दिल्लीः स्वस्थ रहने के लिए हमारे लिवर का स्वस्थ होना जरूरी है। इसकी बदौलत ही हम दिन भर में अपने शारीरिक कामों को ठीक से कर पाते हैं। लिवर का काम हमारे ब्लड से गंदगी को बाहर निकालना, भोजन में पाए जाने वाले केमिकल्स को फिल्टर करना और पित्त का उत्पादन करना है। अगर लिवर जरा भी कमजोर हो जाए, तो यह भोजन को ठीक से पचा नहीं पाता और व्यक्ति को भूख भी नहीं लगती। तो चलिए आज हम लीवर की बारे में बात करते हैं और बताते हैं इक स्वस्थ कैसे रखा जा सकता है।
कई स्टडीज बताती हैं कि जो लोग ज्यादा मात्रा में एल्कोहल का सेवन करते हैं, उनका लिवर बहुत जल्दी खराब होता है। इसके अलावा मोटापे, बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज से जूझ रहे लोगों में लिवर की बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। लिवर डैमेज का पता लगाने के लिए लिवर टेस्ट किया जाता है। इसे एसजीपीटी टेस्ट कहते हैं। यह खून में लिवर एंजाइम लेवल के बारे में बताता है।
एसजीपीटी टेस्ट क्या होता हैः एसजीपीटी टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है। यह टेस्ट लिवर में बनने वाले एलनिन ट्रांसएमिनेज (ALT) एंजाइम को मापने के लिए होता है। एसजीपीटी के लिए नॉर्मल रेंज 7 से 55 यूनिट प्रति लीटर खून के बीच होती है। टेस्ट कराने पर आपका एसजीपीटी 50 है, तो इसका मतलब है कि आपका लिवर हेल्दी है। यह एक नॉर्मल रेंज मानी जाती है।
क्या होता है हाई एसजीपीटी लेवल का कारणः अनहेल्दी फूड, डायबिटीज, ओबेसिटी, हार्ट अटैक और हेपेटाइटिस सी जैसे कारक हमारे लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। ज्यादा शराब पीने से भी लिवर डैमेज होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक स्टडी के अनुसार, शराब का ज्यादा सेवन एसजीपीटी लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। अगर आपकी बॉडी में एसजीपीटी लेवल लगातार बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि आपका लिवर डैमेज होने की शुरूआत हो चुकी है।
कैसे पता लगाए कि बढ़ रहा है एसजीपीटी लेवलः अगर आपको उल्टी, मतली, कमजोरी, थकान, पैरों में सूजन और पीलिया जैसे लक्षण दिखाई दें, तो इन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए। बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें और एसजीपीटी टेस्ट करने के लिए कहें।
कितनी बार कराना टेस्ट जरूरी हैः एसजीपीटी लिवर से जुड़ी बीमारी का पता लगाने में मदद करता है। अगर टेस्ट में लिवर डैमेज के बारे में पता चलता है, तो डॉक्टर दवा देता है। बीमारी ठीक हुई या नहीं, यह देखने के लिए डॉक्टर फिर से टेस्ट कराने के लिए कह सकता है। अगर रिपोर्ट में सबकुछ नॉर्मल है, तो व्यक्ति को साल में एक बार चेकअप जरूर कराना चाहिए।
कैसे मैनेज कर सकते हैं एसजीपीटी लेवल कोः एसजीपीटी लेवल को बढ़ने से रोकने के लिए हेल्दी ईटिंग पर ध्यान दें।
विटामिन डी का लेवल बनाए रखना जरूरीः लिवर को आकार में रखने के लिए आप तेज चलना, साइकिल चलाना और स्वीमिंग जैसी कार्डियो एक्सरसाइज कर सकते हैं।
हेल्थ चैकअप नियमित रूप से कराते रहेंः धूम्रपान करने से बचें। यह लिवर डैमेज के साथ एसजीपीटी लेवल बढ़ाने में योगदान देता है।
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