दिल्लीः देश के विभिन्न हिस्से प्रचंड गर्मी की चपेट में हैं। पूरे उत्तर भारत में हीटवेव कहर बरपा रहा है। हीटवेव के कारण शुक्रवार यानी 31 मई को देश के चार राज्यों में 40 लोगों की जानें चली गईं। इसके कारण उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 17 मौतें हुईं। इसके बाद बिहार में 14, ओडिशा में पांच और झारखंड में 4 मौत हुईं।
वहीं, झारखंड के अलग-अलग अस्पतालों में 1300 से अधिक लोग हीटस्ट्रोक के कारण तबीयत बिगड़ने के चलते भर्ती हैं। लोगों को तेज बुखार, हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है। यही हाल अन्य राज्यों में भी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में बीते 72 घंटे में 182 लोगों की मौत की वजह हीटवेव की वजह से हुई है। अयोध्या में 03 दिनों में 18 लावारिस शव दाह संस्कार के लिए लाए गए, इनकी मौत की वजह हीटस्ट्रोक को माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश-बिहार में जिन लोगों की मौत हुई उनमें शामिल 25 लोग लोकसभा चुनाव के सातवें यानी आखिरी फेज की वोटिंग में तैनात किए गए सुरक्षाकर्मी और चुनाव अधिकारी हैं। 30 मई को भी 7 राज्यों में 79 लोगों की मौत हुई थी।
मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक शुक्रवार को कानपुर में मौजूद एयरफोर्स स्टेशन पर देश का सबसे ज्यादा तापमान 48.2°C दर्ज किया गया। वहीं, हरियाणा का सिरसा दूसरे नंबर पर रहा, यहां पारा 47.8°C रहा। दिल्ली के आयानगर का पारा 47°C दर्ज किया गया। /
मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार (1 जून) के लिए देश में कहीं भी हीटवेव का रेड अलर्ट जारी नहीं किया है। लेकिन राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, ओडिशा, महाराष्ट्र में 1 जून को सीवियर हीटवेव रहेगी।
IMD ने मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और हिमाचल में हीटवेव का अनुमान जताया है। साथ ही मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में रात गर्म रहेगा। वहीं, गोवा, तेलंगाना में उमस भरी गर्मी की आशंका जताई है।
हीटवेव के कारण अब तक बिहार 66 राजस्थान 66 झारखंड 19 मध्य प्रदेश 16 छत्तीसगढ़ 6 उड़ीसा 5 दिल्ली 2 यानी कुल 303 लोगों की जान चली गई है।
हीटवेव का असर…
गर्मी और लू से अब तक हुईं मौतें…
राज्य—————– मौतें
उत्तर प्रदेश ———–189
बिहार—————–66
राजस्थान————–66
झारखंड—————19
मध्य प्रदेश————-16
छत्तीसगढ़————–06
ओडिशा—————05
दिल्ली—————–02
कुल—————– 303
वहीं इस साल मानसून तय समय से छह दिन पहले उत्तरी पश्चिम बंगाल पहुंच गया है। IMD ने इसके 6 जून तक राज्य में प्रवेश करने की संभावना जताई थी। मानसून जल्दी आने का कारण रेमल साइक्लोन बताया जा रहा है, जो 26 मई को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में आया था।
IMD ने अगले पांच दिनों में कूच बिहार, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कलिम्पोंग और दार्जिलिंग के सब-हिमालयी जिलों में बारिश का अनुमान और एक- दो जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। उत्तरी बंगाल में शुक्रवार सुबह राज्य के जिन स्थानों पर बारिश हुई उसमें अलीपुरद्वार (45 मिमी), जलपाईगुड़ी (43 मिमी) और कूचबिहार (28 मिमी) शामिल हैं।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में कोलकाता सहित दक्षिणी बंगाल के जिलों में तेज हवा और बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने कहा कि कोलकाता में 65 मिमी बारिश दर्ज की गई। पश्चिम बंगाल से पहले मॉनसून 30 मई केरल पहुंचा था। IMD ने 31 मई तक इसके केरल में पहुंचने की संभावना जताई थी। इसके दिल्ली में 27 जून तक आने का अनुमान है।
आपको बता दें कि इससे पहले 30 मई, 2017 को साइक्लोन मोरा के कारण मानसून समय से पहले आया था। 2023 में केरल में मानसून की एंट्री सात दिन की देरी के बाद 8 जून को हुई थी। आमतौर पर केरल में 1 जून को मानसून प्रवेश करता है और 5 जून तक देश के ज्यादातर हिस्सों को कवर कर लेता है।
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