प्रखर प्रहरी डेस्क:
पटना/ दिल्ली: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध यूनिट (EOU) ने नीट-यूजी (NEET-UG) यानी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा पेपर लीक केस की रिपोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी। सूत्रों सेे मिली जानकारी के मुताबिक इसमें कहा गया है कि 05 मई को सेंटर पहुंचने से पहले ही बिहार-झारखंड के 100 अभ्यर्थियों को नीट का पेपर मिल गया था।
इस लीक को परीक्षा माफिया और साइबर अपराधियों ने मिलकर अंजाम दिया। इसमें एक दिन पहले झारखंड के देवघर से गिरफ्तार चिंटू, मुकेश, पंकु, परमजीत, राजीव कुमार शामिल थे। चिंटू इस लीक कांड के मुख्य सरगना संजीव मुखिया का रिश्तेदार है और मुकेश चिंटू के गांव का रहने वाला है, जबकि पंकु, परमजीत और राजीव साइबर अपराधी हैं।
EOU के मुताबिक, चिंटू के वॉट्सएप पर 05 मई की सुबह NEET-UG का प्रश्न पत्र उत्तर के साथ पीडीएफ फाइल में पहुंचा। उसने खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल के वाईफाई प्रिंटर से प्रिंट निकलवाया। EOU का कहना है कि चिंटू के फोन पर पेपर कहां से आया था, इसकी जांच हो रही है।
पटना के प्ले स्कूल और होटल में छात्रों को रटवाए पेपर का उत्तर: प्रिंट निकालने के बाद परीक्षा माफिया ने पटना में खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में, बाईपास के पास एक होटल में और झारखंड के कुछ शहरों में छात्रों को सवाल-जवाब रटवाए थे। इसके बाद माफिया ने ही अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों तक भिजवाया था।
हमने आपको रविवार को बताया था कि हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के लिए आवंटित पेपर माफिया तक पहुंचा था। जिस ट्रंक से बुकलेट नं. 6136488 का प्रश्नपत्र उड़ाया गया, उससे छेड़छाड़ हुई थी। अब उस ट्रंक को एफएसएल जांच के लिए भेजा जाएगा।
नालंदा पुलिस ने शुक्रवार (21 जून) को संजीव मुखिया के घर पर छापेमारी की थी, लेकिन वह फरार है। संजीव के परिजनों से पूछताछ की गई। सूत्रों की मानें तो पुलिस संजीव मुखिया के घर की कुर्की-जब्ती कर सकती है।
EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो के मुताबिक, बिहार के फ्लैट में जो पेपर के जले हुए टुकड़े मिले थे, उसका मिलान NTA के मूल पेपर से हो गया है। अब इसे जांच के लिए एफएसएल को भेजा है। EOU टीम हजारीबाग के ओएसिस स्कूल की जांच कर रही है। 4 मई को ब्लूडार्ट कूरियर से प्रश्न पत्र हजारीबाग एसबीआई ब्रांच पहुंचा।
5 मई को बैंक से कूरियर से ओएसिस स्कूल पहुंचा। आशंका है कि बैंक से स्कूल पहुंचने के दौरान ही प्रश्न पत्र को ट्रंक से निकाला गया।
NEET पेपर सिर्फ कुछ लोगों तक सीमित रहा शिक्षा मंत्रालय: शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने पेपर लीक की बात साबित तो कर दी, लेकिन यह केवल पटना, नालंदा और वैशाली तक ही सीमित रहा। उच्च शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी का कहना है कि NEET का मामला UGC-NET मामले से बिल्कुल अलग है।
UGC-NET का पेपर टेलीग्राम और डॉर्कनेट पर उपलब्ध था, जो इंटरनेट नेटवर्क से जुड़े हैं। जबकि, NEET का पेपर केवल सीमित लोगों के पास ही था। लेकिन, यह भी एक गंभीर मामला है, इसलिए मामले की तह तक जाने के लिए सीबीआई को मामला सौंपा गया है।
1563 में से 750 विद्यार्थी नहीं हुए NEET-UG रीएग्जाम में शामिल: NEET-UG में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों के लिए रविवार (23 जून) को पांच राज्यों के 7 सेंटरों पर दोबारा परीक्षा हुई। इसमें 813 ही छात्र शामिल हुए और 750 परीक्षा देने नहीं पहुंचे। ०5 मई को हुई परीक्षा में हरियाणा के जिस झज्जर ने 06 टॉपर दिए थे, वहां 42% बच्चे री-नीट देने नहीं आए।
आपको बता दें कि परीक्षा 23 जून को दोपहर 02 बजे से समा 05 बजे तक एक ही शिफ्ट में हुई। केवल वही स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल हुए, जिन्हें NTA ने ईमेल के जरिए इसकी जानकारी दी थी।
1563 में 790 विद्यार्थी ग्रेस मार्क्स के कारण हुए थे क्वालिफाई: ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 में 790 छात्र ऐसे हैं जो 5 मई की परीक्षा में ग्रेस मार्क्स मिलने के कारण क्वालिफाई हुए थे। हालांकि, NTA ने अभी यह नहीं बताया है कि री-नीट न देने वालों में ऐसे कितने हैं, जो पिछली बार बिना ग्रेस मार्क्स के क्वालीफाई हुए थे।
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