दिल्लीः आज के ही दिन यानी 27 जून 1957 को ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने 25 साल के शोध के आधार पर एक रिपोर्ट जारी कर यह बताया कि धूम्रपान की वजह से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।
एक ज़माना था जब सिगरेट पीना फ़ैशन स्टेटमेंट माना जाता था। 1950 के दशक में अमेरिका में हॉलीवुड में धूम्रपान के चलन और ‘मालबोरो मैन’ विज्ञापनों को लेकर लोगों में बहुत जुनून था। मालबोरो एक अमेरिकी सिगरेट ब्रैंड है। माना जाता है कि दुनिया में सबसे ज़्यादा सिगरटें इसी ब्रैंड की बिकती हैं।
इस कंपनी ने अपने तम्बाकू उत्पाद बेचने के लिए एक विज्ञापन अभियान चलाया। इसमें सिगरेट के डिब्बे पर एक आकर्षक नौजवान को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस विज्ञापन मुहिम में धूम्रपान का शौक रखने वाली जिन जानी-मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया उनमें से पांच की मौत फेफड़े से जुड़ी बीमारी की वजह से हुई।
शुरुआत में दुनिया भर में मुख्य तौर पर पुरुष ही धूम्रपान करते थे, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद धूम्रपान करने वाली महिलाओं की तादाद भी बढ़ने लगी। यह वह ज़माना था जब दफ़्तरों या रेस्त्रा के भीतर भी लोग खुल कर धूम्रपान करते थे। धूम्रपान की छवि तब बदलनी शुरू हुई जब उससे होने वाले ख़तरे की असल तस्वीर सामने आई।
ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने साल 1957 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें फेफड़ों के कैंसर का सीधा संबंध धूम्रपान से पाया गया। इसके बाद 1962 में रॉयल कॉलेज ऑफ़ फ़िज़ीशियन्स की रिपोर्ट में भी यही निष्कर्ष पाया गया।
इसके बाद दुनियाभर की सरकारों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। 1965 में ब्रिटेन ने सिगरेट के विज्ञापनों को बैन कर दिया, जबकि सभी तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापनों पर 2005 में प्रतिबंध लगाया गया।
इसी के साथ यूरोपीय संघ ने भी तम्बाकू से जुड़े सभी विज्ञापनों और तंम्बाकू कंपनियों की ओर से किसी आयोजन को प्रायोजित करने पर रोक लगा दी। वहीं ऑस्ट्रेलिया में एक बड़ी बहस के बाद 2012 से सभी ब्रैंड के सिगरेट पैकेटों पर भूरे रंग का कवर चढ़ा कर उस पर टार से भरे फेफड़ों की तस्वीर, सड़ते हुए पीले दांत और गुलाबी रंग के ट्यूमरों की तस्वीर लगाना अनिवार्य कर दिया गया।
जहां तक भारत की बात है तो यहां करीब 11 करोड़ लोग सिगरेट या तंबाकू से बने दूसरे उत्पादों का सेवन करते हैं। इस बढ़ती तादाद पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न संस्थाओं के साथ मिल कर पिछले कुछ दशकों में कई अभियान चलाए।
एक राष्ट्रीय तंबाकू निरोधक कानून भी बनाया गया. इसके तहत साल 2003 में तंबाकू के विज्ञापनों पर रोक लगा दी गई। इसके बाद 2008 में राष्ट्रव्यापी क़ानून लाया गया जिसके जरिए सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक लगा दी गई। यहां तक कि फ़िल्मों में स्क्रीन पर तंबाकू या सिगरेट दिखाए जाते समय एक स्वास्थ्य चेतावनी देना अनिवार्य कर दिया गया।इसके बाद 2009 में तंबाकू उत्पाद के पैकेट पर चेतावनी भरी तस्वीर का होना अनिवार्य बनाया गया।
दुनिया के पहले एटीएम की शुरुआत: बैंकनोट बनाने वाली एक कंपनी में काम करने वाले जॉन शेफर्ड बैरन को एक चीज बहुत परेशान कर रही थी। दरअसल होता ये कि बैरन जब शनिवार को बैंक में अपने चेक से पैसे निकालने जाते, तो उन्हें बहुत लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता और कई बार तो वो पैसे निकाल ही नहीं पाते।
इसी तरह एक शनिवार को वे बैंक गए लेकिन पैसे नहीं निकाल पाए। उसी शाम नहाते हुए उन्हें आइडिया आया कि जिस तरह चॉकलेट वेंडिंग मशीन में पैसे डालते ही चॉकलेट बाहर आ जाती है उसी तरह एक ऐसी मशीन बनाई जाए जिसमें से पैसे निकल सकें। बस फिर क्या था बैरन अपने काम पर लग गए।
उन्होंने चॉकलेट वेंडिंग मशीन की तरह ही मशीन बनाई जिसमें 6 अंकों का एक पिन एंटर करना होता था। दरअसल बैरन आर्मी में रहे थे और उन्होंने अपनी आर्मी के रजिस्ट्रेशन नंबर को ही पिन बनाया था, लेकिन उनकी पत्नी ने कहा कि वो 6 अंकों का पिन याद नहीं रख सकतीं इसलिए बाद में पिन को बदलकर 4 अंकों का किया गया।
हालांकि अभी की तरह उस मशीन में कार्ड का इस्तेमाल नहीं होता था। मशीन में चेक से पैसे निकाले जाते थे। इन चेक पर एक रेडियोएक्टिव पदार्थ लगा होता था जिसे मशीन पढ़ लेती थी। चेक लगाने के बाद पिन एंटर करना होता था।
उन्होंने इस तरह की 6 मशीनें बनाईं और इन्हें अलग-अलग जगहों पर लगाया गया। सबसे पहली मशीन लंदन के इनफील्ड में बार्कलेज बैंक में 27 जून 1967 को लगाई गई। इस मशीन से सबसे पहले ब्रिटिश कॉमेडी एक्टर रेग वार्ने ने पैसे निकाले। इस मशीन से एक बार में अधिकतम 10 पाउंड (आज के हिसाब से करीब 1 हजार रुपए और 1967 के हिसाब से करीब 180 रुपए) ही निकलते थे।
इन 6 मशीनों के बाद बैरन ने इस तरह की 50 मशीनें और बनाईं। इन्हें लंदन में ही अलग-अलग जगहों पर लगाया गया। धीरे-धीरे इनका चलन बढ़ने लगा और लोग टाइम की बचत की वजह से इनका इस्तेमाल ज्यादा करने लगे।
हालांकि 60 के दशक में इस तरह की मशीन बनाने में दुनियाभर के लोग जुटे हुए थे। साल 1966 में जेम्स गुडफैलो ने ATM टेक्नोलॉजी के लिए पहला पेटेंट करवाया था। इसमें चेक की जगह प्लास्टिक कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था, जो आज तक प्रचलित है।
साथ ही बैरन ने इस पूरी टेक्नोलॉजी का पेटेंट नहीं करवाया था। उनका मानना था कि अगर वो पेटेंट करवाएंगे तो इस टेक्नोलॉजी का हैकर गलत फायदा उठा सकते हैं। इसी वजह से ATM का आविष्कारक कौन है इस बात को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं।
साल 1977 में सिटी बैंक ने न्यूयॉर्क में ATM लगाने के लिए 100 मिलियन डॉलर खर्च किए। सिटी बैंक को भारत में भी ATM को बढ़ावा देने का श्रेय जाता है। 1984 तक दुनियाभर में 1 लाख से भी ज्यादा ATM हो गए। एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल पूरी दुनिया में 35 लाख से भी ज्यादा ATM हैं।
तीन मूर्ति भवन को संग्रहालय बनाने का फैसला: 1964 में 27 जून को ही यह फैसला किया गया था कि दिल्ली में स्थित तीन मूर्ति भवन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का संग्रहालय बनाया जाएगा। दरअसल इसी तीन मूर्ति भवन में पं. नेहरू का आवास था. उनके निधन के बाद उनकी स्मृति में इसे संग्रहालय में बदल दिया गया। उनके जीवन की झलक आज भी यहां उनके छाया-चित्रों में देखी जा सकती है।
सीढ़ीनुमा गुलाब उद्यान और एक दूरबीन यहां के प्रमुख आकर्षण हैं. इसी गुलाब उद्यान से नेहरु जी अपनी शेरवानी पर लगाने के लिए गुलाब का फूल चुना करते थे। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 27 जून को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
1759: ब्रिटेन के सेना अधिकारी जनरल जेम्स वोल्फ ने क्यूबेक पर कब्जा जमाने की शुरुआत की।
1838: राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म।
1867: बैंक ऑफ कैलिफोर्निया का संचालन शुरू।
1893: पंजाब के महाराज रंजीत सिंह का निधन।
1914: अमेरिका ने इथोपिया के साथ वाणिज्य संधि पर हस्ताक्षर किये।
1939: प्रसिद्ध संगीतकार एवं अभिनेता राहुल देव बर्मन का जन्म।
1940: सोवियत सेना ने रोमानिया पर हमला किया।
1957: अमेरिका के लुसिआना और टेक्सास में आॅद्रे तूफान से 526 लोगों की मौत।
1964: तीन मूर्ति भवन को नेहरू संग्रहालय बनाया गया।
1967: लंदन के एनफील्ड में विश्व का पहला एटीएम स्थापित किया गया।
1967: भारत में निर्मित पहले यात्री विमान एचएस 748 को इंडियन एयरलाइंस को सौंपा गया।
1980: इतालवी विमान के तेरीहिंस सागर में दुर्घटनाग्रस्त होने से 81 लोगों की मौत।
1981: कंबोडिया ने अपना संविधान अपनाया।
1983: नासा ने अंतरिक्ष यान एस -205 लांच किया।
1998: मलेशिया में कुआलालम्पुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा खोला गया।
2007: गोर्डन ब्राउन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने।
2008: माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन के चेयरमैन बिल गेट्स ने अपने पद से इस्तीफा दिया।
2013: नासा ने सूर्य के निरीक्षण के लिए इंटरफेस रीजन इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ को लॉन्च किया।
2015: 20वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फिल्म निर्देशकों में एक सत्यजीत राय की तस्वीर को संयुक्त राष्ट्र ने अपने मुख्यालय में प्रदर्शित करने का फैसला किया।
2016: भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम का सदस्य बना।
2021: जम्मू में वायुसेना के अड्डे पर आतंकवादियों ने ड्रोन के जरिए विस्फोटक गिराए।
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