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आरबीआई ने दो हजार के नोट वापस लेने का क्यों किया ऐलान

दिल्लीः करीब साढ़ छह साल बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है। आरबीआई ने शुक्रवार को इसके बारे में घोषणा की। हालांकि, 30 सितंबर तक ये नोट वैध रहेंगे। आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से दो हजार रुपये के नोट जारी करना बंद कर दें। आरबीआई ने कहा कि 30 सितंबर तक ये नोट वैध मुद्रा (सर्कुलेशन) बने रहेंगे। यानी जिनके पास इस समय दो हजार रुपये के नोट्स हैं, उन्हें बैंक से एक्सचेंज करना होगा। आरबीआई के अनुसार, 2018-19 में ही दो हजार रुपये का नोट को छापना बंद कर दिया था। आपको बता दें कि साल 2016 नवंबर में नोटबंदी के बाद 2000 हजार रुपये का नोट लाया गया था। नोटबंदी में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिया गया था।

आरबीआई ने क्यों किया ऐलानः इस मामले में आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि जब साल 2016 में आरबीआई ने हजार और पांच सौ के नोटों को बैन करके दो हजार रुपये के नोट जारी किए थे, तभी ये तय था कि इसे ज्यादा समय तक नहीं चलन में रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने अपनी रणनीति के तहत काम किया और आज नोटबंदी को पूरी तरह से अंजाम दिया जा रहा है।’ प्रो. प्रहलाद ने दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने के मायनों को विस्तार से समझाया…

विशेषज्ञों के मुताबिक  हाल की घटनाओं पर नजर डालें तो लोग अब कालाधन रखने के लिए दो हजार रुपये के नोटों का प्रयोग करने लगे थे। इसे सरकार भी मानती है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी इस मसले को संसद में भी उठा चुके हैं। 2019-19 से ही आरबीआई ने दो हजार के नोटों को छापना बंद कर दिया था। आम लोगों के पास अब बहुत कम ही दो हजार के नोट बचे थे, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग थे जिन्होंने इन दो हजार के नोटों का इस्तेमाल काली कमाई रखने और कालाधन रखने में करना शुरू कर दिया। अब जब आरबीआई ने इन नोटों को वापस लेने का एलान कर दिया है तो साफ है कि एक बार फिर से बड़े पैमाने पर कालाधन बाहर आएगा। जो लोग भी इन्हें बैंक में बदलने जाएंगे, उन पर सरकार की नजर होगी। अगर अधिक मात्रा में किसी के पास दो हजार के नोट होंगे तो वह सीधे ईडी व आरबीआई के निशाने पर आ जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि 2016 में जब 500 और हजार के नोट बंद हुए थे तो आतंकवादियों के फंडिंग में भी बड़ा ब्रेक लग गया था। इसी तरह मनी लॉन्ड्रिंग भी रूक गई थी। धीरे-धीरे इस काम में दो हजार के नोटों का इस्तेमाल होने लगा था। अब इसके जरिए आतंकवादियों के फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर एक बार फिर से सरकार ने कड़ा प्रहार किया है।

इसके अलावा दो हजार के नकली नोटों की छपाई भी तेजी से होने लगी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि ये आसानी से बाजार में चलाया जा सकता था। इसकी सप्लाई में ज्यादा दिक्कत नहीं होती थी। अब चूंकि इस पर बैन लग रहा है तो साफ है कि दो हजार के जितने भी नकली नोट बाजार में होंगे वो भी साफ हो जाएंगे। इसके अलावा नकली नोटों की छपाई पर भी काफी हद तक ब्रेक लग जाएगा।

General Desk

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