दिल्ली: तनदुरुस्ती हमारी जिंदगी में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। अगर हम तनदुरुस्त रहेंगे, तभी अपने सारे काम बेहतर ढंग से कर सकते हैं। मौजूदा समय में फिट रहने के कई तरीके हो सकते हैं, लेकिन सदियों से इसमें योग का बड़ा योगदान रहा है।
आप जैसे ही ‘योग’ शब्द सुनते हैं तो आपके मन में क्या ख्याल आता है? प्राणायाम, व्यायाम या लचीला शरीर? लेकिन योग सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि ये इससे कई गुना ज्यादा है। योग का मतलब सिर्फ शरीर को मोड़ना, घुमाना या सांस लेना-छोड़ना नहीं है। यह आपको ऐसी अवस्था में लाने का एक तरीका है, जहां आप वास्तविकता को वैसे ही देखते और अनुभव करते हैं, जैसी वह है।
ऐसा माना जाता है कि जब से प्रकृति है, तब से ही योग किया जा रहा है। यह 6 हजार साल पुरानी पद्धति है। योग स्वस्थ जीवन जीने की एक कला और विज्ञान है। इसे करने से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक विकास में भी फायदा होता है, लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए वक्त ही नहीं है। वे योग जैसी प्राचीन कला से दूर हो चुके हैं।
केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा 2022 के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में 11.8% लोग योग करते हैं, जो उत्तरी क्षेत्र में सबसे अधिक है और पूर्वी क्षेत्र में सबसे कम। दुनियाभर में लोग योग और उसके महत्व को तो जानते हैं, लेकिन आलस और वक्त के अभाव में इसे अपनी दिनचर्या में शामिल नहीं कर पाते हैं।
इसी को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2014 में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था। यूएन ने कहा कि योग जीवन के सभी पहलुओं के बीच संतुलन बनाए रखता है। इसे सभी को करना चाहिए।
जैसाकि आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है, तो ‘सेहतनामा’ कॉलम में हम बात करेंगे योग और उसके महत्व की। साथ ही जानेगें कि-
योग से शरीर को फायदे होते हैं:
योग का इतिहास हजारों साल पुराना: ‘योग’ संस्कृत शब्द ‘युज’ से लिया गया है, जिसका मतलब है जुड़ना। यह शब्द ही अपने आप में बहुत कुछ कहता है। इसका उद्देश्य आपके दिमाग और शरीर को जोड़ना और उन्हें शांति से और एक साथ काम करने में मदद करना है। यह आज से नहीं, सालों से चला आ रहा प्राचीन अभ्यास है, जिसने पिछले कुछ दशकों में लोकप्रियता हासिल की है।
नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंटरी एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ (NCCIH) के अनुसार, योग 1.3 करोड़ से ज्यादा एडल्ट द्वारा एक कॉम्पलिमेंटरी थेरेपी के रूप में किया जाता है। इसमें 58% एडल्ट का कहना है कि योग स्वास्थ्य को बेहतर रखता है।
योग के विज्ञान की उत्पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, धर्म-आस्था के जन्म से भी काफी पहले। ऐसा कहा जाता है कि कई हजारों वर्ष पहले, हिमालय में कांति सरोवर झील के तटों पर आदियोगी ने अपने ज्ञान को प्रसिद्ध सप्तऋषि को प्रदान किया था।
सप्तऋषियों ने योग के विज्ञान को एशिया, मध्य पूर्व, नॉर्थ अफ्रीका, दक्षिण अमरीका सहित विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाया।
मानसिक शांति देता योग: जहां सिर्फ जिम करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं योग हमारे शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी स्वस्थ रखता है। यह खूबसूरत कला कई शताब्दियों में विकसित हुई है और आज ये विश्व भर में फैल चुकी है। द ग्लोबल योग सर्वे द्वारा 2021 में किए गए सर्वे में 10,982 लोगों से योग के लाभों के बारे में जानकारी साझा की गई।
परिणामों से पता चला कि लोगों का मानना था कि योग के विभिन्न लाभों में लचीलापन (85.9%), एनर्जी (79.9%), संतुलन (71.1%), पुराने दर्द से राहत (34.4%) और वजन कम करना (29.4%) शामिल है।
साथ ही ये आध्यात्मिक लाभ भी देता है और शरीर के रसायन पर भी काम करता है। आयुष मंत्रालय के नियंत्रित मधुमेह भारत (NMB) प्रोग्राम के तहत एक सर्वे किया गया। इसमें भाग लेने वाले 101,643 लोगों में से 94,135 का मानना था कि योग ने उनकी जीवनशैली में सुधार किया है।
योग तनाव को करे दूर, बढ़ाए एकाग्रता: योग से शरीर में मानसिक बदलाव भी आता है। अक्सर कई लोग मन की शांति के लिए योग करते हैं। साथ ही योग करने से मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां भी दूर हो सकती हैं। एजेंसी फॉर हेल्थकेयर रिसर्च एंड क्वालिटी (AHRQ) रिपोर्ट के मुताबिक, योग तनाव को कम करने में मदद करता है।
योग शरीर के रसायन पर भी काम करता है, रेड ब्लड सेल्स बढ़ाता है: योग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। यदि हमें शरीर के अंदर की रसायनिक व्यवस्था को सही तरीके से रखना है तो शांतिपूर्ण होना जरूरी है। इसमें योग बड़ी भूमिका निभाता है। योग हमारे शरीर में रसायन पर भी काम करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में दी गई एक स्टडी के मुताबिक, योग करने से लिपिड प्रोफाइल पर भी असर पड़ता है। हालांकि, सटीक निष्कर्ष के लिए कई योग्य परीक्षणों या समूह अध्ययनों की जरूरत है।
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु का कहना है कि यदि शरीर के अंदर की रासायनिक व्यवस्था को सही रखना है तो शांतिपूर्ण होना आवश्यक है और योग ही इसके लिये एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है।
योग को लेकर पूछे जाने वाले सवाल-
सवाल- क्या प्रतिदिन 20 मिनट योग करना पर्याप्त है?
जवाब- जी हां, 20 मिनट का योग आपका लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकता है।
सवाल- क्या हम खाली पेट योग कर सकते हैं?
जवाब- जी हां, खाली पेट योग करना बेहतर माना जाता है। अष्टांग या पावर योग जैसी कुछ शैलियों में आपको खाली पेट रहना पड़ता है।
सवाल- क्या है योग करने का सही समय?
जवाब- योग दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर नाश्ते से पहले सुबह या शाम को करना बेहतर होता है।
सवाल- क्या योग के बाद स्नान करना चाहिए?
जवाब- हां, योग या किसी भी तरह के व्यायाम से आपको पसीना आ सकता है और टॉक्सिन्स शरीर से बाहर निकल सकते हैं। अगर ये बाहर नहीं निकाले गए तो आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। लेकिन योग करने के 15-20 मिनट बाद ही शॉवर लेना चाहिए।
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