संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः संसद सत्र के छठे दिन सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार और बीजेपी को 20 से ज्यादा मुद्दों पर घेरा। राहुल ने हिंदू, अग्निवीर, किसान, मणिपुर, NEET, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए। राहुल की स्पीच पर पीएम और अमित शाह्र, राजनाथ सहित 5 मंत्रियों ने आपत्ति जताई।

मजबूत विपक्ष की ताकत और बानगी क्या होता है, इसकी एक झलक सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद चर्चा प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के संबोधन के दौरान दिखाई दी। इस दौरान राहुल गांधी और पीएम नरेंद्र मोदी और उनके सरकार के मंत्री आमने-सामने दिखाई दिए। लगभग सवा घंटे संबोधन में राहुल गांधी ने नीट, अग्निवीर, महंगाई, समाज में डर और नफरत जैसे तमाम मुद्दों पर मोदी सरकार तथा बीजेपी को घेरने की कोशिश की। इस दौरान पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू को पीएम मोदी के खिलाफ लगाए आरोपों पर दखल देना पड़ा। रिजीजू और भूपेंद्र यादव जैसे नेता सदन में नियमों का हवाला देते हुए राहुल गांधी के आरोपों का विरोध किया।

राहुल गांधी ने बीजेपी के हिंदुत्व पर प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं वह 24 घंटे हिंसा, नफरत, और असत्य की बात करते रहते हैं। ये हिंदू हैं ही नहीं। आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़े होने चाहिए। सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। अहिंसा फैलाना चाहिए। इस पर पीएम मोदी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह बात बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना गंभीर विषय है। इस पर राहुल ने जवाब दिया कि मैंने बीजेपी को हिंसक कहा, नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं है। बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है। आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है। वहीं एक और मौके पर राहुल गांधी जब सरकार पर हमला बोल रहे थे तो पीएम मोदी ने उठकर कहा कि इस संविधान ने मुझे सिखाया है कि मुझे विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हिंदुओं को हिंसक कहने का प्रतिरोध करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इनको शायद मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग खुद को गर्व से हिंदू कहते हैं। क्या वे सभी लोग हिंसा करते हैं। हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना और इस सदन में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा ठीक नहीं है। मुझे लगता है उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए। साथ ही, राहुल गांधी द्वारा विभिन्न धर्मों में अभय मुद्रा का जिक्र किए जाने पर तंज कसते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं उनसे (नेता प्रतिपक्ष) गुजारिश करना चाहता हूं कि इस्लाम में अभयमुद्रा पर इस्लाम के विद्वानों का एक बार मत ले लें। गुरु नानक साहब की अभयमुद्रा पर एसजीपीसी का मत ले लें। शाह ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा कि इनको अभय की बात करने का कोई हक नहीं है।

आपातकाल में पूरे देश को इन्होंने भयभीत किया है। लाखों लोगों को जेल में डाला गया। वैचारिक आतंक कभी था तो आपका आपतकाल था। रोचक है कि अमित शाह ने राहुल पर आरोप लगाते हुए आसन से कहा कि नेता प्रतिपक्ष (बतौर विपक्ष के नेता) पहली बार सदन में बोल रहे हैं, लेकिन वह नियम से बाहर जा रहे हैं। उन्होंने स्पीकर से कहा कि हमें आपका संरक्षण चाहिए। सदन ऐसे नहीं चलता। वहीं अमित शाह ने राहुल गांधी से सदन, अग्निवीरों, हिंदू समाज और देश से माफी मांगने की मांग की। राहुल के संबोधन के बाद गृह मंत्री ने खड़े होकर स्पीकर से मांग की कि वह नियमों के मुताबिक राहुल गांधी से अपने भाषण को सत्यापित करने को कहें, क्योंकि कई मंत्रियों ने कहा है कि राहुल गांधी के भाषण में सही तथ्य नहीं हैं।

दूसरी ओर राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर जब सरकार पर हमला बोला कि इस योजना के जरिए सरकार सेना के जवानों में भेद करती है और ‘अग्निवीरो’ की मृत्यु पर उन्हें शहीद का दर्जा और एक आम सैनिक की तरह उनके परिवारों को पेंशन और सहायता राशि नहीं मिलती। इस पर राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नेता विपक्ष सदन में गलतबयानी कर रहे हैं, जबकि सच यह है कि जान गंवाने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि का प्रावधान है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कि अग्निवीर योजना सेना की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री के दिमाग की उपज है। इस आरोप पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से गलत है। रक्षा मंत्रालय ने इस योजना को लागू करने से पहले 158 संगठनों से संवाद किया था। उन्होंने यूके व यूएस का हवाला देते हुए कहा कि कई देशों में ऐसी योजना का प्रावधान है।

राहुल गांधी ने लोकसभा में जब किसानों को एमएसपी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार किसानों को एमएसपी नहीं दे रही तो इस आरोप पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी द्वारा गलतबयानी का आरोप लगाते हुए कहा कि एमएसपी पर आज भी खरीद जारी है। उन्होंने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह बताएं कि जब उनकी सरकार थी तो एमएसपी पर कितनी खरीदारी होती थी। उन्होंने राहुल को चुनौती देते हुए कहा कि वे सत्यापित करें कि एमएसपी पर खरीदारी नहीं हो रही। इस पर राहुल ने कहा कि बात सिर्फ एमएसपी की नहीं, एसएमपी विद लीगल गारंटी की है।

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में लोकसभा स्पीकर पर भी टिप्पणी की। उन्होंने बिरला से कहा कि जब आप स्पीकर चुने गए तो सदन की परंपरा के मुताबिक मैं और पीएम मोदी आपको छोड़ने के लिए आसन तक गए। आपने मुझसे खड़े होकर हाथ मिलाया, जबकि पीएम मोदी को आपने झुककर अभिवादन किया। इस पर स्पीकर ने सफाई दी कि वह अपने संस्कारों और संस्कृति का पालन करते हैं। प्रधानमंत्री सदन के नेता हैं। सार्वजनिक जीवन में और व्यक्तिगत जीवन में हमारे संस्कार हैं कि अपने से किसी बड़े से मिलें तो झुककर सम्मान करें, वहीं अपने समान लोगों या उम्र में छोटे लोगों से बराबर से मिलें। मैं इस संस्कृति और संस्कारों का पालन करता हूं। स्पीकर का कहना था कि यह बात मैं आसन से कह सकता हूं। मेरी संस्कृति है कि बड़ों का झुककर सम्मान करें और जरूरत पड़े तो पैर भी छूएं। इस सफाई पर राहुल गांधी ने स्पीकर से कहा कि वह उनकी बात का सम्मान करते हैं। लेकिन इस सदन में आपसे बड़ा कोई नहीं है। यहां आपकी बात आखिरी बात होती है। आप जो कहते हैं, वह भारतीय लोकतंत्र को परिभाषित करता है। सभी को आपका सम्मान करना चाहिए। मैं आपके सामने झुकूंगा और सारा विपक्ष आपके सामने झुकेगा। दूसरी ओर राहुल गांधी द्वारा विभिन्न धर्मों के ईश्वर व महान व्यक्तियों के चित्र सदन में दिखाने को लेकर स्पीकर ने राहुल गांधी से ऐसा करने से बचने की सलाह दी।

राहुल गांधी के संबोधन के दौरान पक्ष बनाम विपक्ष के बीच खूब आरोप प्रत्यारोप और टीका टिप्पणी हुई। सदन में जहां अहम मुद्दों को लेकर राहुल कभी सरकार पर हमलावर दिखे तो कभी पीएम मोदी व उनकी सरकार पर तंज कसते दिखे, जिस पर सत्तापक्ष विरोध करता तो वहीं विपक्ष राहुल गांधी की चियर करता और मेजें थपथपाकर उनका समर्थन करता दिखा। सत्ता पक्ष की ओर से हाल ही मंडी से चुनकर पहुंची बॉलिवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत भी खूब टीका टिप्पणी करती दिखीं। राहुल गांधी ने जब पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कि रात आठ बजे जब ईश्वर की ओर से पीएम को आदेश हुआ तो कंगना ने तुरंत टोककर कहा कि श्रीराम की ओर से, इस पर राहुल ने कटाक्ष भरे ढंग से मुस्कुराते हुए कहा कि हां श्रीराम की ओर से आदेश हुआ।

राहुल गांधी जिस वक्त राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद चर्चा प्रस्ताव पर बोलने के लिए आए तो उस समय दर्शक दीर्घा में उनकी मां एवं कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। आरोप प्रत्यारोप के बीच दोनों बीच बीच में आपस में चर्चा करती दिखीं। इस संबोधन को देखने के लिए लोकसभा की गैलरी में राज्यसभा के कई सांसदों से लेकर बड़े नेता तक बैठे दिखे।

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