आ गया था, लेकिन स्टडी सेंटर प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

स्टडी सेंटर में पढ़ाई करने वाले छात्र शिवम ने बताया कि बेसमेंट में लाइब्रेरी के अलावा एक छोटा सा क्लासरूम बना हुआ है। यहां टीचर छात्रों की समस्यों को दूर करते हैं। बेसमेंट में आने और जाने के लिए एक ही रास्ता है। यहां पर बायोमैट्रिक सिस्टम भी लगा हुआ है। करीब 400 गज की इमारत में बेसमेंट के अलावा ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग और ऊपर चार मंजिल इमारत बनी हुई है। यहां क्लास के अलावा बाकी स्टूडियो और दूसरे कमरे बने हुए हैं।

शिवम ने बताया कि शनिवार को एकदम हुई बारिश के बाद सड़क पर करीब साढ़े तीन से चार फीट पानी भर गया। हादसे से कुछ देर पहले ही वह निकला था। रात को शिवम को पता चला तो भागा हुआ स्टडी सेंटर पहुंचा। यहां पहुंचकर पता चला कि अंदर कई छात्र फंसे हुए हैं। शिवम ने आरोप लगाया कि स्टडी सेंटर प्रशासन की लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है। बाकी बिल्डिंग वालों ने पानी को इमारत में न आने के इंतजाम किए हुए हैं, लेकिन यहां हर बारिश में पानी भर रहा था।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) प्रतिवर्ष मानसून से पहले नालों की सफाई करने का दावा करती है। इसी कड़ी में उसने इस साल भी नालों की सफाई करने की घोषणा की थी, लेकिन राजधानी में शनिवार की शाम बारिश के दौरान नाला ओवरफ्लो होने से कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी घुस गया और डूबने से छात्राओं की मौत हो गई। एमसीडी प्रतिवर्ष मानसून आने से पहले 15 जून तक अपने सभी नालों की सफाई करने के लिए एक्शन प्लान बनती है। इसमें नालों के नाम, लंबाई व गहराई का उल्लेख होता है। इतना ही नहीं, एक्शन प्लान में प्रत्येक नाले से निकलने वाली गाद का अनुमान भी होता है, लेकिन एमसीडी नालों की सफाई का कार्य कभी भी तय अवधि तक नहीं कर पाती है और हर बार 30 जून तक सफाई की अवधि बढ़ती रहती है। इसके बाद वह नालों की सफाई करने के मामले में चुप्पी साध लेती है और अचानक कह देती है कि नाले साफ हो चुके हैं।
दिल्ली सरकार ने दिए मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश

ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सेंटर में छात्राओं की मौत मामले की मजिस्ट्रेट से जांच होगी। दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव को आदेश देकर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है। राजस्व मंत्री आतिशी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और तत्काल जांच की जानी चाहिए। सभी संबंधित अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने और सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव मामले की तुरंत मजिस्ट्रेट जांच शुरू करें और 24 घंटे में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही, जिन लोगों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। दोषियों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाए।

एमसीडी भी हादसे की जांच करेगी। स्टडी सेंटर करोल बाग जोन में आता है। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि भवन बनाने के दौरान सभी अनुमति ली गईं हैं या नहीं। फिलहाल, करोल बाग जोन के अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही पता चलोगा कि भवन बनाने के दौरान बेसमेंट की अनुमति थी या नहीं। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा की बेसमेंट में पुस्तकालय चलाने के लिए उपयुक्त सुरक्षा व्यवस्था थी या नहीं।

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचीं मेयर शैली ओबराय ने बताया कि एमसीडी की गलती मिलने पर दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। नाला या फिर पाइप लाइन फटने के कारण स्टडी सेंटर में पानी भरने की आशंका है। फिर भी इस मामले में गलती मिलने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, घटनास्थल पर पहुंचे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने दिल्ली सरकार व एमसीडी को कठघरे में खड़ा किया। मौके पर कुछ छात्रों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

वहीं, राजेंद्र नगर के पूर्व पार्षद भाजपा नेता राजेश भाटिया ने सोशल मीडिया के माध्यम से इलाके के नाले साफ नहीं होने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से नालों की सफाई न होने के संबंध में इलाके के आप विधायक दुर्गेश पाठक ने ध्यान नहीं दिया, जबकि एमसीडी में आम आप की सरकार है और वे पार्टी की ओर से एमसीडी के प्रभारी हैं।

 

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