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Today History 03 May: अटल-आडवानी के करीबी प्रमोद महाजन की हत्या हुई - Prakhar Prahari
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Today History 03 May: अटल-आडवानी के करीबी प्रमोद महाजन की हत्या हुई

दिल्लीः आज के ही दिन यानी तीन मई 2006 को प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एवं अटल-आडवाणी के करीबी प्रमोद महाजन का निधन हुआ था। दिनांक 22 अप्रैल 2006 को बीजेपी के कद्दावर नेता प्रमोद महाजन का मुंबई के वर्ली स्थित घर पर उनके छोटे भाई प्रवीण महाजन उनसे मिलने पहुंचे थे। दोनों भाइयों में किसी बात को लेकर 15 मिनट तक बहस हुई। आवेश में आकर प्रवीण ने रिवॉल्वर से प्रमोद पर 3 गोलियां चला दीं। उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां 3 मई 2006 को उनकी मौत हो गई।

अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने की बात हो, या लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा की, महाराष्ट्र में शिवसेना से गठबंधन की हो या शाइनिंग इंडिया का मंत्र देने की, प्रमोद महाजन के जिक्र के बिना अधूरी ही रहती है। एक समय अटल-आडवाणी के करीबी रहे प्रमोद महाजन उस समय पार्टी की सेकंड लाइन के प्रमुख नेता थे। प्रमोद महाजन को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार पार्टी का लक्ष्मण कहा था।

प्रमोद महाजन का जन्म 30 अक्टूबर 1949 को महबूबनगर (तेलंगाना) में हुआ था। पिता टीचर थे। राजनीतिक बहसों में शुरू से ही आगे रहते। स्कूल में कई डिबेट्स भी जीतीं। इसी दौरान संघ से जुड़े। उन्होंने पुणे के रानाडे इंस्टीट्यूट ऑफ जर्नलिज्म से पत्रकारिता की डिग्री ली। पत्रकारिता में मौका नहीं मिला, तो एक कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाई। जब वे 21-22 साल के थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया।

प्रमोद की राजनीति पर पकड़ तो थी ही, पत्रकार बनने के गुण भी थे। आरएसएस के मराठी अखबार ‘तरुण भारत’ के उप संपादक बन गए। 1974 में कॉलेज में पढ़ाना भी बंद कर दिया। फुल टाइम आरएसएस को देने लगे। इमरजेंसी के दौरान जब देश में इंदिरा गांधी के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा था, संघ भी मैदान में था। प्रमोद ने इंदिरा विरोध का मोर्चा संभाला। 1974 में उन्हें संघ प्रचारक बनाया गया।

आपातकाल के दौरान उन्होंने आरएसएस के लिए खूब काम किया। उनकी सक्रियता देखते हुए उन्हें बीजेपी में शामिल कर लिया गया। 1983 से 1985 तक वह पार्टी के अखिल भारतीय सचिव थे और फिर 1986 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। 1984 में अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके। लगातार 3 बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे।

देश में जब राम मंदिर आंदोलन जोर पकड़ने लगा था। भाजपा ने भारी तैयारियां की थीं। उससे पहले 1983 में चंद्रशेखर ने देशभर में पदयात्रा की थी। राम मंदिर आंदोलन के लिए आडवाणी का भी इरादा ऐसी ही पदयात्रा निकालने का था। प्रमोद महाजन ने उन्हें राय दी कि पदयात्रा में समय ज्यादा लगेगा, ज्यादा जगह भी कवर नहीं होगी। पदयात्रा के बजाय रथयात्रा निकालिए। आडवाणी को ये आइडिया जम गया। प्रमोद ने मेटाडोर को रथ में बदला, नाम दिया- रामरथ। आडवाणी की रथयात्रा में प्रमोद की भी बड़ी भूमिका थी।

साल 1996 में वाजपेयी सत्ता में आए। प्रमोद अपना पहला लोकसभा चुनाव जीते। उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया। सरकार केवल 13 दिन ही टिकी। 1998 में बीजेपी फिर सत्ता में आई, लेकिन प्रमोद महाजन हार गए। उन्हें राज्यसभा भेजा गया। सूचना प्रसारण मंत्री रहे और टेलीकॉम पॉलिसी में कई सुधार किए। उन पर वित्तीय गड़बड़ियों और रिलायंस को फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगते रहे।
प्रमोद महाजन ने कम समय में ही तेजी से राजनीति में तरक्की की। महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना में गठबंधन करवाने में भी उनकी अहम भूमिका थी। प्रमोद पर गोली क्यों चली, इसकी असली वजह कोई नहीं जानता। कहा जाता है कि पारिवारिक संपत्ति को लेकर दोनों भाइयों में विवाद चल रहा था।

1971 युद्ध के जांबाज का निधनः लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा का जन्म 1916 में पाकिस्तान में हुआ था। सन 1938 में उन्हें सेना में कमीशन मिला। सन 1964 में जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में उनको पूर्वी कमान की जिम्मेदारी सौंपी गई। 1973 में जनरल अरोड़ा सेना से रिटायर हो गए। उन्हें 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने साहसिक फैसलों के लिए जाना जाता है। इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ। पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने अपनी पूरी सेना के सामने समर्पण पत्र पर हस्ताक्षर किए। उनके सामने थे लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा। 1971 युद्ध के हीरो। आज ही के दिन 2005 में उनका निधन हो गया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 03 मई को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं परः

1660: स्वीडन, पोलैंड और ऑस्ट्रिया ने ओलिवा शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1764: बंगाल के नवाब मीर कासिम को अंग्रेजों ने हराया।
1765: फिलाडेल्फिया में पहला अमेरिकी मेडिकल कॉलेज खुला।
1845: चीन के कैंटन में थियेटर में आग लगने से 1600 लोगों की मौत।
1896: भारत के राष्ट्रवादी, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और भारत के पूर्व रक्षा मंत्री वी. के. कृष्ण मेनन का जन्म
1913: पहली भारतीय फीचर फिल्म राजा हरिश्चन्द्र प्रदर्शित हुई।
1919: अमानुल्ला खान द्वारा ब्रिटिश भारत पर आक्रमण जिससे ऐंग्लो-अफगान युद्ध की शुरुआत हुई।
1930: राजस्थान की प्रसिद्ध महिला राजनीतिज्ञ सुमित्रा सिंह का जन्म।
1951: प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ अशोक गहलोत का जन्म
1955: प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ उमा भारती का जन्म
1955: झारखंड के छठवें मुख्यमंत्री रघुवर दास का जन्म
1961: कमांडर ऐलन शेपर्ड अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमेरिकी यात्री बने।
1965: कंबोडिया ने अमेरिका के साथ राजनयिक संबंध समाप्त किए।
1969: भारत के तीसरे राष्ट्रपति जाकिर हुसैन का निधन।
1977: गणित की दुनिया का प्रतिष्ठित सम्मान ‘फील्ड्स मेडल’ पाने वाली पहली महिला गणितज्ञ मरियम मिर्ज़ाख़ानी का जन्म।
1981: भारतीय सिने अभिनेत्री नरगिस का निधन।
1989: देश के पहले 50 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का हरियाणा में शुभारंभ।
1993: संयुक्त राष्ट्र ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की।
1998: यूरो को यूरोपीय मुद्रा के रूप में स्वीकार किया गया।
2002: अमेरिकी मीडिया ने परवेज मुशर्रफ़ के जनमत संग्रह को ‘शर्मनाक जनमत संग्रह’ बताया।
2003: आस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने।
2005: भारत-पाकिस्तान के बीच लड़े गए 1971 के युद्ध के जांबाज लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा का निधन हुआ।
2006: पाकिस्तान और ईरान ने द्विपक्षीय गैस पाइप लाइन करार पर दस्तखत किए।
2006: भारत के राजनीतिज्ञ प्रमोद महाजन का निधन।
2008: पाकिस्तानी जेल में सजा काट रहे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की फांसी टली।
2008: टाटा स्टील लिमिटेड को ब्रिटेन में कोयला खनन का पहला लाइसेंस मिला।
2013: चीन में डायनासोर का लगभग 16 करोड़ साल पुराना जीवाश्म मिला।
1913: पहली भारतीय फीचर फिल्म राजा हरिश्चन्द्र प्रदर्शित हुई।
2016: कनाडा के अल्बर्टा में भीषण आग लगने से तकरीबन 80 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और इस दौरान अरबों डालर का नुकसान
2019: ओडिशा में तूफान ‘फानी’ का कहर। 33 लोगों की मौत हुई। चेतावनी के बाद सरकार ने हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

 

General Desk

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