दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। यह इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप के दौरान युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। साथ ही, एकमुश्त मदद के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रशिक्षण का खर्च और इंटर्नशिप की 10 फीसदी लागत को वहन करना होगा।

वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना में कंपनियों की भागीदारी स्वैच्छिक है, यानी कंपनियां अपनी मर्जी से इसमें शामिल हो सकती हैं। इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी और योग्य उम्मीदवार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। इस योजना के पहले चरण की अवधि दो वर्ष की होगी, जिसके बाद दूसरे चरण की अवधि तीन वर्ष होगी।

कंपनियां मानदण्डों के आधार पर करेंगी चयनः सीतारमण ने बताया कि वस्तुनिष्ठ मानदण्डों पर आधारित चयन सूची से कंपनी योग्य उम्मीदवारों का करेगी और इस चयन में उन व्यक्तियों पर जोर दिया जाएगा जिनकी रोजगार पाने की क्षमता कम है।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की लागत कंपनी द्वारा सीएसआर निधियों से वहन की जाएगी। प्रतिवर्ष लागत में सरकारी की भागीदारी मासिक भत्ते के लिए 54000 तथा कंपनी की भागीदारी मासिक भत्ते के लिए सीएसआर निधियों से 6000 रहेगी। प्रशासनिक लागत संबंधित पक्षों द्वारा वहन की जाएगी।
किसे मिलेगा फायदा?

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में की दई घोषणा के अनुसार पांच वर्षों में भारत की शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है। युवाओं को 5000 के मासिक भत्ते के साथ 12 महीने की प्रधान मंत्री इंटर्नशिप प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि यह उन्हीं व्यक्तियों पर लागू होगी जिन्हें पहले से रोजगार प्राप्त नहीं है और जो पूर्णकालिक आधार पर शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहे हैं।

किसे नहीं मिलेगा लाभः इस योजना का लाभ आईआईटी, आईआईएम, आईआईएसईआर, सीए, सीएमए इत्यादि की अर्हता प्राप्त अभ्यर्थी नहीं उठा सकेंगे। इसके अलावा, यदि छात्र/अभ्यर्थी के परिवार का कोई सदस्य आयकर देता है, तो अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन करने का पात्र नहीं होगा। अगर अभ्यर्थी के परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी इत्यादि हो तब भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।

ये अभ्यर्थी नहीं उठा सकेंगे लाभः

  • आईआईटी, आईआईएम, आईआईएसईआर, सीए, सीएमए अर्हता प्राप्त अभ्यर्थी
  • यदि परिवार में आयकर दाता है
  • यदि परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है
  • कंपनियों के लिए निर्देश
  • कंपनी से यह अपेक्षित है कि वह उस व्यक्ति को उस कौशल के संबंध में वास्तविक कार्यकारी
  • अनुभव का अवसर प्रदान करे, जिस कौशल से कंपनी जुड़ी हो।
  • अभ्यर्थी का कंपनी में कम से कम आधा कार्य समय वास्तविक कार्यकारी अनुभव/रोजगार परिवेश में गुजरना चाहिए न कि कक्षा में।
  • यदि कंपनी स्वयं ऐसा न कर सकती हो तो उसे अपनी फोरवर्ड और बैकवर्ड आपूर्ति श्रृंखला में शामिल कंपनियों (उदाहरण के लिए आपूर्तिकर्ता या ग्राहक) के साथ तालमेल करना होगा या अपने समूह में या अन्य कंपनियों/संस्थाओं से तालमेल स्थापित करना होगा। जहां कहीं लागू हो वहां राज्य सरकार की पहलों के साथ समन्वय किया जाएगा।

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