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अमरनाथ यात्रा: बालटाल-​​​​​​पहलगाम ​​​​​​​कैंप से रवाना हुआ पहला जत्था, आज पवित्र शिवलिंग दर्शन के लिए चढ़ृाई करेंगे 4603 तीर्थयात्री - Prakhar Prahari
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अमरनाथ यात्रा: बालटाल-​​​​​​पहलगाम ​​​​​​​कैंप से रवाना हुआ पहला जत्था, आज पवित्र शिवलिंग दर्शन के लिए चढ़ृाई करेंगे 4603 तीर्थयात्री

श्रीनगर : जम्मू- कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन शनिवार (29 जून) से शुरू हो गए हैं। देवाधिदेव महादेव के दर्शन के लिए बालटाल और पहलगाम कैंप से सुबह-सुबह तीर्थयात्रियों का पहला जत्था अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हो चुका है। शिवलिंग दर्शन के लिए आज कुल 4,603 यात्री चढ़ाई करेंगे।

आपको बता दें कि अनंतनाग में पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में बालटाल मार्ग से 29 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 52 दिन तक चलेगी। यह 19 अगस्त को खत्म होगी। इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 26 जून से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुकी है।

जम्मू से बालटाल-पहलगाम बेस कैंप पहुंचे तीर्थयात्री: 4,603 तीर्थयात्री कश्मीर घाटी के बालटाल और पहलगाम बेस कैंप शुक्रवार (28 जून) को पहुंचे थे। 231 गाड़ियों में सवार होकर जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास बेस कैंप से CRPF की थ्री लेयर सुरक्षा के बीच यह जत्था रवाना हुआ था।

केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार (28 जून) को जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास बेस कैंप से तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया था। अमरनाथ यात्रा के लिए जत्था उत्तर कश्मीर के बालटाल और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग बेस कैंप भेजा गया।  उपराज्यपाल ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा की कामना की। उन्होंने कहा कि बाबा अमरनाथ जी का आशीर्वाद सभी के जीवन में शांति, खुशी और समृद्धि लाए। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर पहुंचने पर पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में नवयुग सुरंग पर 4,603 तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।

इस साल गांदरबल के बालटाल और पहलगाम के नुनवान बेस कैंप में दर्शन के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यहां रोजाना 9 हजार लोग रुक सकते हैं। दोनों यात्रा मार्गों पर 260 टॉयलेट, 120 वॉशरूम, हर 100 मी. पर मोबाइल यूरिन पॉइंट हैं, ताकि आसानी रहे।

बालटाल से 2 किलोमीटर पर दोमेल कैंप है। 5 किलोमीटर आगे बरारी मार्ग है। यहां से 4 किलोमीटर पर संगम है। यहां पहुंचते ही 80% यात्रा पूरी हो जाती है। यहां से तीन किलोमीटर पर गुफा है। बालटाल से 4 किलोमीटर तक 20 फीट चौड़ी रोड है, बाद में 12 फीट रह जाती है। दोनों मार्गों पर डीआरडीओ के 100-100 बेड के अस्पताल हैं।

48 KM का पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है। 3 किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पर पहुंचती है। इसके बाद यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है।

14 KM का बालटाल रूट: यदि वक्त कम हो, तो बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए बालटाल रूट सबसे मुफीद है। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है। इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर रास्ते संकरे और मोड़ खतरे भरे हैं।

बालटाल से भास्कर रिपोर्टर ने बताया कि 12 हजार फीट ऊपर मौसम का कोई भरोसा नहीं है। एक दिन पहले ही गुफा कैंप पर एक व्यक्ति की जान चली गई। बालटाल में सवेरे धूप खिली थी। आधे रास्ते में हवा ठंडी हो गई और 11 किमी बाद बादल छाने लगे।

सेवादारों के साथ जाने की जल्दबाजी में मैं अपनी जैकेट, रेन कोट बेस कैंप पर आर्मी रेन बसेरे के ठीक पीछे लगे भोले भंडाली चैरिटेबल ट्रस्ट के लंगर में ही छोड़ आया था। ठंड और बारिश से बचने के लिए रास्ते में मैंने जिससे भी मदद मांगी तो लोगों ने खुशी-खुशी की। यहां दिन का तापमान 12 से 18 डिग्री के बीच रहता है, लेकिन रात में पारा 10 डिग्री तक गिर रहा है।

जम्मू में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुईं मुठभेड़ के चलते तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए गांदरबल और पहलगाम रूट में हाई सिक्योरिटी की तैनाती है। दोनों रूट के हाई सिक्योरिटी पॉइंट्स परपुलिस की 13, SDRF की 11, NDRF की आठ, BSF की चार और CRPF की दो टीमों की तैनाती है। साथ ही पैरामिलिट्री की 635 कंपनियां तैनात हैं।

इस बार अमरनाथ यात्रा के रास्ते में 125 लंगर लगाए गए हैं। 6 हजार वॉलंटियर तीर्थयात्रियों की मदद के लिए तैनात किए गए हैं। सुरक्षा को मजबूत करने और ट्रैफिक की परेशानी को दूर करने के लिए उधमपुर से बनिहाल तक नेशनल हाइवे पर 10 CCTV पॉइंट बनाए गए हैं, जहां से लगातार निगरानी की जा रही है।

श्राइन बोर्ड ने पहली बार बालटाल और चंदनबाड़ी में 100-100 ICU बेड, एडवांस उपकरण, एक्स-रे, अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन, क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट, कार्डियक मॉनिटर, लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट से लैस दो कैंप अस्पताल तैयार किए हैं।

साथ ही हवा में ऑक्सीजन कमी रहने के चलते यात्रा मार्ग पर 100​​​ ऑक्सीजन बूथ और मोबाइल ऑक्सीजन बूथ बनाए गए हैं। पवित्र गुफा, शेषनाग और पंचतरणी में तीन छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं।

इन जगहों पर लगे 10 हाई एंड CCTV कैमरे: एसएसपी ट्रैफिक नेशनल हाईवे रोहित बसकोत्रा ​​के मुताबि, ट्रैफिक पर निगरानी के लिए उधमपुर से बनिहाल तक 10 हाई-एंड कैमरे लगाए हैं। इनमें उधमपुर के जाखनी क्षेत्र, दलवास, खोनी नाला, मेहर, बैटरी चश्मा, नचलाना, बनिहाल चौक, सुरंग-5, शालीगढ़ी और कटपॉइंट जैसे स्पॉट शामिल हैं।

यातायात पुलिस ने अमरनाथ यात्रा के दौरान नेशनल हाईवे पर आने-जाने वाले वाहन चालकों के लिए एक सलाह भी जारी की है, जिसमें लेन ड्राइविंग पर जोर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने पर बड़ा जुर्माना लगाया जाएगा।

कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी के बताया था कि इस बार हमारा फोकस यात्री सुविधा बढ़ाने पर है। पूरे रूट पर खानपान, रुकने और हेल्थ चेकअप की ज्यादा से ज्यादा व्यवस्था की योजना बना गई हैं।

उन्होंने कहा था कि पहले पहलगाम से गुफा तक 46 किमी लंबा मार्ग 3 से 4 फीट तो बालटाल वाला रूट 2 फीट ही चौड़ा था। अब इसे 14 फीट तक चौड़ा किया गया है। पिछले बार 4.50 लाख श्रद्धालु आए थे। इस बार आंकड़ा 6 लाख तक जा सकता है। यात्रा कम दिनों की है और भीड़ ज्यादा रहेगी, इसलिए इंतजाम भी ज्यादा किए जा रहे हैं।

बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, बालटाल से गुफा तक का 14 किमी रूट 7 से 12 फीट तक चौड़ा हो गया है। यह मोटरेबल रोड है। हालांकि अभी सिर्फ BRO सेना की गाड़ियों को ही अनुमति है।

इमरजेंसी में इसी का इस्तेमाल होगा। पिछली बार दोनों रूट पर करीब 60 हजार जवान तैनात थे। इस बार लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में तैनात होने वाली अर्द्धसैनिक बलों की सभी 635 कंपनियों को वोटिंग के बाद यात्रा में तैनात किया गया है।

General Desk

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