दिल्लीः पूरे उत्तर भारत में इस समय में आसमान से आग की बरसात हो रही है। चिलचिलाती गर्मी में लोग उबल रहे हैं। राजस्थान के चूरू में पारा 50 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है। अन्य शहरों में भी तापमान 48-49 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी पारा 50 डिग्री को छूने को बेकरार है। वहीं, यूपी के झांसी में दिन का पारा 49 डिग्री रहा। आगरा में तापमान 48.6 और वाराणसी में 47.6 डिग्री रहा। लखनऊ स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, यूपी में मई माह में इतनी तपिश कभी नहीं रही।

गर्मी पहाड़ी राज्यों में भी कहर ढा रही है। जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग में पारा 43 डिग्री तक पहुंच गया है। भीषण गर्मी के मद्देनजर जम्मू क्षेत्र में स्कूलों में छुट्टी की घोषणा करनी पड़ी। वहीं, हिमाचल के ऊना में पारा 44 डिग्री को पार कर चुका है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि मंगलवार को चूरू देश में सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 50.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो इस सीजन में सबसे अधिक है। इससे पहले यहां एक जून, 2019 को पारा 50.8 डिग्री दर्ज किया गया था। चूरू के अलावा राजस्थान के गंगानगर में तापमान 49.4, पिलानी और झुंझुनू में 49, बीकानेर में 48.3, कोटा में 48.2, जैसलमेर में 48 और जयपुर में 46.6 डिग्री दर्ज किया गया। पिलानी में इससे पहले 2 मई, 1999 को अधिकतम तापमान 48.6 डिग्री दर्ज किया गया था। राज्य सरकार ने बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने को कहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के तीन केंद्रों पर तापमान 50 डिग्री के पास पहुंच गया। मुंगेशपुर व नरेला में अधिकतम तापमान 49.9 व नजफगढ़ में 49.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग ने कहा कि अभी कम से कम दो दिन प्रचंड गर्मी और लू से लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है।

गर्मी के कड़े तेवर से दिल्ली के लोग झुलसने को मजबूर हैं। दिल्ली के मौसम विभाग के तीन केंद्रों पर मंगलवार को अधिकतम तापमान 49 डिग्री से अधिक होने के कारण पचास डिग्री की तपिश महसूस हुई। मुंगेशपुर और नरेला में अधिकतम तापमान 49.9 और नजफगढ़ में तापमान 49.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दिल्ली के मानक केंद्र सफदरजंग में तापमान पांच डिग्री अधिक 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आपको बता दें कि 57 साल के इतिहास में पहली बार मंगलवार को आयानगर और 51 साल में रिज में तापमान सबसे अधिक दर्ज किया गया।
आयानगर के 1967 से 2023 तक के अधिकतम तापमान के आंकड़े को देखें तो 28 मई 1988 को 47.4 डिग्री और 11 जून 2019 को तापमान 47 दर्ज किया गया, जबकि मंगलवार को 47.6 दर्ज किया गया। वहीं, रिज में मंगलवार को तापमान 47.5 दर्ज किया गया, जो ऑल टाइम रिकॉर्ड बना। रिज के 1973 से 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार 16 मई 2022 को तापमान 47.2 और 7 जून 2014 को तापमान 46.3 डिग्री दर्ज किया गया था।

मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी में सफदरजंग मानक केंद्र है। मंगलवार को यहां तापमान 45.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान बीते चार साल में दूसरा बार सबसे अधिक है। 27 मई 2020 को सफदरजंग में तापमान 46 डिग्री दर्ज किया गया था। ऑल टाइम रिकॉर्ड की बात करें तो 1931 से 2023 तक सफदरजंग में 29 मई, 1944 को तापमान 47.2 और 17 जून 1945 को तापमान 46.7 डिग्री दर्ज किया गया था।
मौसम विभाग के अनुसार अभी दो दिन तक ऐसी ही गर्मी बनी रहेगी। बुधवार को भी गर्मी व लू का रेड अलर्ट है। इस दौरान तापमान 46 डिग्री रहने की संभावना है। जबकि दिन में हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी। दिन में 25-35 किलोमीटर प्रतिघंटा की हिसाब से धूल भरी हवाएं चलेंगी। 30 मई को भी लगभग ऐसी स्थिति रहेगी। शाम से मौसम में बदलाव होगा।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण 31 मई व एक जून को तापमान में दो से तीन डिग्री की मामूली गिरावट होगी। विभाग ने 31 मई व एक जून को मामूली बारिश व धूल भरी हवाएं चलने की संभावना जताई है। जून के पहले सप्ताह तक भले ही तापमान दो से तीन डिग्री कम हो जाए, लेकिन गर्मी 45 डिग्री से अधिक वाली ही महसूस होगी।

बुंदेलखंड में तेज धूप और गर्म हवाओं के चलते लू और बुखार की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा छह लोगों की मौत महोबा, तीन की हमीरपुर और दो की बांदा में हुई। वहीं, चित्रकूट में एक व्यक्ति की जान चली गई। यूपी में गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। झांसी में पारा 49 डिग्री पहुंच गया, जो 132 वर्ष में सर्वाधिक है। आगरा, हमीरपुर व प्रयागराज में पारा 48.2, कानपुर व वाराणसी में 47.6 और फतेहपुर में 47.2 डिग्री रहा जो मई महीने का अब तक का रिकॉर्ड है।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत में गुरुवार को पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति बनने की उम्मीद है, जिससे सप्ताहांत में इस क्षेत्र में बारिश हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट आएगी।

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