संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

दिल्लीः नीट (NEET) यानी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के मुद्दे पर सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान NEET में हुई गड़बड़ी पर बोल रहे थे, तो विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और उनके इस्तीफे की मांग की।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि नीट का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट का जो भी निर्देश होगा हम उसे मानेंगे। कोर्ट ने सभी छात्रों के सिटी और सेंटर वाइज रिजल्ट जारी करने को कहा था, जो पब्लिक डोमेन में है।

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश को दिख रहा है कि परीक्षा सिस्टम में बहुत सी कमी है। शिक्षा मंत्री ने सबकी कमी गिना दी, लेकिन अपनी नहीं गिनाई। हमारा एग्जाम सिस्टम फ्रॉड है।

इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सिर्फ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाता। विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है। प्रधान ने कहा कि 2010 में मनमोहन सिंह सरकार में कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार के लिए 03 बिल लाए। उनमें से एक अनियमितता रोकने के लिए था। उसे किसके दबाव में वापस लिया गया। क्या यह निजी मेडिकल कॉलेजों के दबाव के कारण था? और वे (राहुल गांधी) हमसे सवाल पूछ रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार और कोई रिकॉर्ड बनाए न बनाए, पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी। NEET परीक्षा में कई सेंटर ऐसे हैं जहां 2 हजार से ज्‍यादा बच्‍चे पास हो गए। जबकि कुल सीटें 30 हजार हैं। जब तक ये शिक्षा मंत्री रहेंगे, बच्‍चों को न्‍याय नहीं मिलेगा।

वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को जवाब देना चाहिए था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और पीएम मोदी के बारे में बात की, लेकिन वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि वह इस पर क्या कर रहे हैं। NEET युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमने हमेशा संसद में चर्चा की मांग की है, लेकिन सरकार इसमें दिलचस्पी नहीं ले रही है। हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे और सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे।

 

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