मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर समूह के लड़ाकों को देशभक्त करार दिया है और कहा है कि पश्चिम देश चाहते थे कि रूसी लोग एक-दूसरे से लड़ें। पुतिन ने वैगनर आर्मी का विद्रोह खत्म होने के 2 दिन बाद सोमवार को पहली बार देश को संबोधित किया और कहा- पश्चिमी देश चाहते थे कि रूसी लोग एक-दूसरे से लड़ें। इसके जरिए वे यूक्रेन जंग में मिल रही लगातार हार का बदला लेना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमारा देश हर हाल में एकजुट है।
रूसी मीडिया RT की रिपोर्ट के मुताबिक “वैगनर ग्रुप के लड़ाके सच्चे देशभक्त हैं, जो अपने देश और नागरिकों के साथ गद्दारी नहीं कर सकते। कुछ लोगों ने सैनिकों को अंधेरे में रखा और उन्हें अपने ही भाइयों के सामने बंदूक लेकर खड़ा कर दिया। जिनके साथ कभी वे कंधे से कंधा मिलाकर लड़े थे।’
उन्होंने ने वैगनर जवानों को ऑफर देते हुए कहा कि वैगनर समूह के अधिकांश लड़ाके रूस के देशभक्त हैं और उनका बस इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा, “हम जानते है कि वैगनर समूह के अधिकांश लड़ाके और कमांडर भी रूसी देशभक्त हैं, जो अपने लोगों और राज्य के प्रति समर्पित हैं।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि सशस्त्र विद्रोह के दौरान उनकी जानकारी के बिना उनका इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि वैगनर निजी सैन्य समूह के सदस्यों से देश के रक्षा मंत्रालय के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने, घर लौटने या बेलारूस जाएं।
पुतिन ने विद्रोह को रोकने वाले सभी रूसी सैनिकों, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और विशेष सेवाओं को धन्यवाद दिया। पुतिन ने कहा, “मैं अपने सभी सैनिकों, कानून प्रवर्तन अधिकारियों, विशेष सेवाओं को धन्यवाद देता हूं जो विद्रोहियों के रास्ते में खड़े रहे। आप अपने कर्तव्य और लोगों के प्रति वफादार रहे हैं।”
इसके बाद पुतिन ने मंगलवार को सुरक्षा अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग भी की। पुतिन ने इस बात की भी पुष्टि की कि विद्रोह के दौरान वैगनर ने सेना के हेलिकॉप्टर को मार गिराया था। पुतिन ने उन पायलट्स को श्रद्धांजलि दी जो इस हमले में मारे गए।
उधर वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन ने रूस में तख्तापलट की कोशिश से इनकार किया। प्रिगोजिन ने कहा, वह पुतिन को हटाना नहीं चाहते हैं। एक सोशल मीडिया ऐप पर जारी अपने 11 मिनट के ऑडियो में प्रिगोजिन कहते हैं, ‘वैगनर आर्मी का मकसद यूक्रेन में उनके कैंप पर रूसी हमले का विरोध दर्ज कराना था। हमने अपना मार्च अन्याय से लड़ने के लिए शुरू किया था।’
रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ने 23 जून को बगावत कर दी थी। आर्मी ने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। बाद में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वैगनर और पुतिन के बीच समझौता कराया। इसके बाद वैगनर के लड़ाके पीछे हट गए और प्रिगोजिन को रूस छोड़कर बेलारूस जाने का आदेश दिया गया।
वैगनर ग्रुप क्यों कर रहा था विद्रोह
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