वाराणसीः दीनदयाल हस्तकला संकुल बड़ालालपुर जी-20 समूह के सम्मेलनों के क्रम में आज विकास मंत्रियों की बैठक शुरू होगी। इसकी अध्यक्षता विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर करेंगे। विदेशमंत्री के मुताबिक, बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष वीडियो संबोधन होगा। इसके बाद मंत्री समूह कूटनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा करेगा। साथ ही तकनीक और सांस्कृतिक विरासत के आदान प्रदान जोर देंगे।

भारत की अध्यक्षता में चल रहे जी-20 समूह के इस सम्मेलन में भविष्य के विकास मॉडल पर चर्चा के लिए दो सत्र तय हैं। पहले सत्र बहुपक्षवाद में त्वरित प्रगति के लिए सामूहिक कार्रवाई की रणनीति बनाई जाएगी। दूसरा सत्र हरित विकास पर होगा। इसमें पर्यावरण के लिए सभी देशों को एक जीवनशैली अपनाने के दृष्टिकोण को बताया जाएगा।

 दुनिया की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले जी-20 देशों के मेहमान रविवार को काशी पहुंच गए। एयरपोर्ट से होटल और गंगा घाटों तक भव्य स्वागत से सब अभिभूत दिखे। मेहमानों ने काशी की सभ्यता, संस्कृति को नमन किया और उसके धार्मिक महत्व को समझा। देर शाम विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की भव्य और अद्भुत छटा देख मंत्रमुग्ध हो गए। अब जी-20 देशों के विकास मंत्री विकास का खाका खींचेंगे, फिर उसे अमल में लाने की रणनीति बनाएंगे।

जी-20 देशों के तीन दिवसीय (11-13 जून) सम्मेलन की शुरूआत रविवार की देर शाम गाला डिनर के साथ हुई। विदेशमंत्री डा एस जयशंकर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में अलग-अलग देशों के विकास मंत्रियों का स्वागत किया गया। साथ ही कहा गया कि बैठकों का दौर सोमवार से शुरू होगा। इससे पहले सभी मुद्दों पर अनौपचारिक चर्चा की जाएगी।

विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते अच्छे हुए हैं। नेपाल से हमारा संबंध ही रोटी-बेटी का है। यहां सीमाएं खुली हुई हैं। अगर इस पर दीवार लगाई जाएगी तो इसका गलत संदेश जाएगा। शिक्षा तथा चिकित्सा क्षेत्र में दूसरे देशों के सहयोग के विषय पर कहा कि दुनिया में भारत की स्थिति अद्वितीय है। विकसित देशों में फार्मा उद्योग बहुत अलग है और उन्होंने महामारी के समय भी किसी की मदद नहीं की थी। मगर, भारत ने चिकित्सा क्षेत्र में भी दुनिया को अपना कायल बनाया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here