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शेयर बाजार ने कभी झूमा, तो कभी गोता लगाया, जानें सेंसेक्स-निफ्टी ने लोकसभा चुनाव के रुझानों से विभाग बंटवारे तक कैसे बदले रंग - Prakhar Prahari
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शेयर बाजार ने कभी झूमा, तो कभी गोता लगाया, जानें सेंसेक्स-निफ्टी ने लोकसभा चुनाव के रुझानों से विभाग बंटवारे तक कैसे बदले रंग

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पद एवं गोपनीयता की शपथ ले चुके हैं। इसके साथ ही अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के बीच विभागों का बंटवारा भी कर दिया है। शपथ ग्रहण के अगले दिन यानी सोमवार को शेयर बाजार उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार करता दिखा। हालांकि, शपथ ग्रहण के बाद सोमवार को शुरुआती कारोबारी सेशन में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स पहली बार 77,079.04 के स्तर पर पहुंचा। दूसरी ओर, एनएसई निफ्टी पहली बार 23,411.90 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। सोमवार को शुरुआती कारोबारी सत्र के दौरान रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में ऊपरी स्तरों पर बिकवाली मिली। दिन के कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी हरे और लाल निशान के बीच झूलते दिखे। ऊपरी स्तरों पर बिकवाली और निचले स्तरों पर खरीदारी होती रही, जिससे बाजार एक दायरे में कारोबार करता रहा।

आपतो बचा दें कि शेयर बाजार ने एक जून 2024 को लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के मतदान के बाद बड़ा उतार-चढ़ाव देखा है। अंतिम चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल में मोदी सरकार की वापसी के अनुमानों के बाद शेयर बाजार में  03 जून को मजबूत उछाल दिखा, लेकिन,04 जून को जैसे ही चुनाव परिणाम आने लगे बाजार में बड़ी बिकवाली  दिखी गई। परिणाम के दिन बाजार ने बीते चार साल का सबसे बड़ा गोता लगाया। बीजेपी अपने दम पर 272 के जादुई आंकड़े से पीछे रहने की खबर को बाजार सहज रूप से नहीं ले पाया। बाजार में पिछले चार साल (कोरोना काल के बाद) के बाद की सबसे बड़ी बिकवाली दिखी।
बीजेपी भले ही चुनाव परिणामों में बहुमत से चूक गई,  लेकिन 240 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और एनडीए अपने सहयोगी दलों के साथ 293 के आंकड़े यानी बहुमत के आंकड़े को पार कर गई। इस तरह एक बात तो तय हो गई कि देश में एक बार फिर (लगातार तीसरी बार) नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। इसके बाद पांच जून से बाजार में फिर रंगत लौटने लगी। अब पीएम के शपथ ग्रहण के बाद की स्थिति यह है कि बाजार चुनाव परिणाम के दिन के नुकसान की भरपाई कर एक नए हाई पर पहुंच गए हैं।

इससे पहले 31 मई 2024 यानी शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बेंचमार्क 75.71 (0.10%) अंक चढ़कर 73,961.31 के स्तर पर बंद हुआ था। दूसरी ओर, 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी बेंचमार्क 42.05 (0.19%) अंक संभलकर 22,530.70 के लेवल पर बंद हुआ था। आखिरी चरण के चुनाव परिणामों के एक दिन पहले निवेशक चुनाव परिणामों से पहले सतर्कता बरतते हुए दिखे थे।
वहीं, एक जून 2024 को देश में सांतवें और आखिरी चरण के मतदान हुए। इस दिन शनिवार की साप्ताहिक छुट्टी होने के कारण बाजार बंद थे। इसी दिन मतदान के बाद विभिन्न समाचार चैनलों पर एग्जिट पोल जारी किए गए थे। सभी एग्जित पोल्स में भाजपा की जीत के अनुमान जताए गए थे। 02 जून 2024 को रविवार होने के कारण बाजार में कारोबार नहीं हुआ।

उल्लेखनीय है कि सभी एग्जिट पोल्स में बीजेपी  और एनडीए गठबंधन की जीत के अनुमान लगाए गए थे। निवेशकों ने इन अनुमानों पर एतबार करते हुए 3 जून को बाजार खुलने के बाद भरपूर जोश दिया। नतीजा यह रहा कि सेंसेक्स और निफ्टी ने रिकॉर्ड छलांग लगा दी। एग्जिट पोल के बाद सेंसेक्स 2,507.47 (3.39%) अंक उछलकर 76,468.78 पर पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी 733.21 (3.25%) अंक मजबूत होकर 23,263.90 के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। एग्जिट पोल में भाजपानीत राजग की भारी जीत की भविष्यवाणी के बाद सेंसेक्स और निफ्टी 3 प्रतिशत से अधिक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 2,777.58 अंक या 3.75 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76,738.89 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। कारोबार के दौरान निफ्टी 808 अंक या 3.58 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,338.70 अंक के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा।
2024 के आम चुनाव के नतीजों के बीच शेयर बाजार में चार साल में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट आई। घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी मंगलवार को लगभग 06 प्रतिशत तक गिर गए। चुनाव परिणामों और रुझानों से अब यह साफ हो गया है कि सत्तारूढ़ भाजपा लोकसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत से दूर है।

बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 4,389.73 अंक या 5.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ दो महीने से अधिक के निचले स्तर 72,079.05 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स 6,234.35 अंक या 8.15 प्रतिशत के नुकसान के साथ पांच महीने के निचले स्तर 70,234.43 अंक पर आ गया।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 1,982.45 अंक यानी 8.52 प्रतिशत गिरकर 21,281.45 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया। कारोबार के अंत में यह 1,379.40 अंक या 5.93 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 21,884.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी में इससे पहले 23 मार्च, 2020 को लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, उस दिन कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन का एलान किया गया था। सोमवार को निवेशकों ने शेयर बाजार में जो कमाई की वह मंगलवार को नतीजों के बाद एक दिन में ही गंवा दी।

चुनाव परिणामों के दिन औंधे मुंह गिरने के बाद बुधवार को शेयर बाजार में अगले ही दिन मजबूत रिकवरी आई। 05 जून 2024 (बुधवार) के कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 2300 अंक मजबूत हुआ वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी एक ही दिन में 22500 के स्तर को पार कर गया। इस तरह बाजार ने चुनाव परिणामों के दिन हुए कुल नुकसान में से आधे की भरपाई एक दिन में ही कर ली है। बुधवार को सेंसेक्स 2,303.19 (3.19%) अंक मजबूत होकर 74,382.24 के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर, निफ्टी 735.85 (3.36%) अंक उछलकर 22,620.35 के लेवल पर बंद हुआ। बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 3% से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए। बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान हैवीवेट बैंकिंग शेयरों में 4.5% की बढ़त दर्ज की गई। दूसरी ओर, वित्तीय सेवाओं से जुड़े शेयर 4.2% प्रतिशत उछले। बैंकिंग शेयरों में लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद मंगलवार को 8% तक की गिरावट दिखी थी। बुधवार को निफ्टी एफएमसीजी 4.3% उछला वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ने से निफ्टी ऑटो 4.7% मजबूत हुआ।

लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल तय होते ही नतीजों के तुरंत बाद बाजार से गायब रौनक अब लौटने लगी है। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन बाजार के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स मजबूत होकर बंद हुए। वीकली एक्सपायरी के दिन 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सूचकांक 692.27 (0.93%) अंक मजबूत होकर 75,074.51 पर पहुंच गया। दूसरी ओर, एनएसई निफ्टी 201.06 (0.89%) अंक चढ़कर 22,821.40 पर बंद हुआ। इसी दिन राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी और उनके मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए शेयर बाजार में घोटाले की जांच करने की मांग की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया है कि शेयर बाजार पर सरकार की ओर से की गई टिप्पणी से लाखों खुदरा निवेशकों का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इससे निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि यह शेयर बाजार का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। इसकी संसदीय समिति से जांच कराई जानी चाहिए।

गत शुक्रवार को दलाल स्ट्रीट में बुल्स ने पूरी ताकत के साथ वापसी की जिससे सेंसेक्स लगभग 1,700 अंक बढ़कर 76,794.06 के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी50 483 अंकों तक चढ़ा। दोनों सूचकांक 4 जून के सभी नुकसान को पाटने में कामयाब रहे। ब्याज दर को अपरिवर्तित रखने के आरबीआई के फैसले के बाद बैंकिंग, वित्त, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे दर-संवेदनशील क्षेत्रों में के शेयर 8% तक चढ़े। इस दौरान बीएसई पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7.68 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 423.57 लाख करोड़ रुपये हो गया। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,618.85 (2.15%) अंक चढ़कर 76,693.36 के स्तर पर पहुंचा। दूसरी ओर, निफ्टी 468.75 (2.05%) अंक मजबूत होकर 23,290.15 के लेवल पर क्लोज हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार को शेयर बाजार में हरे निशान पर कारोबार शुरू हुआ। शुरुआती कारोबार के दौरान पहली बार बीएसई सेंसेक्स 77,079.04 के स्तर पर पहुंचा। दूसरी ओर, एनएसई निफ्टी भी पहली बार 23,411.90 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। हालांकि दिनभर कारोबार के दौरान उठापटक का दौर जारी रहा। आखिरकार सेंसेक्स 203.28 (0.26%) अंक फिसलकर  76,490.08 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, निफ्टी 30.96 (0.13%) अंक कमजोर होकर 23,259.20 पर बंद हुआ।

वहीं, सोमवार को देर शाम मोदी सरकार 3.0 के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई अहम मंत्रियों के विभागों में कोई परिवर्तन नहीं दिखा। मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे के बाद हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को शेयर बाजार में कमजोर शुरुआत हुई। प्री ओपनिंग में बढ़त के बावजूद शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान पर कारोबार करते दिखे। बाजार में निचले स्तरों से खरीदारी लौटी और बेंचमार्क इंडेक्स हरे निशान पर लौटने में सफल रहे पर उसके बाद फिर बिकवाली हावी हो गई। हालांकि दोपहर तक बाजार फिर हरे निशान पर लौट आए।

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