दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने अपने 50 मिनट के संबोधन में सेनाओं में सुधार का दावा किया, लेकिन एक बार भी एग्निवीर का नाम नहीं लिया। राष्ट्रपति ने जब अपने संबोधन के दौरान शिक्षा नीति की बात की, तो विपक्षी सदस्य नीट-नीट के नारे लगाने लगे। मुर्मू ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा। आपको बता दें कि 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन है। नई लोकसभा का पहला सत्र गत सोमवार को शुरू हुआ था। इसके अलावा राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू होगा।

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का संविधान बीते दशकों में हर चनौती और हर कसौटी पर खरा उतरा है। जब यह बन रहा था, तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थी, जो इसके असफल होने की कामना कर रही थीं। देश में संविधान लागू होने के बाद भी इसपर अनेक बार हमले हुए। आज 27 जून है। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर बीते हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन तब भी देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त कर के दिखाया, क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं।

उन्होंने कहा कि मैं 18वीं लोक सभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। आप सभी यहां देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं। देशसेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपना दायित्व निभाएंगे।140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेंगे।

उन्होंने कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है। इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है। इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है। कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार नॉर्थ-ईस्ट में स्थायी शांति के लिए काम कर रही। उनके यह कहते ही विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। विपक्ष के शोरगुल के बीच राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण जारी रखा। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में जैसे ही नई शिक्षा नीति का जिक्र किया, विपक्ष ने नीट-नीट के नारे लगाना शुरू कर दिया।

उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में है। दुनिया देख रही हैं कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई है। छह दशक बाद ऐसा हुआ है। ऐसे समय में जब भारत के लोगों की आकांक्षाएं सर्वोच्च स्तर पर हैं, लोगों ने मेरी सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का मत है कि दुनियाभर से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्यों में स्वस्थ स्पर्धा हो। यही कंपटीटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की सच्ची स्पिरिट है। राज्य के विकास से देश का विकास, इसी भावना के साथ हम आगे बढ़ते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। 10 साल में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर पांचवें नंबर पर पहुंचा है। साल 2021 से लेकर साल 2024 के बीच भारत ने औसतन 8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास किया है।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है। पीएलआई योजना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ सनराइज सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसान अपने छोटे खर्चे पूरे कर सकें, इसके लिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत उन्हें 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि दी जा चुकी है। मेरी सरकार के नए कार्यकाल के शुरूआती दिनों में ही किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है। सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है।

उन्होंने कहा कि आजकल ऑर्गेनिक उत्पादों को लेकर दुनिया में डिमांड तेजी से बढ़ रही है। भारत के किसानों के पास इस डिमांड को पूरा करने की भरपूर क्षमता है। इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है। ऐसे प्रयासों से किसानों का खेती पर होने वाला खर्च भी कम होगा और उनकी आय भी और बढ़ेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत, दुनिया की चुनौतियां बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि दुनिया को समाधान देने के लिए जाना जाता है। विश्व-बंधु के तौर पर भारत ने अनेक वैश्विक समस्याओं के समाधान को लेकर पहल की है। जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक, पोषण से लेकर सस्टेनबल एग्रीकल्चर तक हम अनेक समाधान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाला समय हरित युग का है। मेरी सरकार इसके लिए भी हर जरूरी कदम उठा रही है। हम हरित उद्योगों पर निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे हरित जॉब भी बढ़े हैं। हरित ऊर्जा हो या फिर ग्रीन मोबिलिटी, हर मोर्चे पर हम बड़े लक्ष्यों के साथ काम कर रहे हैं।

‘भारत में आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डोमेस्टिक एविएशन मार्केट’
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डोमेस्टिक एविएशन मार्केट है। अप्रैल 2014 में भारत में सिर्फ 209 एयरलाइन रूट्स थे। अप्रैल 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 605 हो गई है। हवाई यात्रा में हो रहे इस विस्तार का सीधा लाभ टीयर-2, टीयर-3 शहरों को हो रहा है।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने 10 वर्षों में पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों में 3 लाख 80 हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़कें बनाई हैं। आज भारत में नेशनल हाईवेज और एक्सप्रेसवेज का जाल बिछ रहा है। नेशनल हाईवे बनाने की गति में भी दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में हर तरह की कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, रोजगार, हर क्षेत्र में विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। असम में 27 हजार करोड़ रुपए की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट बनाया जा रहा है। यानि नॉर्थ ईस्ट, मेड इन इंडिया चिप्स का भी सेंटर होने वाला है।

उन्होंने कहा कि महिला नीत विकास के लिए समर्पित मेरी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरूआत की है। देश की नारीशक्ति लंबे समय तक लोकसभा और विधानसभा में अधिक भागीदारी की मांग कर रही थी। आज उनके पास नारी शक्ति वंदन अधिनियम की ताकत है।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का एक व्यापक अभियान चलाया है। इसके लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को आर्थिक मदद भी बढ़ाई जा रही है। सरकार का प्रयास है कि महिलाओं का कौशल बढ़े, कमाई के साधन बढ़े और उनका सम्मान बढ़े।

उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना इस लक्ष्य की पूर्ति में सहायक बन रही है। इस योजना के तहत हजारों सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं को ड्रोन दिए जा रहे हैं, ड्रोन पायलट बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मेरी सरकार ने हाल में ही कृषि सखी कार्यक्रम भी शुरू किया है। इसके तहत अभी तक सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की 30 हजार महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि अब मेरी सरकार बिजली का बिल जीरो करने और बिजली बेचकर कमाई करने की योजना भी लाई है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत घर की छत पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। इसके लिए मेरी सरकार प्रति परिवार 78 हजार रुपए तक की मदद कर रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पीएम-जनमन जैसी योजना आज अति पिछड़े जनजातीय समूहों के उत्थान का माध्यम बन रही है। सरकार, पीएम सूरज पोर्टल के माध्यम से वंचित वर्गों तक आजीविका के अवसरों को पहुंचाने के लिए सुलभ ऋण भी उपलब्ध करा रही है। मेरी सरकार, दिव्यांग भाइयों और बहनों के लिए, किफायती और स्वदेशी सहायक उप
करण विकसित कर रही है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया तथा डाकघरों के नेटवर्क का उपयोग करके दुर्घटना और जीवन बीमा के कवरेज को बढ़ाने का काम हो रहा है। पीएम स्वनिधि का विस्तार किया जाएगा और ग्रामीण और सेमी अर्बन क्षेत्रों के रेहड़ी-पटरी वाले भाई-बहनों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आज मजबूत और लाभदायक हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ 2023-24 में 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। हमारे बैंकों की मजबूती उन्हें ऋण आधार का विस्तार करने और राष्ट्र के आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए सक्षम बनाती है।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज के Reforms से डिफेंस सेक्टर को बहुत लाभ हुआ है। 40 से अधिक ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज को 7 निगमों में संगठित करने से इनकी क्षमता और दक्षता दोनों बढ़ी हैं। ऐसे ही Reforms के कारण भारत आज 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कर रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार एक डिजिटल विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में भी काम कर रही है। अटल टिंकरिंग लैब्स, स्टार्ट-अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसे अभियान हमारे युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों से आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बन चुका है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार ने युवाओं वाओं की राष्ट्र निर्माण में भागीदारी और बढ़ाने के लिए ‘मेरा युवा भारत, मेरा भारत’ अभियान की शुरूआत भी की है। इसमें अब तक डेढ़ करोड़ से अधिक युवाओं का पंजीकरण हो चुका है। इस पहल से युवाओं में नेतृत्व कौशल और सेवा भावना का बीजारोपण होगा।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है। जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं।

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार भविष्य निर्माण के प्रयासों के साथ ही भारतीय संस्कृति के वैभव और विरासत को फिर से स्थापित कर रही है। हाल में नालंदा यूनिवर्सिटी के भव्य कैंपस के रूप में इसमें एक नया अध्याय जुड़ा है। नालंदा सिर्फ एक यूनिवर्सिटी मात्र नहीं थी, बल्कि वो वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में भारत के गौरवशाली अतीत का प्रमाण थी।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार, विकास के साथ ही विरासत पर भी उतना ही गर्व करते हुए काम कर रही है। विरासत पर गर्व का ये संकल्प आज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वंचित वर्ग और सर्वसमाज के गौरव का प्रतीक बन रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज पूरा विश्व हमें लोकतंत्र की जननी के रूप में सम्मान देता है। भारत के लोगों ने हमेशा लोकतंत्र के प्रति अपना पूर्ण विश्वास प्रकट किया है, चुनाव से जुड़ी संस्थाओं पर पूरा भरोसा जताया है। स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमें इस विश्वास को सहेज कर रखना है, इसकी रक्षा करनी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज के समय में टेक्नॉलॉजी हर दिन और उन्नत हो रही है। ऐसे में मानवता के विरुद्ध इनका गलत उपयोग बहुत घातक है। भारत ने विश्व मंच पर भी इन चिंताओं को प्रकट किया है और एक ग्लोबल फ्रेमवर्क की वकालत की है। हम सभी का दायित्व है कि इस प्रवृत्ति को रोकें, इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजें।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार के प्रयासों से आज भारत, विश्व बंधु के रूप में दुनिया को नया भरोसा दे रहा है। मानव-केंद्रित अप्रोच रखने की वजह से भारत आज किसी भी संकट के समय प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता और वैश्विक दक्षिण की बुलंद आवाज बना है। कोरोना का महासंकट हो, भूकंप जैसी कोई त्रासदी हो या फिर युद्ध की स्थितियां, भारत मानवता को बचाने में आगे रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अब भारत के उस भूभाग, हमारे जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां आर्टिकल 370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं।

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में जो Reforms हुए हैं, जो नया आत्मविश्वास देश में आया है, उससे हम विकसित भारत बनाने के लिए नई गति प्राप्त कर चुके हैं। हम सभी को ये हमेशा ध्यान रखना है कि विकसित भारत का निर्माण देश के हर नागरिक की आकांक्षा है, संकल्प है। इस संकल्प की सिद्धि में अवरोध पैदा न हो, ये हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि ये सदी भारत की सदी है, और इसका प्रभाव आने वाले एक हजार वर्षों तक रहेगा। आइए, हम सब मिलकर पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ, राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में जुट जाएं, विकसित भारत बनाएं।

इससे पहले मुर्मू राष्ट्रपति भवन से घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ संसद भवन पहुंचीं। प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी ने संसद भवन के गज द्वार पर उनका स्वागत किया। यहां से उन्हें पारंपरिक राजदंड ‘सेंगोल’ की अगुवाई में निचले सदन के कक्ष तक ले जाया गया।

संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी क्योंः  संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार, राष्ट्रपति को हर लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी है। राष्ट्रपति हर साल संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित किया जाता है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा बताती है। यह अभिभाषण पिछले वर्ष सरकार के कामकाज का उल्लेख करता है। इस दौरान आगामी वर्ष के लिए प्राथमिकताओं को बताता है।

मुर्मू के अभिभाषण के बाद सत्तारूढ़ दल संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेगा, जिस पर सदस्य चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दो या तीन जुलाई को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं।

विपक्ष नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं, यूजीसी-नेट को रद्द करने, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों, देश में ट्रेन दुर्घटनाओं और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।

हाल में हुए आम चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 293 सीट जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखी, हालांकि यह संख्या भाजपा की उम्मीदों से काफी कम है क्योंकि वह सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए 400 से अधिक सीट की उम्मीद कर रही थी। चुनाव में विपक्ष मजबूत होकर उभरा है और ‘इंडिया’ गठबंधन ने 234 सीट जीतीं, जिसमें कांग्रेस की 99 सीट शामिल हैं जो 2019 में जीती गईं 52 सीट से लगभग दोगुनी हैं।

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