दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर मंगलवार को कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि जिस मानसिकता की वजह से आपातकाल लगाया गया, वह उसी पार्टी में बहुत ज्यादा हद तक जिंदा है, जिसने इसे लगाया था। वे अपने दिखावे से संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं, लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को देख चुकी है। इसीलिए उसने उन्हें बार-बार खारिज किया है।

पीएम मोदी ने एक्स पर अपने सिलसिलेवार पोस्ट में लिका, ने लिखा, ”जिस मानसिकता की वजह से आपातकाल लगाया गया, वह उसी पार्टी में बहुत ज्यादा हद तक जिंदा है, जिसने इसे लगाया था। वे अपने दिखावे से संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं, लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को देख चुकी है। इसीलिए उसने उन्हें बार-बार खारिज किया है।”
Prime Minister Narendra Modi has launched scathing attack on Congress Over Emergency 25 JUne
आपको बता दें कि भारतीय इतिहास में 25 जून का दिन एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह रहा है। देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल लागू था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी। आज इसके 49 साल पूरे हो गए हैं। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि आपातकाल लगाने वालों को संविधान से प्यार का दिखावा करने का कोई अधिकार नहीं है।

पीएम मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर लिखा, ‘आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। आज का दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को खत्म किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है।

उन्होंने कहा, “सिर्फ सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत को दरकिनार किया। पूरे देश को ही जेल में बदल दिया गया। कांग्रेस से असहमत हर व्यक्ति को प्रताड़ित और परेशान किया गया। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाया गया। इसके लिए सामाज के खिलाफ नीतियां लागू की गईं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने न जानें कितने ही मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाया। प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया। संघवाद को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया।”

उन्होंने लिखा, “जिस मानसिकता की वजह से आपातकाल लगाया गया, वह उसी पार्टी में बहुत ज्यादा हद तक जिंदा है, जिसने इसे लगाया था। वे अपने दिखावे से संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं, लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को देख चुकी है। इसीलिए उसने उन्हें बार-बार खारिज किया है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here