बेंगलुरुः दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में इस बार किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला आज मतदाता करेंगे। कर्नाटक में की सभी 224 विधानसभा सीटों पर आज वोटिंग हो रही है। चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं। इस बार चुनाव लड़ने वालों में कई बड़े नेता भी हैं। खुद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, जेडीएस के मुखियाा एचडी कुमारस्वामी जैसे कई दिग्गज मैदान में हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, कर्नाटक में सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। शाम छह बजे तक मतदान के लिए लाइन में लग जाने वाले लोग जब तक वोट नहीं डाल लेते हैं, तब तक वोटिंग जारी रहेगी।
चुनाव आयोग ने कुल 58,545 केंद्र बनाए हैं। कुल 5,31,33,054 मतदाता वोट डालने के पात्र हैं। मतदाताओं में 2,67,28,053 पुरुष और 2,64,00,074 महिलाएं हैं। 4,927 अन्य मतदाता भी हैं, जबकि उम्मीदवारों में 2,430 पुरुष हैं, 184 महिलाएं हैं, और एक थर्ड जेन्डर है।
इस बार के चुनाव प्रचार शुरुआत में गाली और बजरंगबली के बाद अंत में सोनिया गांधी के कर्नाटक की संप्रभुता के सवाल पर उपजे विवादों से जूझता रहा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की पीएम मोदी की जहरीले सांप से तुलना के बाद बजरंग दल पर प्रतिबंध की घोषणा ने भाजपा को बड़ा मौका दिया। वहीं अब मतदान के समय यह देखना होगा कि इससे भाजपा के लिए कितना वोट जाता है।
कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। जीत जहां उसे भाजपा के खिलाफ मुख्य विपक्षी खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी, वहीं हार हुई तो पहले से दबाव बना रहे क्षेत्रीय दल पार्टी पर हावी हो जाएंगे। गांधी परिवार के तिलिस्म पर भी सवाल उठेंगे। कार्यकर्ता राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले बुरी तरह हतोत्साहित होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक ने पूरा जोर लगाया। जेडीएस से एचडी कुमार स्वामी ने भी अपने दिग्गज नेताओं की पूरी फौज लगाई थी। इस बार चुनाव लड़ने वालों में कई बड़े नेता भी हैं। खुद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी जैसे कई दिग्गज मैदान में हैं। कर्नाटक सरकार के कई मंत्रियों का मुकाबला कांग्रेस और जेडीएस के बड़े नेताओं से है। भाजपा के कई बागी पार्टी बदलकर मैदान में उतर चुके हैं।
आपको बता दें कि कर्नाटक में 1985 के बाद से कोई भी सत्तारूढ़ पार्टी सत्ता में नहीं लौटी सकी है। लेकिन इस बार भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। पीएम मोदी से लेकर भाजपा के हर बड़े नेता ने रैलीयां की हैं। कर्नाटक को बरकरार रखना भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण सवाल के रूप में इसलिए भी देखा जा रहा है क्योंकि 1985 के बाद से कभी भी कोई सत्तारूढ़ पार्टी सत्ता में नहीं लौट सकी है।
कर्नाटक में लिंगायत और वोक्कालिगा मतदाता चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। लिंगायत आबादी का 17 प्रतिशत और वोक्कालिगा 11 प्रतिशत हैं। सरकार बनाने के लिए 113 सीटों पर किसी भी पार्टी को जीत दर्ज करनी होगी। वरुणा, कनकपुरा, शिगगांव, हुबली-दरवाड़, चन्नापटना, शिकारीपुरा, चित्तापुर, रामनगर और चिकमगलूर कुछ प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र हैं जो चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगे।