दिल्लीः मोदी 3.0 में पहली बार कई राज्यों और 01 केंद्र शासित प्रदेश के राज्यपाल और प्रशासक बदले गए हैं। राष्ट्रपति भवन ने शनिवार देर रात 06 नए राज्यपाल और 03 के ट्रांसफर का आदेश जारी किया।

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर को सिक्किम का गवर्नर बनाया गया है। वहीं, असम के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया पंजाब के राज्यपाल के अलावा चंडीगढ़ के प्रशासक का जिम्मा संभालेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर रहे हरिभाऊ बागडे़ राजस्थान, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं 08 बार सांसद रहे संतोष गंगवार झारखंड, असम से पूर्व सांसद रमन डेका छत्तीसगढ़ के गवर्नर बनाए गए हैं। कलराज मिश्र (राजस्थान), बिस्वभूषण हरिचंदन (छत्तीसगढ़), रमेश बैस (महाराष्ट्र), बनवारीलाल पुरोहित (पंजाब-चंडीगढ़), अनुसुइया उइके (मणिपुर) और फागू चौहान (मेघालय) को हटाया गया है।

वहीं, तीन राज्यपाल- सीपी राधाकृष्णन (झारखंड से महाराष्ट्र), गुलाब चंद कटारिया (असम से पंजाब-चंडीगढ़), लक्ष्मण आचार्य (सिक्किम से असम,मणिपुर) को दूसरे राज्य भेजकर रिपीट किया गया है।

गवर्नर/ उपराज्यपाल राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले
हरिभाऊ किसनराव बागड़े राजस्थान कलराज मिश्र
रामेन डेका छत्तीसगढ़ बिस्वभूषण हरिचंदन
संतोष गंगवार झारखंड सीपी राधाकृष्णन
सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र रमेश बैस
गुलाब चंद कटारिया पंजाब बनवारीलाल पुरोहित
चंडीगढ़ (केंद्र शासित प्रदेश)
लक्ष्मण प्रसाद आचार्य असम गुलाब चंद कटारिया
मणिपुर अनुसुइया उइके
जिष्णुदेव वर्मा तेलंगाना सीपी राधाकृष्णन
ओम प्रकाश माथुर सिक्किम लक्ष्मण प्रसाद आचार्य
सीएच विजयशंकर मेघालय फागू चौहान
हरिभाऊ किसनराव बागड़ेः 1985 में पहली बार औरंगाबाद पूर्व सीट से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे। 2014 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के कल्याण काले के खिलाफ फुलंबरी (महाराष्ट्र) निर्वाचन क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीता था। 2019 विधानसभा चुनाव भी जीता था। महाराष्ट्र में पूर्व कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।
संतोष गंगवारः संतोष गंगवार झारखंड के 12वें राज्यपाल बनाए गए हैं। 8 बार सांसद रह चुके गंगवार भाजपा में लंबे समय तक सक्रिय रहे। वे मोदी और वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। यूपी के बरेली से 1989 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। 2009 में कांग्रेसी प्रत्याशी से हारे, लेकिन 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की।
गुलाब चंद कटारियाः  साल 1977 में पहली बार उदयपुर शहर सीट से विधायक चुने गए थे। साल 1998 में उदयपुर छोड़कर बड़ी सादड़ी से चुनाव जीता था। राजस्थान में शिक्षा मंत्री, पीडब्ल्यूडी मंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री सहित दो बार गृहमंत्री रहे हैं। 2023 को असम के 31वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किए गए थे।

 

रामेन डेकाः रामेन डेका असम के रहने वाले हैं। इनका जन्म 01 मार्च 1954 को असम के कामरूप जिले के सुआलकुची में हुआ था। वे असम की मंगलदोई लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर दो बार सांसद रह चुके हैं। वह BJP के संस्थापक सदस्यों में भी हैं। असम बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं।

सीपी राधाकृष्णनः सीपी राधाकृष्णन दो बार तमिलनाडु की कोयंबटूर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में जीते थे। उन्हें बीजेपी ने 2014 और 2019 के चुनाव में भी उम्मीदवार बनाया, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वो 18 फरवरी 2023 को झारखंड के राज्यपाल बने।

जिष्णु देव वर्माः जिष्णु देव वर्मा किसी भी राज्य के राज्यपाल बनने वाले त्रिपुरा के पहले निवासी हैं। उन्होंने पहले 2018 से 2023 तक भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। हालांकि, 2023 के विधानसभा चुनावों में, वह सिपाहीजला जिले के चारिलम (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र में टीआईपीआरए मोथा से हार गए थे।

ओम प्रकाश माथुरः  बीजेपी के दिग्गज नेता हैं। भाजपा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और महामंत्री भी रहे। साल 2008 से 2009 तक राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष की कमान संभाली हैं। इसके साथ ही गुजरात, छत्तीसगढ़ समेत 9 राज्यों में बीजेपी के प्रभारी रहे चुके हैं।

 लक्ष्मण प्रसाद आचार्यः लक्ष्मण प्रसाद की BJP में अच्छी पैठ है। उत्तर प्रदेश में राज्य मंत्री रहे। प्रदेश के मिर्जापुर से ताल्लुक रखने वाले लक्ष्मण प्रसाद आचार्य खरवार जनजाति से हैं। 1977 तक संघ के सरस्वती शिशु मंदिर में बतौर शिक्षक जुड़े रहे। राम मंदिर आंदोलन में शामिल हुए। मत्स्य विकास निगम के अध्यक्ष का पद भी संभाला।

सीएच विजयशंकरः कर्नाटक के रानीबेन्नूर के रहने वाले विजय शंकर पहली बार 1994 से 1998 तक हुनसूर से विधायक बने थे। 1998 और 2004 में मैसूर से सांसद रहे। 2010 से वह रेगे की 16वीं विधानसभा के विधायक और कर्नाटक के कैबिनेट मंत्री भी रहे।

आपको बता दें कि जिन 08 राज्यों में राज्यपाल बदले गए हैं उनमें से  महाराष्ट्र-झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इनके अलावा हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। जम्मू कश्मीर के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर से पहले चुनाव करवाने का निर्देश दिया है।

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