दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठनबंधन यानी इंडिया के सहयोगियों के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा इस साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद की जाए। यह मांग हैदराबाद में 16-17 सितंबर को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में उठी। पार्टी के कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी आलाकमान से यह मांग की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मांग करने वाले ज्यादातर नेता उन राज्यों से हैं, जहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला इंडिया में शामिल दूसरी पार्टियों से है। इन नेताओं को भरोसा है कि पार्टी 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में अच्छा परफॉर्म करेगी, जिससे वे सीट शेयरिंग के दौरान मजबूत स्थिति में रहेंगे।
आपको बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में इस साल के आखिरी में चुनाव होने हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने अब तक तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन संभावना है कि अगले महीने के पहले हफ्ते में इसका ऐलान हो जाए।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, प्रवक्ता अलका लांबा और प्रताप सिंह बाजवा समेत दिल्ली और पंजाब के कुछ नेताओं ने आम आदमी पार्टी (AAP) के व्यवहार पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि आप नेता पार्टी पर हमले कर रहे हैं और पार्टी नेताओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
कांग्रेस नेता माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी उन राज्यों में चुनाव लड़ने की घोषणा कर रही है, जहां कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में है। वहां AAP कांग्रेस नेताओं पर हमले कर रही है। उन्होंने मांग की कि यह बंद होना चाहिए।
वहीं, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि वे पंजाब में AAP के साथ गठबंधन करने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि वहां उनके नेताओं पर निशाना साधा जा रहा है। पार्टी हाईकमान ने इस मामले पर अलग से चर्चा करने की बात कही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आश्वासन दिया कि दूसरी पार्टियों के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा स्टेट यूनिट्स की सलाह पर ही की जाएगी।