मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में में रविवार को बड़ा उलट-फेर हुआ। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार ने अपराह्न ढाई बजे शिवसेना के एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान राजभवन में एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम एवं बीजेपी नेता देवेंद्र फडवणीस मौजूद थे।
अजित पवार आठ विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर करीब 2 बजे राजभवन पहुंचे थे और तीन बजते-बजे इन सभी को मंत्री पद की शपथ दिला दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अजित समेत बाकी विधायक शरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे।
अजित पवार ने रविवार को मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों के साथ मीटिंग की। इसमें पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले मौजूद थीं। अजित पवार के राजभवन पहुंचने के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार पुणे में थे। उन्हें विधायकों की मीटिंग की जानकारी नहीं थी। बाद में जब उन्हें इसका पता लगा तो बोले- अजित पवार विपक्ष के नेता हैं, तो विधायकों की बैठक बुलाने का उनहें अधिकार है। अब आपको बताते हैं अजित पवार की नाराजगी और पार्टी छोड़ने की वजहों के बारे में…
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अजित पवार शरद पवार से नाराज चल रहे हैं। पहली बार 02 मई को जब शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ा था तो इस बात की संभावना थी कि अजित पवार को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। आपको बता दें कि जब पार्टी नेताओं और समर्थकों ने शरद पवार के फैसले का विरोध किया तो अजित ने खुलेआम कहा था कि इस विरोध से कुछ नहीं होगा। पवार साहब अपना फैसला नहीं बदलेंगे। हालांकि 4 दिन में ही पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। वे जब इस बात की जानकारी मीडिया को देने आए तो अजित पवार वहां मौजूद नहीं थे। तब इस बात की चर्चा थी कि अजित शरद पवार के फैसले से नाराज हैं।
अजित पवार की नाराजगी की दूसरी वजह हाल ही में पार्टी संगठन में हुए फेरबदल को लेकर है। शरद पवार ने 10 जून यानी पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष समेत विभिन्न राज्यों का प्रभार दे दिया। इसके बाद अजित पवार की नाराजगी की खबरें आईं। हालांकि, उन्होंने इससे इनकार किया था। शरद पवार ने भी कहा कि अजित पहले से ही विपक्ष के नेता के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे राज्य देखेंगे।
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