दिल्लीः संसद के मानसून सत्र और बजट सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है। यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। इससे पहले रविवार को संसद भवन सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें बीजेपी समेत 44 पार्टियों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। इस बैठक में कई केंद्रीय मंत्री इसमें शामिल हुए। विपक्ष की तरफ से कांग्रेस, AAP, AIMIM, YSRCP तथा अन्य पार्टियों ने हिस्सा लिया।
बैठक के दौरान कांग्रेस ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद मांगा। साथ ही कहा कि NEET मामले में लोकसभा में चर्चा हो। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने यूपी कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि बैठक में जेडीयू ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा। साथ ही YSRCP ने आंध्र प्रदेश को भी विशेष दर्जा देने की मांग की।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC नहीं आई। पार्टी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू को चिट्ठी लिखकर बताया कि उनकी पार्टी का कोलकाता में कार्यक्रम है, इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, हमने बहुत उपयोगी चर्चा की। मैं सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर्स को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने अच्छे सुझाव दिए। हमने संसद के सभी सदनों के नेताओं से सुचारु रूप से सुझाव लिए हैं, यह सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। साथ ही अपील की है कि हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार निर्धारित नियमों का पालन करते हुए संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
सर्वदलीय बैठक मानसून सत्र के दौरान संसद अच्छे से चलाने के लिए बुलाई जाती है। विपक्ष और सरकार के बीच कुछ मुद्दों को लेकर हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है, इसलिए संसद में हंगामा होता है और सत्र ठीक से नहीं चल पाता। अब आपको बताते हैं कि बैठक के बाद किस पार्टी के किस नेता ने क्या कहा…
संसद की कार्यवाही पर हर मिनट होता है करीब 2.5 लाख रुपए खर्चः आपको बता दें कि संसद की एक मिनट की कार्यवाही पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। यानी हर घंटे के हिसाब से यह रकम 1.5 करोड़ रुपए होती है। यह खर्चा सांसदों को मिलने वाली सैलरी, अलाउंस, संसद सचिवालय पर होने वाले खर्च, सचिवालय स्टाफ की सैलरी और सांसदों की सुविधाओं पर खर्च होता है। यानी जब-जब हंगामे के कारण संसद स्थगित होती है तो यह नुकसान आम जनता का होता है, क्योंकि वह टैक्स के रूप में लाखों रुपए देती है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजटः संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 12 अगस्त तक चलेगा। लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में तीसरी बार सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को सदन में बजट पेश करेंगी जिसके बाद दोनों सदनों में चर्चा होगी।
इस मुद्दों पर संसद में हंगामा होना तयः
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