संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगाई गई पाबंदी को हटाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की है। अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार ही प्रतिबंधित किया गया था। शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है।”

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को 58 साल बाद हटा दिया है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने अपने एक्स पोस्ट में प्रतिबंध हटाए जाने का दावा किया है।

हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्य सरकारें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस से जुड़े होने पर प्रतिबंध को पहले ही हटा चुकी हैं। गौरतलब है कि 30 नवंबर 1966 में केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी के शासन के दौरान लगाए गए प्रतिबंध को नौ जुलाई को एक आदेश के अनुसार हटा दिया।

बीजेपी आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कार्मिक मंत्रालय के आदेश का स्क्रीन शाट साझा करते हुए कहा, “58 साल पहले, 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था, मोदी सरकार ने वापस ले लिया है।”

वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद फरवरी 1948 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था। यह सही भी था। नौ जुलाई 2024 को 58 साल पुराना प्रतिबंध हटा दिया, जो वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भी लागू था। कांग्रेस नेता ने 30 नवंबर, 1966 के मूल आदेश का स्क्रीनशाट भी साझा किया, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस और जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों से जुड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था।

वहीं,  कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आदेश का स्क्रीनशाट शेयर करते हुए कहा कि 58 साल पहले केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाया था। मोदी सरकार ने उस आदेश को वापस ले लिया है।

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