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Today History 26 April: चेरनोबिल बना था सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी का गवाह, आज में दर्द से कराहते हैं लोग

दिल्लीः दुनिया में हुई इंडस्ट्रियल त्रासदियों की जब भी बात आती है, तो चेरनोबिल के लचर प्लांट में हुअ विज्ञापन को शीर्ष पांच में रखा जाता है। उस समय सोवियत संघ और आज यूक्रेन स्थित चेरनोबिल प्लांट में परीक्षण होने वाला था, लेकिन क्या पता था कि वह परीक्षण लोगों के लिए कई लोगों के लिए अंतिम पल साबित होगा। 50 लाख लोगों के प्लांट में हुए हादसे से निकले रेडिएशन के शिकार बने। इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की वजह से 4,000 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई।

यह घटना 26 अप्रैल 1986 घटित हुई थी। यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 130 किमी उत्तर में प्रिपयेट शहर में चेरनोबिल पावर प्लांट लगा था। उस समय यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा था। चेरनोबिल पावर स्टेशन में चार झुकाव प्रमाण पत्र थे। एक दशक में इन्हें बनाया गया था। जब हादसा हुआ तब दो सर्टिफिकेट पर काम चल रहा था।

26 अप्रैल को अस्पष्ट पौधे में परीक्षण होना था। इससे पता चलता है कि बिजली जाने पर डीजल बूस्टर कितना देर तक चालू रह सकता है। कितने देर तक घूम सकते हैं। टेस्ट की तैयारी 1-2 दिन पहले ही शुरू हो गई थी। 26 अप्रैल की रात टेस्ट शुरू हुआ। रात करीब 1:30 बजे कनेक्ट करने वाले वॉल्व को हटा दिया गया। शटरिंग स्थिति में कूलिंग रखने वाले सिस्टम और अंदर होने वाले धुंधले फ्यूजन को भी रोका जा सकता है। अचानक चक्कर के भीतर भ्रम की प्रक्रिया कंट्रोल से बाहर हो गई। सभी आठ कूलिंग पंप कम पावर पर चालित हैं, इस घोषणा के गर्म होने और इससे भ्रमित होने वाली प्रतिक्रिया और तेज हो गई। प्लांट में अफरा-तफरी का माहौल था। शटरिंग को बंद करने की कोशिश कर रहे हैं कि शटर में शटर धमाका हुआ। धमाका इतना जबरदस्त था कि छत की छत उड़ गई। वहां 32 लोगों की मौत हो गई। रेडियोएक्टिव रेडियोएशन हिरोशिमा और नागासा पर गिराए गए परमाणु बम से कई उदाहरण सामने आए।

हवा के साथ उत्तरी और पूर्वी यूरोप में ये रेडिएशन फैल गया।
विकिरण से रूस, यूक्रेन, टिकट के 50 लाख लोग चपेट में आ गए। इस विकिरण के निशान से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से 4 हजार लोग मारे गए। 2.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। लाखों लोगों का स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ। 2000 में चेरनोबिल में काम करने का शून्य प्रतिशत भी बंद कर दिया गया।

सोवियत संघ ने इस घटना को दबाना चाहा। कई दिनों तक इस हादसे की जानकारी दुनिया को नहीं दी गई। रेडिएशन में हवा टूट गई थी, इसलिए उसे छिपाना मुश्किल था। रेडिएशन और राख स्वीडन के रेडिएशन मॉनिटरिंग स्टेशन तक पहुंचते हैं। वह चेरनोबिल से करीब 1100 किलोमीटर की दूरी पर था। हवा में अचानक से रेडियेशन बढ़ने पर स्वीडन की सूचना चौकन्ना हो गई। वे पता लगाने में लग गए कि रेडिएशन कहां से आया। जब स्वीडन ने रूसी सरकार से पूछा तब सोवियत संघ ने इस घटना को स्वीकार किया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 26 अप्रैल को घटित हुई महत्वपूर्ण घटनाएं पर-

1654: ब्राजील से यहूदियों को निकाला गया।
1828: रूस ने ग्रीस (अब यूनान) की स्वाधीनता को समर्थन करने की दिशा में तुर्की से युद्ध की घोषणा की।
1841: बॉम्बेइअटिक अखबार पहली बार सिल्क के कपड़े पर प्रकाशित हुआ।
1920:  महान संकेत श्रीनिवास रामानुजन का निधन।
1926:  जर्मनी और रूस ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1928:  मॉम की साइट को लंदन में प्रसिद्ध ‘मैडम तुसाद प्रदर्शनी’ के रूप में प्रदर्शित किया गया।
1929:  इंग्लैंड से पहली नॉन-स्टॉप फ़्लाइट ने पूरी तरह से यात्रा की।
1942:  चीन के मंचूरिया के होन्केको में मामूली विस्फोट से 1,549 लोगों की मौत हुई।
1948:  बॉलीवुड अभिनेत्री संबंधित चटर्जी का जन्म।
1959:  क्यूबा ने पनामा पर आक्रमण किया।
1962:  पहली बार एक अमेरिकी अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की सतह पर प्रवेश किया। अंतरिक्ष यान रेंजर-4 ने चांद की सतह पर कदम रखा है। चांद तक पहुंचने वाला यह पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान था।
1974:  माल्टा ने संविधान अंगीकार किया।
1975:  सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना।
1986:  चेरनोबिल में परमाणु दुर्घटना हुई। उस समय सोवियत रूस का हिस्सा चेरनोबिल हुआ था। जो अब यूक्रेन में है।
1987:  प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक, छायाकार और लेखक नितिन बोस का जन्म हुआ।
1989:  जेड इब्न शेखर जाद अल-रिराइ जॉर्डन के प्रधान मंत्री बने।
1989:  बांग्लादेश में दौलतपुर-सतुरिया में आया तूफान की वजह से 1,300 लोगों की मौत हुई।
1991:  विश्वप्रसिद्ध फुटबाल खिलाडी डिएगो माराडोना कोकीन लेने के मामले में 15 महीने के लिए निलंबित।
1993:  महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बोइंग-737 विमान दुर्घाटनाग्रस्त होने के कारण 56 लोग मारे गए।
1999:  भारतीय राष्ट्रपति नारायणन ने नए चुनावों के लिए संसद भंग की। 1999 के चुनावों में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए की बनी सरकार, जिसने 5 साल तक शासन किया और ऐसा करने वाली पहली गैर-कांग्रेस सरकार बनी।
2004:  इराक के नए झंडे को मान्यता मिली।
2005:  सीरिया ने लेबनान में 29 साल बाद अपना सैन्य अधिकार छोड़ा।
2006:  भारत और उज़्बेकिस्तान ने दह संधि पर हस्ताक्षर किए।
2009:  अमेरिका ने स्वाइन फ्लू की महामारी घोषित की।
2010:  बिहार सरकार ने बिहार के प्रसिद्ध चिनिया केले की ब्रांडिंग ‘गंगा केला’ के रूप में करने का फैसला किया।
2013:  दक्षिण अफ़ग़ानिस्तान में बस पर हमला किया गया और 30 लोगों की मौत हुई।

 

 

General Desk

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