इस्लामाबादः पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान के समर्थन सड़कों पर उतर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। आपको बता दें कि इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से मंगलवार को गिरफ़्तार कर लिया गया। इसको लेकर पीटीआई उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने बुधवार को कहा कि पार्टी इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा पार्टी अध्यक्ष इमरान की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के फैसले को चुनौती देने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी।

उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को आश्चर्यजनक करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि हैरानी की बात है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी को कानूनी करार दिया है। उन्होंने बिना इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध बताया। पीटीआई के प्रमुख इमरान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के वारंट पर रेंजर्स द्वारा आईएचसी के बाहर गिरफ्तार किया गया।

इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में मंगलवार को ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदी लगा दी गई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इसके अलावा पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में मोबाइल डेटा सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार (10 मई) को पाकिस्तान के निजी स्कूल बंद रहेंगे। इमरान खान की गिरफ्तारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें पाकिस्तानी रेंजर्स उन्हें खींचते हुए ले जाते दिख रहे हैं।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर हो रहे बवाल के मद्देनजर व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका का एक राजनीतिक उम्मीदवार या पार्टी पर कोई रुख नहीं है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया भर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और कानून के शासन के लिए सम्मान का आह्वान करते हैं।

वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत परिसर से गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को पाकिस्तान में सभी राजनीतिक हस्तियों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने और उचित प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि हम इस पूरे मामले अपनी नजर बनाए हुए हैं।

उधर, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली कहा क कि मैंने उन रिपोर्टों को देखा है जिनका आपने उल्लेख किया है और हम सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पाकिस्तान में जो कुछ भी होता है वह संविधान के अनुसार कानून के शासन के अनुरूप हो। आगे कहा कि उन्हें अभी तक पाकिस्तान के घटनाक्रम पर विस्तार से जानकारी देने का अवसर नहीं मिला है।

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